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👉 आमेट (राज.): *आमेट में अणुव्रत महासमिति अध्यक्ष श्री संचेती*
👉 ताम्बरम: चेन्नई - सुखी परिवार सफल परिवार विषय पर कार्यशाला का आयोजन
👉 काठमांडू - निर्माण - एक नन्हा कदम स्वच्छता की ओर
प्रस्तुति: 🌻 *संघ संवाद* 🌻
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*20/03/18* दक्षिण भारत मे मुनि वृन्द, साध्वी वृन्द का सम्भावित विहार/ प्रवास
दर्शन सेवा का लाभ ले
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी* *के आज्ञानुवर्ति मुनिश्री सुव्रत कुमार जी ठाणा* 2 का प्रवास
*KARIOEINDAL से विहार करके शिष्या स्कुल के पास छत्रम् पधारेगे*
(तमिलनाडु)
(वेलुर- तिरुवन्नामलाई रोड)
☎9108075692,
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री रणजीत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*सुरेश जी देवड़ा के निवास स्थान*
*बिड़दी* (कर्नाटक)
(Mysore - Bangalore Road)
☎ 9448374522
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी ठाणा 5* का प्रवास
*Javarilal ji Bumb*
C/o ranjeeth medicals
No: 17 /4 kamraj street
West *tambaram*
*Chennai:45*
☎8107033307,9840214382
9444492965
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य डॉ *मुनि श्री अमृत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*गौतमकुमार जी सेठिया*
43/1 गोपाल पिल्लैयार कोइल स्ट्रीट *तिरुवन्नामलाई*
☎9566296874,9487556076
9940744445
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री रमेश कुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*रामबाबू जी के निवास स्थान पर* *घंडापाली*
(विशाखापट्टनम -चेन्नई रोड)
☎8085400108,7000790899
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री प्रशान्त कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*कोयम्बतुर* ☎9672039432,7200690967
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री विद्यावती जी 'द्वितिय' ठाणा ५* का प्रवास
*बाबुलाल जी आनन्द कुमार जी मरलेचा के निवास स्थान पर*
*पल्लावरम*चेन्नैइ (तमिलनाडु)
☎8890788494
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या "शासन श्री" साध्वी श्री यशोमती जी ठाणा 4* का प्रवास
*विरापल्ली से 9.5 km का विहार करके रामदत्ता आश्रम चेऊर पद्यारेगे*
(विजयवाडा -चेन्नैइ हाईवे)
☎7297958479,7044937375
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री कंचनप्रभा जी ठाणा 5* का प्रवास
*तेरापंथ सभा भवन*
*गॉधीनगर Bangalore* (कर्नाटक)
☎7624946879,
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री राकेश कुमारी जी (बायतु) ठाणा 4* का प्रवास
*लक्ष्मीपत जी कोठारी के निवास स्थान पर*
*विशाखापट्नम्*
☎7728077649,9959037737
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री विमल प्रज्ञा जी ठाणा 10* का प्रवास
*गन्डेपाली से 13 km का विहार करके जी. एस. एल.डेन्टल कालेज के तुरंत बाद तुलसी गार्डन पधारेगे*
(विशाखापटनम -चेन्नैइ रोड)
☎9051582096,9123032136
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री प्रमिला कुमारी जी ठाणा 5* का प्रवास
*लक्ष्मीपत जी कोठारी*
Kothari nivas Lalithanagar Nager
*Visakhapatnam*
☎:9014491997,8290317048
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*संघ संवाद+ संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री काव्यलता जी ठाणा 4* का प्रवास
*Ashta Mangal villa*
27 Lettangs Road, Purasavakam, Chennai-7 (तमिलनाडु)
☎8428020772,984017646
9884244004
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री प्रज्ञा श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*तेरापंथ “सभा भवन” त्रिपुर से प्रातः 07:00 बजे 11 km का विहार करके “Body Glove House Utkuli पधारेगे*
*रात्री प्रवास*
*Apk Kalyan mandapam*
☎7200299224,9363013721
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिस्या साध्वी श्री सुर्दशना श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*पारस गार्डन रायचुर*
☎9845123211
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*संघ संवाद + संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री लब्धि श्री जी ठाणा 3 का प्रवास*
*मोहनलाल जी टाटिया गेस्ट हाऊस* मे
*KETTI*
(ऊटी - कुन्नुर रोड)
☎9442251218
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*संध संवाद*+ *संध संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री मघुस्मिता जी ठाणा 6* का प्रवास
*बाबूलाल जी पोरवाल*
61 रामाईयग्र रोड सज्जनराव सर्कल *V. V Puram Bangalore* (कर्नाटक)
☎7798028703,9845148568
9980940400
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👉 *पुज्यवर का प्रेरणा पाथेय*
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🔹 *एस.एस.डी. हाईस्कूल में पधारे तेरापंथ के नाथ*
🔸 *लगभग दस किलोमीटर का विहार कर आचार्यश्री पहुंचे पास्तीकुड़ी*
*दिनांक - 19-03-2018*
प्रस्तुति - 🌻 *संघ संवाद*🌻
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Update
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जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।
📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य* 📙
📝 *श्रंखला -- 285* 📝
*कोविद-कुलालङ्कार आचार्य भट्ट अकलङ्क*
*साहित्य*
*प्रमाण संग्रह*
गतांक से आगे...
जैनाचार्यों की परंपरा में अकलंक प्रौढ़ दार्शनिक विद्वान् थे और जैन न्याय के प्रमुख व्यवस्थापक थे। उनके द्वारा निर्धारित प्रमाण शास्त्र की रूपरेखा उत्तरवर्ती जैन आचार्यों के लिए मार्गदर्शक बनी है। अमरकोश का यह प्रसिद्ध श्लोक है—
*प्रमाणमकलङ्कस्य पूज्यपादस्य लक्षणम्।*
*द्विसन्धानकवेः काव्यं रत्नत्रयमपश्चिमम्।।*
अकलंक की प्रमाण व्यवस्था, पूज्यपाद का लक्षण और धनंजय का द्विसन्धान काव्य ये अपश्चिम रत्नत्रयी हैं।
जैन तर्कशास्त्र का परिमार्जित एवं परिष्कृत रूप आचार्य अकलंक के ग्रंथों में है। आचार्य विद्यानंद, वादिराज, अनंतवीर्य, प्रभाचंद्र आदि विद्वानों ने आचार्य अकलंक के अष्टशती, न्याय-विनिश्चय, प्रमाण-संग्रह, सिद्धि-विनिश्चय तथा लघीयस्त्रयी पर विस्तृत टीकाएं लिखी हैं। श्वेतांबर और दिगंबर दोनों परंपराओं के विद्वान् आचार्य अकलंक के साहित्य पर मुग्ध हैं।
*समय-संकेत*
आचार्य अकलंक ने अपने ग्रंथों में कहीं समय संकेत नहीं दिया है। आचार्य अकलंक की तत्त्वार्थ वार्तिक में देवनंदी की तत्त्वार्थ वृत्ति के बहुभाग को मूल वार्तिक के रूप में स्थान प्राप्त है। पात्रकेशरी के त्रिलक्षणकदर्शन ग्रंथ की कारिका 'अन्यथानुपपन्नत्वं' का उपयोग अकलंक के न्याय-विनिश्चय ग्रंथ में हुआ है। इस आधार पर इन दोनों विद्वानों से आचार्य अकलंक उत्तरवर्ती हैं।
आचार्य हरिभद्र ने अनेकांत जयपताका में अकलंक न्याय शब्द का प्रयोग किया है। आचार्य जिनदास महत्तर ने निशीथ चूर्णि में अकलंक के सिद्धि-विनिश्चय ग्रंथ का भी उल्लेख किया है और उसे प्रभावक ग्रंथ बताया है। अतः दोनों विद्वानों से आचार्य अकलंक पूर्ववर्ती सिद्ध होते हैं।
अकलंक चरित्र में अकलंक के शक संवत् 700 (ईस्वी सन् 778) में बौद्धों के साथ हुए शास्त्रार्थ का उल्लेख है। उल्लेख का पद्य इस प्रकार है—
*विक्रमार्कशकाब्दीय शतसप्तप्रमाजुषि।*
*काले अकलङ्कयतिनो बौद्धैवार्दो महानभूत्।।*
डॉ. महेंद्र कुमार आदि आधुनिक शोध विद्वानों ने अकलंक का समय ईस्वी सन् 720 से 780 सिद्ध किया है।
आचार्य अकलंक वीर निर्वाण की 14वीं (विक्रम की 9वीं) शताब्दी के विद्वान् थे। अकलंक चरित्र में प्राप्त शास्त्रार्थ सम्वत् के आधार पर आचार्य अकलंक वीर निर्वाण 11वीं, 12वीं (विक्रम की 7वीं, 8वीं) शताब्दी के विद्वान् थे।
अजेय वादशक्ति, अतुल प्रतिभा-बल एवं मौलिक चिंतन-पद्धति से आचार्य अकलंक भट्ट कोविद कुल के अलंकार थे एवं युग प्रवर्तक आचार्य थे। उनको जैन न्याय का पिता कहा जाता है।
कलिकाल में माया देवी की शक्ति का रहस्योद्घाटन करने वाले आचार्य अकलंक यथार्थ में ही अकलंक थे।
*जिनचरणानुगामी जिनदास महत्तर के प्रभावक चरित्र* के बारे में पढ़ेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...
प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
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त्याग, बलिदान, सेवा और समर्पण भाव के उत्तम उदाहरण तेरापंथ धर्मसंघ के श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।
📙 *'नींव के पत्थर'* 📙
📝 *श्रंखला -- 109* 📝
*मोखजी खमेसरा*
*बंधन और छुटकारा*
आगरा तथा उसके आसपास के नगरों में उन दिनों डूंगजी-जुहारजी का बड़ा आतंक था। वे शेखावाटी में बठोठ गांव के शेखावत राजपूत थे। स्वतंत्रता प्रेमी होने के कारण अंग्रेजों और उनके पिछलग्गू राजाओं के पूर्णतः विरोधी थे। शेखावाटी, बीदायत और नागौर क्षेत्र के अनेक राजपूत घरानों में उन्होंने विद्रोह की अग्नि प्रज्वलित कर दी। सरकारी सेना ने बठोठ को घेरा तो वे जंगलों में चले गए और सेना बनाकर गुरिल्ला हमले करने लगे। अनेक बार उन्होंने राजकीय खजाने लूटे। एक बार तो राजस्थान की सीमा पर पड़ी सरकारी सेना के घोड़े भी उन्होंने लूट लिए। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, आगरा, मेरवाड़ा आदि अंग्रेज शासित राज्यों में भी वे लोग धावा बोलते और अंग्रेज भक्त धनिकों को लूटते तथा गरीबों का सहयोग करते। अंग्रेज सरकार ने पहले तो उन्हें प्रलोभनों के द्वारा झुका लेना चाहा, परंतु वे प्रलोभनों के किसी भी जाल में नहीं फंसे। सरकार ने तब उन्हें डाकू घोषित कर दिया और पकड़ने तथा पकड़वाने वाले को सहस्रों रुपयों का पारितोषिक देने की घोषणा की। इतने पर भी सरकार को कोई सफलता नहीं मिली। जनता उन लोगों को संरक्षण देती और सरकार के सारे प्रयासों को निष्फल कर देती। सैनिक टुकड़ियों से अनेक बार उनकी मुठभेड़ हुई, परंतु वे कभी उनकी पकड़ में नहीं आए। गुरिल्ला युद्ध के द्वारा उन्होंने शासकों की नाकों में दम कर दिया। डूंगजी का ससुराल 'झड़वासा' में था। कभी-कभी वे वहां जाते रहते थे। मेजर फॉरेस्टर को जब यह पता चला तो उसने डूंगजी के साले भैरूंसिंह को प्रलोभन देकर अपनी ओर कर लिया। अगली बार डूंगजी ससुराल आए तब धोखा देकर साले ने उन्हें रात को सोते समय पकड़वा दिया। हाथ पैरों में बेड़ियां पहना कर उन्हें आगरा के लाल किले में बंदी बनाकर रखा गया। जुहारजी उनके भतीजा थे। उन्होंने तब शीघ्र ही योजना बनाई और जेल तोड़कर उन्हें छुड़ा लिया। अंग्रेज सरकार बौखला उठी। उन्हें पुनः पकड़ने के लिए बड़ी तत्परता से खोज चालू कर दी गई।
उन्हीं दिनों मोखजी का दल आगरा के मार्ग पर चला आ रहा था। उनके साथ अनेक व्यक्ति शस्त्र-सज्ज थे, अतः डूंगरजी-जुहारजी के साथी होने की आशंका में वे सब पकड़ लिए गए। उन्होंने अपनी स्थिति को स्पष्ट करने के लिए जो कुछ कहा उसे मनगढ़ंत समझा गया। उस अचिंतित विपत्ति से मोखजी बड़ी दुविधा में फंस गए। पराया राज्य, अनजाना नगर और अपरिचित व्यक्ति सभी कुछ प्रतिकूल था। बहुत कहने सुनने के पश्चात् अधिकारी व्यक्ति केवल इतने के लिए तैयार हुए कि यदि यहां कोई व्यक्ति उन्हें जानता हो तो उसकी जमानत पर उन्हें छोड़ा जा सकता है।
*क्या आगरा में कोई ऐसा व्यक्ति था... जिसने श्रावक मोखजी व उनके साथियों की जमानत दी और उन्हें छुड़वाया...?* जानेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...
प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
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News in Hindi
👉 हिसार - नव वर्ष नवरंग जागे नई उमंग कार्यक्रम आयोजित
👉 दक्षिण कोलकाता - ENTER INTO NEW ERA कार्यशाला आयोजित
👉 कांलावाली - निर्माण एक नन्हा कदम स्वच्छता की ओर कार्यक्रम आयोजित
👉 ईरोड - निर्माण एक नन्हा कदम स्वच्छता की और
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👉 *"अहिंसा यात्रा"* के बढ़ते कदम
👉 पूज्यप्रवर अपनी धवल सेना के साथ विहार करके "पास्तीकुड़ी" पधारेंगे
👉 आज का प्रवास - एस.एस.डी हाई स्कूल, पास्तीकुड़ी, जिला - कालाहांडी (ओड़िशा)
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👉 आमेट: तुलसी अमृत विद्यापीठ में महासमिति अध्यक्ष श्री संचेती
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👉 प्रेक्षा ध्यान के रहस्य - आचार्य महाप्रज्ञ
प्रकाशक - प्रेक्षा फाउंडेसन
📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
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