ShortNews in English
Jasol: 20.09.2012
Acharya Mahashraman while addressing Jeevan Vigyan Training Camp told development of knowledge can awaken consciousness. Sanyam and Discipline give happiness in life. Acharya Mahaprajna gave valuable contribution by giving Jeevan Vigyan to education field.
News in Hindi
आचार्य महाश्रमण
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ज्ञान के विकास से चेतना का जागरण: आचार्य
जसोल(बालोतरा) २० सितम्बर २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण ने कहा कि ज्ञान के विकास से चेतना का जागरण होता है, ज्ञान अमूल्य निधि है। इसके समान कोई पवित्र वस्तु संसार में नहीं है। जीवन में ज्ञान और शिक्षा का विकास होना चाहिए। आचार्य महाश्रमण बुधवार को वीतराग समवसरण में कॉलेज स्तरीय जीवन विज्ञान प्रशिक्षण शिविर में उद्बोधन दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि संयम और अनुशासन से जीवन में सुख की सृष्टि होती है। अध्यात्म शिक्षा पर बल देते हुए आचार्य महाश्रमण ने कहा कि विद्यार्थियों में अच्छे संस्कार और नैतिक मूल्य अवतरित होने चाहिए। इस दृष्टि से आचार्य तुलसी और आचार्य महाप्रज्ञ ने जीवन विज्ञान का अवदान देकर शिक्षा जगत को कृतार्थ किया है। शिक्षा के साथ नशा मुक्ति और आवेश मुक्ति का संकल्प भी पुष्ट होना चाहिए। नैतिकता पर गहरी आस्था जीवन को धन्य बना देती है तथा समाज को श्रेष्ठ बना देती है। मंत्री मुनि सुमेरमल ने कहा कि वहीं जीवन सार्थक है, जिसमें आनंद और शुचिता है। किसी को दुख न देना जीवन का आदर्श होना चाहिए। क्षमता का उपयोग करने वाला जीवन के प्रति न्याय करता है।
इससे पूर्व में कार्यक्रम में मुनि नीरजकुमार ने मंगल संगान गीतिका से किया। मुनि किशनलाल, ओमप्रकाश सारस्वत, व्याख्याता श्रीमती निर्मला भास्कर, समणी ज्योति प्रज्ञा, रामप्रकाश सोनी सहित वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। संचालन मुनि हिमांशु कुमार ने किया।
तत्व ज्ञान संगोष्ठी आयोजित: आचार्य महाश्रमण के आशीर्वाद से मुनि मदन कुमार ने तत्व ज्ञान संगोष्ठी में भगवान पाŸव और महावीर की स्तुति का भावपूर्ण संगान किया। मुनि मदन कुमार ने कहा कि आश्रव संसार का हेतु है और संवर मोक्ष का। गुण स्थान आरोहण करने पर आश्रव घटता है और संवर तत्व बढ़ता है।
ज्ञानशाला प्रशिक्षक प्रशिक्षण शिविर आज से: आचार्य महाश्रमण के सानिध्य में तीन दिवसीय 20, 21 व 22 सितंबर को ज्ञानशाला प्रशिक्षक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन गुरुवार से होगा। यह जानकारी ज्ञानशाला आंचलित संयोजक शिवकुमार ढेलडिय़ा ने दी।
तपस्या का प्रत्याख्यान: चातुर्मास में तपस्वी भाई-बहन में तपस्या की जड़ी लगी हुई है। आचार्य महाश्रमण ने सभी तपस्वी भाई-बहनों को प्रत्याख्यान करवाया।