Location: | Kelwa |
Headline: | Dreams Are Necessary For Progress In Life◄ Acharya Mahashraman And Dr. A.P.J. Abdul Kalam |
News: | Former president Kalam said dreams are necessary if you want o move forward. He told students, teachers and guardian all should see dreams. Dream give birth to thoughts and thoughts can be transformed in action. Action pave way for behaviour and by behaviour we can identify person. Person builds society and nation. |
आचार्य महाश्रमण और मिसाइलमैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने जीवन में तरक्की के लिए सपनों की महत्ती आवश्यकता बताई
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ेलवा में आचार्य महाश्रमण का अभिवादन करते पूर्व राष्ट्रपति कलाम। फोटो उदयगोपाल
‘आगे बढऩे के लिए सपने देखना जरूरी’
राजसमंद केलवा 23 JULY 2011 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो सेवा
मिसाइलमैन तथा पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने जीवन में तरक्की के लिए सपनों की महत्ती आवश्यकता बताई है। उन्होंने कहा कि छात्र, अभिभावक तथा शिक्षक सभी को सपने देखने चाहिए, सपने देखने वाला ही आगे बढ़ता है, क्योंकि सपनों से विचार बनते हैं और विचार से क्रिया का जन्म होता है। क्रिया से व्यवहार बनता है और व्यवहार से इंसान की पहचान होती है, जैसा इंसान होगा, वैसे ही समाज और राष्ट्र का निर्माण होगा।
वे अणुव्रत विश्व भारती में वर्तमान शैक्षिक पद्धति बनाम नैतिक और आध्यात्मिक सेमीनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने राष्ट्रीय नैतिकता के विभिन्न आयामों की स्थापना के लिए परिवार एवं समाज को भी उत्तरदायी बताया। डॉ. कलाम ने कहा कि अभिभावक तथा शिक्षकों के गुण ही बच्चे सीखते हैं। शिक्षा वास्तव में सत्य को आत्मसात करने का माध्यम है। शिक्षा, ज्ञान और अध्यात्म का अनन्त सफर है, जो मानवता के विकास में ’माइल स्टोन’ की तरह है।
सही शिक्षा ही मानवता की पहचान है, जो उसके आत्मसम्मान को बढ़ाती है। शिक्षा का स्तर बदले तो संसद, विधानसभा में शांति संभव: डॉ. कलाम ने वर्तमान शैक्षणिक व्यवस्था में शांति और अनुशासन के हृास पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आधुनिक शिक्षा में शांति, सद्भावना, नैतिकता, रचनात्मकता, तेजस्विता और साहस की सख्त जरूरत है। इन आध्यात्मिक मूल्यों के शिक्षा में विलय के बाद संसद और विधानसभा में भी शांति की स्थापना की जा सकती है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि अणुविभा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. एस.एल. गांधी ने अणुविभा की स्थापना के उद्देश्य और इतिहास की जानकारी दी। कार्यक्रम में हंसमुख मेहता, सुरेश कावडिय़ा, टी.के. जैन, संचय जैन, एडीएम अशोक कुमार, एसडीएम निमिषा गुप्ता, एएसपी प्रदीप मोहन शर्मा, डीईओ डॉ राकेश तैलंग, साक्षरता अधिकारी शंकरलाल सनाढ्य, सीआईडी प्रभारी वहाब खान, अणुव्रत बालोदय के अध्यक्ष हंसमुख मेहता, सुरेश कावडिय़ा, अशोक डूंगरवाल, जगजीवन चौरडिय़ा, गणेश कच्छारा, प्रकाशदेवी तातेड़, बाबूलाल राठौड़, रमेश बोहरा, नरेश मेहता आदि मौजूद थे।
स्कूल विद ए डिफरेंस की घोषणा:
डॉ. कलाम ने स्कूल विद ए डिफरेंस परियोजना पर हस्ताक्षर कर इसकी विधिवत घोषणा की। उन्होंने इस परियोजना द्वारा शिक्षा में नैतिक मूल्यों की स्थापना का सशक्त माध्यम बनने की आशा व्यक्त की। इस दौरान बालमुकुंद सनाढ्य, प्रकाश तातेड़, नरेंद्र निर्मल ने योजना का घोषणा पत्र डॉ. कलाम को प्रस्तुत किया।
राजसमंद. अणुविभा में संगोष्ठी में उपस्थित छात्र छात्राएं
अणुविभा चित्र दीर्घा का अवलोकन:
डॉ. कलाम ने चिल्ड्रंस पीस पैलेस स्थित विभिन्न कक्षों एवं दीर्घाओं का अवलोकन किया। उन्होंने तुलसी अणुव्रत दर्शन, महाप्रज्ञ अहिंसा दर्शन का अवलोकन किया और यहां प्रदर्शित प्रेरक चित्र प्रदर्शनी योगा मॉडल्स को देखा। इसके बाद विश्व दर्शन दीर्घा, पुस्तकालय व विज्ञान कक्ष का अवलोकन किया। प्रयोगशाला में विज्ञान के विभिन्न प्रयोगों को देखते हुए बच्चों से सवाल किए। संग्रहालय, गुडिय़ा घर, महापुरुष जीवन दर्शन आदि के उद्देश्य से भी वाकिफ हुए।
राजसमंद. अणुविभा में प्रदर्शनी का अवलोकन करने आए (बाएं) तथा अणुविभा के बाल संसद में छात्राओं को ऑटोग्राफ देते पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम।
कभी नहीं देखी ऐसी शालीनता:
अणुविभा की चित्र दीर्घा के अवलोकन के वक्त उन्होंने बाल संसद का अवलोकन किया, जहां शांतिपूर्ण शिक्षण एवं गतिविधियों से वे काफी अभिभूत हुए। कलाम का कहना था कि ऐसी शालीनता एवं अनुशासन उन्होंने कभी नहीं देखा।
गार्ड ऑफ ऑनर दिया:
पूर्व राष्ट्रपति डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम को पुलिस के सशस्त्र जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस दौरान कलेक्टर डॉ. प्रीतम बी. यशवंत, पुलिस अधीक्षक डॉ. नितिनदीप, एएसपी प्रदीपमोहन शर्मा, नाथद्वारा डीएसपी राजेश गुप्ता, तहसीलदार कृष्णगोपाल वैष्णव आदि मौजूद थे।
साइबर क्राइम अणुबम से ज्यादा खतरनाक:
केलवा 23 JULY 2011 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो सेवा
डॉ. कलाम ने साइबर क्राइम को अणु बम से ज्यादा खतरनाक बताया है। उन्होंने कहा कि उन्हें आचार्य महाप्रज्ञ ने दिल्ली में शांति की मिसाइल बनाने की कमान सौंपी थी, जिस पर वे शोध कर रहे हैं। कलाम ने कहा कि वर्तमान में अमेरिका तथा रूस के पास ज्यादा अणु बम है, जबकि अन्य देशों के पास इन दोनों देशों के 10 प्रतिशत ही है। उन्होंने आणविक ऊर्जा को निष्प्रभावी बनाने पर भी शोध जारी होने की बात कहते हुए साइबर क्राइम को अणु बम से ज्यादा खतरनाक बताया। कलाम के अनुसार अणु बम एक साथ आतंक फैलाता है, लेकिन साइबर आतंक व्यक्ति के विचारों को प्रभावित करता है। इसके प्रभाव में आने वाले पांच व्यक्ति पचास को प्रभावित करते है, उन्होंने इससे बचाव के उपाय खोजने की जरूरत बताई।
विज्ञान और आध्यात्म का विलय आवश्यक:
आचार्य महाश्रमण ने अध्यात्म और विज्ञान को एक दूसरे का पूरक बताते हुए इनके विलय की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि अध्यात्म परम लक्ष्य मोक्ष है, वहीं विज्ञान केवल पदार्थों तक सीमित हैं। आध्यात्म जहां अन्य शक्ति का संदेश देता है वही विज्ञान पदार्थों के प्रति आकर्षण
केलवा. पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को आचार्य महाप्रज्ञ की छवि भेंटकर अभिनंदन करते आचार्य महाश्रमण चातुर्मास व्यवस्था समिति अध्यक्ष महेंद्र कोठारी एवं सदस्य।
सादगी का पैगाम...: राजसमंद. यहां अणुव्रत विश्व भारती के अवलोकन के वक्त पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ज्योंही भवन से बाहर आए, तो रिमझिम बारिश से बचने के लिए सिक्योरिटी गार्ड ने छाता तान लिया। सामने एक बच्चे को क्लिक करते देख डॉ. कलाम ने सिक्योरिटी गार्ड से छाता अपने हाथ में थाम लिया। कलाम की सादगी के इस नजारे को कैद करता छात्र।