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Amet: 05.02.2012
Acharya Mahashraman Did Vihar from Amet.
News in Hindi
अपने, समाज विकास के लिए संयम रखें
मर्यादा महोत्सव में आखिरी दिन के प्रवचन सभा के बाद आचार्य महाश्रमण ने सेलागुड़ा के लिए विहार किया
आमेट. ०६ फरवरी २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
आचार्य महाश्रमण ने कहा कि व्यक्ति को सदैव संयम के प्रति सजग रखने की आवश्यकता है। इससे स्वयं और समाज का विकास होगा और देश प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा। आचार्य ने उक्त विचार यहां अहिंसा समवसरण में 21 दिवसीय मर्यादा महोत्सव के अंतिम दिन रविवार को व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि जब व्यक्ति के जीवन में धर्म का थोड़ा सा अंश आता है तब उसका उद्धार हो जाता है। जब व्यक्ति अणुव्रत के सिद्धांतों को स्वीकार कर लेता है तो वह जीवन में संयम को स्वीकार कर लेता है। आचार्य तुलसी की ओर से प्रदत्त अणुव्रत को स्वीकार करने से व्यक्ति अपने जीवन में अच्छा परिवर्तन महसूस करता है। यह हमें जिंदगी का निर्वाह किस तरह से किया जाए, यह सिखाता है। प्रत्येक व्यक्ति के मन में संयम का भाव जाग जाए तो शांति की बात सार्थक हो सकती है। सभी देशों में परस्पर वैमनस्य न हो, इसके प्रति जागरूकता रहनी चाहिए।
आचार्य ने कहा कि व्यक्ति के जीवन में संयम, क्रोध पर नियंत्रण और अहंकार की भावना नहीं है तो हम अनेक समस्याओं का बखूबी सामना कर सकते है। उन्होंने कहा कि नशामुक्ति अभियान से कितने के जीवन में सुधार होगा। इसका अंदाजा स्वत: ही लगाया जा सकता है। उन्होंने मर्यादा महोत्सव की सफलता को लेकर कहा कि यहां बाहर से समागत लोगों के लिए हर तरह की सुविधाओं की व्यवस्था करना बहुत महत्वपूर्ण काम था। इसे आमेट के लोगों और चातुर्मास व्यवस्था समिति के लोगों ने बिना किसी रुकावट के सुलभ कराया। कार्यकर्ता अपने कर्तव्य के प्रति पूरी तरह से समर्पित रहे। व्यवस्था समिति के संयोजक धर्मचंद खाब्या ने आभार व्यक्त किया।