26.06.2012 ►Pachpadra ►Householder Should Follow Twelve Vow of Shrawak► Acharya Mahashraman

Published: 27.06.2012
Updated: 21.07.2015

ShortNews in English

Pachpadra: 26.06.2012

Acharya Mahashraman said that Mahavrata is big vow. Anuvrata mean small vows. Householder should follow it. he advised functionaries to stay dedicated towards aim. He advised religious organization not to use black money in their activity.

News in Hindi

गृहस्थ अणुव्रत की साधना करे
पचपदरा 26 Jun-२०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
आचार्य महाश्रमण ने कहा कि महाव्रत में बड़े-बड़े नियम होते हैं जबकी अणुव्रत में छोटे-छोटे नियम होते हैं। महाव्रतों को स्वीकार करने वाला, इनकी साधना करने वाला अणगार साधु होता है और गृहस्थ जीवन में रहने वाला व्यक्ति अणुव्रतों की साधना कर सकता है। जितनी कठिन महाव्रतों की साधना है उतनी कठिन अणुव्रतों की साधना नहीं होती है। यह एक मध्यम मार्ग है। आचार्य ने ये उद्गार पचपदरा में धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।

उन्होंने अणुव्रत प्रवर्तक आचार्य तुलसी की ओर से अणुव्रत को दिए गए अवदान के बारे में कहा कि गुरुदेव तुलसी ने जैन शासन की सीमा के अणुव्रत को असीम बनाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि 12 व्रतों की साधना जैन श्रावक के लिए उचित है पर अणुव्रत को कोई भी व्यक्ति स्वीकार कर सकता है और केवल धार्मिक व्यक्ति ही नहीं, नास्तिक आदमी की अणुव्रती बन सकता है। वर्तमान जीवन को अच्छा बनाने के लिए व्यक्ति को अणुव्रत की साधना अवश्य करनी चाहिए। कार्यकर्ताओं को प्रेरणा देते हुए कहा कि अणुव्रत से जुड़े कार्यकर्ता का जीवन अणुव्रत के अनुरूप होना चाहिए। कार्यकर्ता को नशामुक्त होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता को अच्छा श्रोता होना जरूरी है तथा आलोचना को सहन करने का माद्दा भी कार्यकर्ता में होना चाहिए। कार्यकर्ता को आलोचनाओं से घबराना नहीं चाहिए। कार्यकर्ता का काम सामने आना चाहिए। आचार्य ने कार्यकर्ताओं के लिए कहा कि कार्यकर्ता को कहीं नीचे भी सोना पड़ सकता है। उनको कहीं अच्छा भोजन मिले, कहीं नहीं मिले और कहीं मिले भी नहीं, पर कार्यकर्ता को हर परिस्थिति में सम रहना चाहिए। मनस्वी कार्यकर्ता को सुख-दुख की परवाह किए बिना कार्य को निष्पति तक पहुंचाना चाहिए। कार्यकर्ता में दक्षता व कार्यकौशल होना चाहिए। कार्यकर्ता का व्यवहार विनम्र, शालीन व आकृष्ट होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि व्यक्ति को बोलने का अभ्यास व तरीका होना चाहिए। कार्यकर्ता का प्रस्तुतिकरण अच्छी होनी चाहिए। कार्यकर्ता में लक्ष्य के प्रति समर्पण होना आवश्यक है तभी कार्य अच्छी तरह संपन्न हो सकता है। भगवान महावीर ने जनता को एक अणुव्रत का पथ दिखाया था। आज के दिन भगवान महावीर की पुण्यात्मा माता त्रिशला के गर्भ में आई थी। यह दुनिया का सौभाग्य था कि भगवान महावीर जैसी आत्मा यहां अवतरित हुई। जिस आत्मा ने दिव्य आलोक परम आलोक को प्राप्त किया और दुनिया को भी आलोक प्रदान करने का प्रयास किया। अणुव्रत के प्रति लोगों में निष्ठा जाग जाए तो अर्थ के साधनों में शुचिता रह सकती है। धार्मिक संस्थाओं में कालाधन उपयोग में आता है तो यह एक चिंतनीय बात है। धन प्रति के लिए सत्ता प्राप्ति के लिए अनेक कारणों से व्यक्ति गलत कार्य कर बैठता है। इसलिए इन सबको रोकने के लिए अणुव्रत उपयोगी है। अहिंसा व नैतिकता के क्षेत्र में कार्य करने वाले पुनीत कार्य करते हैं। मंत्री मुनि सुमेरमल ने कहा कि कार्यकर्ता में सुनने व सहन करने की क्षमता होनी चाहिए। उसमें जिज्ञासा समाधान की क्षमत होनी चाहिए। इनमें जो दक्ष होता है वह समाज में काम कर सकता है और दिशा दर्शन दे सकता है। कार्यक्रम के प्रारंभ में अणुव्रत समिति पचपदरा की बहिनों ने अणुव्रत गीत प्रस्तुत किया। भूपत चौपड़ा, ओम बांठिया, डॉ. महेन्द्र कर्णावट ने विचार व्यक्त किए। पारमार्थिक शिक्षण संस्था में प्रवेशित नई मुमुक्षु बहनों कुसुम व चंदा ने मेरी नैया पार लगा दो महाश्रमण गुरुदेव गीत से आचार्य को भाव सुमन अर्पित किए। अणुव्रत समिति पचपदरा की ओर से संकल्प पत्र आचार्य को भेंट किए गए।

कार्यक्रम का संचालन मुनि पुलकित कुमार ने किया।

पचपदरा. धर्मसभा में उपस्थित श्रावक-श्राविकाएं व (इनसेट में) संबोधित करते आचार्य महाश्रमण।

पचपदरा में आयोजित धर्मसभा में आचार्य महाश्रमण ने बताई जीने की कला

Sources

ShortNews in English:
Sushil Bafana

Categories

Click on categories below to activate or deactivate navigation filter.

  • Jaina Sanghas
    • Shvetambar
      • Terapanth
        • Acharya Mahashraman
          • Share this page on:
            Page glossary
            Some texts contain  footnotes  and  glossary  entries. To distinguish between them, the links have different colors.
            1. Acharya
            2. Acharya Mahashraman
            3. Anuvrata
            4. Mahashraman
            5. Pachpadra
            6. Sushil Bafana
            7. आचार्य
            8. आचार्य तुलसी
            9. आचार्य महाश्रमण
            10. दर्शन
            11. भाव
            12. मंत्री मुनि सुमेरमल
            13. महावीर
            14. सत्ता
            Page statistics
            This page has been viewed 849 times.
            © 1997-2024 HereNow4U, Version 4.56
            Home
            About
            Contact us
            Disclaimer
            Social Networking

            HN4U Deutsche Version
            Today's Counter: