ShortNews in English
Jasol: 24.07.2012
Acharya Mahashraman said that forgiveness is virtue. He told people to control anger. During Pravachan Divya Chopra (11) and Sonu Chopra (15) given permission to join Parmarthik Shikshan Samstha.
News in Hindi
क्षमा वीरों का आभूषण: आचार्य
जसोल(बालोतरा) Published on 24 Jul-2012 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
जैन तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण ने क्षमा का अभ्यास साधक के लिए श्रेयस्कर बताते हुए कहा कि क्रोध एक प्रकार का कषाय है। आचार्य ने क्रोध को नशा बताते हुए कहा कि वीरों का आभूषण क्षमा होता है। गुस्सा उसे आता है जो सहन नहीं कर सकता। सहन नहीं कर पाना भी कमजोरी है। उन्होंने कहा कि जिस आदमी के पास सहने की क्षमता है, शक्ति होने पर भी गुस्सा नहीं करता, यह उसका बड़प्पन है। इस प्रकार क्षमा वीरों का आभूषण है। ताकतवर का शांत रहना बड़प्पन है। आचार्य सोमवार को चातुर्मास प्रवचन के दौरान धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। आचार्य ने कहा कि व्यक्ति में क्षमता होने पर भी क्षमा करना, शांति रखना बड़ी बात है। साधु का धर्म है कि वह क्षमा का आसेवन करें। यह साधु की साधना होती है। आचार्य ने प्रेरणा देते हुए कहा कि व्यक्ति विरोध को भी विनोद समझे। व्यक्ति बात-बात में आवेश में न आए। गुस्सा नहीं करना कल्याणकारी होता है। व्यक्ति प्रतिकूलता को सहन करें तो पूर्वार्जित कर्मों की निर्जरा होती है। गुस्सा नहीं करने का व्यवहार लाभ भी है। गुस्सा नहीं होने पर परिवार में शांति रहती है। गुस्सा नहीं करना व्यापारिक दृष्टि से भी अच्छा रहता है। क्रोध का शमन करना सामाजिक दृष्टि से भी लाभदायक है। आचार्य ने कहा कि आदमी अपमान होने पर भी गुस्सा न करें। आदमी आवेश में आकर कुछ नहीं बोले, शांति रखें। गुस्सा आने पर व्यक्ति जुबान पर लगाम लगाएं। आचार्य ने प्रेरणा देते हुए कहा कि व्यक्ति को यह दुर्लभ मानव जीवन मिला है। व्यक्ति अपने आत्म दुर्गुणों को कम करने का प्रयास करें। व्यक्ति इस संग्राम में अपने आत्म दुश्मनों को परास्त करें। मंत्री मुनि सुमेरमल ने कहा कि व्यक्ति स्वयं को देखें। व्यक्ति का चिंतन बाहरी ही नहीं, बल्कि परम तक जाना चाहिए। व्यक्ति जितना खुद के भीतर देखता है, उतना ही स्वयं को सुधार पाता है। कार्यक्रम के प्रारंभ में कन्या मंडल की ओर से चौबीसी का संगान किया गया। बाव महिला मंडल अध्यक्षा को किला बेन द्वारा भावाभिव्यक्ति दी गई। सुरेश डोसी की ओर से शत-शत वंदन बारंबार गीत का संगान किया गया। कार्यक्रम का संचालन मुनि हिमांशु कुमार ने किया।
धर्मसभा के दौरान आचार्य की आज्ञा से दिव्या चौपड़ा(11) व सोनू चौपड़ा(15) ने पारमार्थिक शिक्षण संस्थान में रविवार को प्रवेश लिया। इनके माता-पिता जवेरी मल व ललीतादेवी चौपड़ा पचपदरा भी उपस्थित थे। वहीं कांतिलाल ढेलडिय़ां को अभातेयुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा संस्था में अच्छा कार्य करने के कारण क्षेत्रीय सहयोगी से कार्य समिति में लिया गया। इस अवसर पर रमेश भंसाली, जितेन्द्र सालेचा, मुदित, तरुण भंसाली, मुदित ढेलडिय़ां उपस्थित थे।
जसोल. धर्मसभा में उपस्थित श्राविकाएं। (इनसेट) आचार्य से आशीर्वाद लेने उमड़ते श्रावक-श्राविकाएं।