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आज ग्रहस्थ अवस्था की माता जी के निधन पर मुनि श्री प्रमाणसागर जी महाराज के उदगार.. #MuniPramansagar • #ShankaSamadhan
मुनि श्री प्रमाणसागर जी महाराज की गृहस्थ अवस्था की माता जी श्रीमती सोहनी देवी जी सेठी का कल रात्रि 10 बजे शुभ परिणामों के साथ स्वर्गवास हो गया वो पिछले 1 वर्ष से बीमार चल रही थी..
कैबिनेट मंत्री उमा भारती जी आज पपोरा जी आयी आचार्य श्री के दर्शन किए तथा 1 घंटा चर्चा की!
today Cabinet Minister Uma Bharti visited PaporaJi (Tikamgadh) her Birth place. And spend more thn 1 hour in discusión and took blessings from #AcharyaVidyasagar Ji. she has mentioned by her official #facebook page and #twitter handler 🙂
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दुःखेष्वनुद्विवग्नमनाः सुखेषु विगतस्प्रृहः।
वीतरागभयक्रोधः स्थितधीरमुनिरुच्यते।।
(Bhagvat Geeta,Chapter 2,Verse 56)
One whose mind remain undisturbed amidst misery, who does not crave for pleasure, and who is free from all sorts of wordly attachment (Veetragi), fear and anger, is called a real sage of steady wisdom.
the perfect live example of this is Acharya Shri Guruvar Vidyasagar Ji 🙏
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यह आश्चर्य ही है कि तीर्थंकरों के कुल में जन्म लेने के बाद भी आपके बच्चों को "नज़र" लग जाती है.....और कुछ मिर्ची, आग, पत्थर से उतर भी जाती है.....सुना है काला धागा भी "बुरी नज़र" से बचाता है....ताबीज़ भी हमारे बच्चों की सुरक्षा करता है....
तो फिर 148 कर्म की प्रकृतियाँ क्या करती हैं
जैन दर्शन रहस्य....निर्भय भवः
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मार्बल किंग अशोक पाटनी जी के छोटे भाई विमल पाटनी भी कम नहीं #share_maximum • #RKMarble • #AshokPatni
श्री विमल पाटनी जो कि वंडर सीमेंट के मालिक है आज चूरू आये, स्व.श्री ओम प्रकाश जी शर्मा गांव मोती का बास(डीलर वंडर सीमेंट) का लगभग 15 दिन पहले बीकानेर जाते वक्त सड़क हादसे में मृत्यु हो गई थी के घर आज संवेदना प्रकट करने किशनगढ़ से हेलीकाप्टर से चूरू आये। वंही श्री पाटनी जी ने राजेन्द्र जी राठौड़ से फ़ोन पर बात की ओर न केवल संवेदना प्रकट की बल्कि उनके तीनो बच्चों को उनके परिवार वाले या वो बच्चे जैसी चाहे वैसी शिक्षा जंहा दुनिया मे चाहे वैसी शिक्षा ले पूरा खर्च वंडर सीमेंट उठाएगी, ओर साथ ही स्व. ओम जी शर्मा की पत्नी के नाम से पांच लाख की एफडीआर ओर पांच लाख की उनकी बेटी के नाम से दी, उसके बाद घायल बुधराम शर्मा के घर खासोली गए उनकी कुशल क्षेम पूछी ओर पहले से उनके पूरा इलाज वंडर सीमेंट करवा रही है और करवाएगी दो लाख रुपये की एफडीआर,ओर साथ ही ओम जी शर्मा के ड्राइवर जिसकी भी इस दुर्घटना में निधन हुआ है उनकी धर्मपत्नी के नाम से दो लाख रुपये की एफडीआर ओम जी शर्मा का परिवार ही पहले की तरह वण्डर सीमेंट का काम देखेगा, कंपनी के प्रतिनिधियों को कहा इन्हें व्यापार में या परिवार के किसी भी काम मे कोई भी प्रकार की दिकत नही आनी चाहिए, घर वालो को अपने व्यक्तिगत मोबाइल नंबर दिए और कहा किसी भी प्रकार की समस्या आये मुझे तुरन्त काल करना,
अच्छा लगा कि जिस कम्पनी के कितने ही डीलर होंगे देखा जाए तो कोई आये कोई जाए कम्पनी को फर्क नही पड़ता पर विमल पाटनी जैसे भी व्यापारी है इस दुनिया मे जो अपने से जुड़े हर इंसान को अपना परिवार समझते है आज मुझे अमीर और सेठ का अंतर भी समझ मे आया,अमीर कोई भी हो सकता है पर सेठ आदमी दिल से होता है, सलाम ऐसे सेठ को!
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Conversation with 'GOD' @ Ramtek By -Amit Kasliwal, Gurgoan [ Ford India, Sales Head, IIT & IIM's visiter guest lecturer ]
आज मेंने पुनः अपने आप को बहुत ही धन्य और ऊर्जावान महसूस किया जब मैने अपने भगवान आचार्य श्री जी का दर्शन रामटेक महाराष्ट्र में किया. और जब आप उनसे (आचार्य श्री) समय, वात्सल्य, स्नेह और पूरी समपर्ण से आशीर्वाद प्राप्त करते हो। मैने ये सब आज अनुभव किया।।
आचार्य श्री का वर्णन-: वो एक महान, आध्यत्मिक और अदभुत संत हैं, जो 16 भिन्न- भिन्न भाषाओं के जानकार हैं, जो आज के समय में भी बहुत ही न्यूनतम आवश्यकताओं और बहुत ही सादा जीवन शैली के साथ अपना जीवन बहुत आनंदपूर्वक जी रहे हैं, जो आज भी बिजली का प्रयोग नही करते, जो अपने नंगे पैरों से भारत के बहुत से नगर और गाँवों को धन्य कर चुके हैं, लाखों व्यक्तियों के जीवन का उद्धार और सुधार कर रहे हैं! जिनके दर्शन मात्र से लाखों व्यक्तियों की आंखे और हृदय आनंदित हो जाते हैं, जो आज के समय के सबसे बड़े और उत्कृष्ट साधु हैं...
जो आज भी इस भारत देश और यहां विद्यमान सभी चीजों के उद्धार के लिए बड़े उत्साही हैं.. जो पूरी तरह और निःस्वार्थ भाव से इस संसार के सभी प्राणियों की मंगल कामना करने में ही विश्वास रखते हैं।
भाइयों और बहिनो में आपके सामने आचार्य श्री और मेरे बीच रामटेक मे हुए वार्तालाप के कुछ अंश यह प्रस्तुत कर रहा हूं-: उन्होंने बताया कि प्रत्येक व्यक्तियों को अपने जीवन के निर्वाह के लिए सबसे उत्कृष्ट अगर कोई साधन है तो वह हे उत्पादन, अपनी जरूरतों की पूर्ति स्वयं अपने द्वारा उत्पादित कृषि, कपड़ा आदि अहिंसा के माध्यम से करना चाहिए, दूसरा मध्यम साधन व्यापार करना और तीसरा जघन्य साधन नौकरी है। उन्होंने बताया कि इन सब में श्रेष्ठतम, सभी को अपनी आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन अपने द्वारा ही अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए करना चाहिए। पुराने समय मे सभी व्यक्ति अपने पहनने के लिए कपड़ा हथकरघा के माध्यम से बनाते थे, जो कि हमारे शरीर और स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा रहता था, उस माध्यम से हमारा शरीर "श्रम" करता था और हमारा पहनावा उत्तम होता था, यह पहनावा हमे एक आत्मविश्वास और स्वाधीनता देता था।
एक पुरानी पुराण पुस्तक के अनुसार एक मनुष्य की 72 कलाएँ (महारथ) होती थी, जिनमें से कुछ-: नाचना, लिखना, पढ़ना, भोजन बनाना आदि।
पुरुषों को भी भोजन बनाना सीखना चाहिए यदि उसे भोजन बनाना नहीं आता है😃😃
उन्होंने बताया कि भारत देश के अनेकों गाँव के लोग किसान आदि उत्पादक और स्वतंत्र होते हैं लेकिन उन्हें अपने द्वारा उत्पादित वस्तु (अनाज) आदि का सही मूल्य प्राप्त नहीं होता। यह ठीक नही है हम सभी को इस बारे में इस तरह प्रयास करना चाहिए कि किसानों को उनके द्वारा उत्पादित फसल का सही सही मूल्य मिलने लग जाए।।
अंग्रेजी और हिंदी के प्रयोग में उन्होंने बताया कि इस चीज ने हमारे भारत देशवासियों में बहुत ही असमानता का माहौल बना दिया है। जो व्यक्ति अंग्रेजी का उपयोग करता है वो सम्मानीय, प्रतिष्टित और ज्यादा पैसे वाला कहा जाता है, वो बुद्धिमान समझ जाता है और दूसरी और जो हिन्दी बोलता है उसे लोग अलग दृष्टि से देखते हैं जबकि रोचक तत्व ये है कि हिंदी भाषा अंग्रेजी भाषा की तुलना में बहुत ही सम्पन्न है। हिंदी भाषा में जहाँ 77000 प्रायोगिक शब्द है वहीं पर अंग्रेजी भाषा में मात्र 12000 प्रायोगिक शब्द ही हैं। हिंदी भाषा शब्दों को भंडार है, तथा इस भाषा की अभिव्यक्ति में भावनात्मकता और संबंध आदि बनाने की शक्ति है। भाषा और भावना दोनो ही सीधे संबंध बनाने में बहुत ही उपयोगी हैं। भारत देश का नागरिक होने के साथ साथ हमारी मातृभाषा पर हमारी पकड़ होना हमारे लिए एक वरदान है। हम अपनी मातृभाषा में किसी भी बात को बहुत अच्छे और बड़ी सरलता से समझ सकते हैं। इस तरह का अभ्यास और चलन दुनिया के बहुत से विकसित देशों-: फ्रांस, चीन जापान, जर्मनी आदि में चलता है। उन्होंने बताया कि ऑक्सफ़ोर्ड शब्दकोश में इंडिया शब्द का अर्थ दिया है- पुरानी सभ्यता के आपराधिक प्रवृत्ति के लोग, अपराधी, गुलाम, ये ही मानसिकता इस महान देश का नाम भारत से इंडिया रखना हो सकता है।। उन्होंने बताया कि हम क्यों आज भी अंग्रेजों द्वारा दिये गए इस इंडिया नाम को पिछले 190 वर्षों से ढो रहे हैं? भारत का नाम इंडिया क्यों बदला गया, ज़रा सोचिए?
मैने उनके इस उदार दृष्टिकोण और कार्यक्षमता में इस संसार के सभी जीवों के प्रति एक बहुत ही महान औए दया का भाव देखा। वो इस संसार के सभी लोगों के लिए आनंद और शांति चाहते हैं, वो ऐसा संसार चाहते हैं जिसमे कहीं भी भेदभाव,असमानता और गरीबी जैसा कोई कष्ट किसी भी प्राणी को न हो।।
- अमित कासलीवाल 29h Sept
Amit Kasliwal, Gurgoan [ Ford India, Sales Head & IIT, IIM's visiter guest lecturer ]
admin words -when will I be meeting him in a person, will be most pious moment of my life. bcoz of whom my feeling gets alive like goose-bumps.. standing and watching him feels me earth-rooted. I’ve nothing to ask, just want feel his persona by behold his gesture.. that is rendered as per Jainism philosophy Exactly!! 🙂
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