10.05.2011 ►Rajsamand ►Avoid Attachment and Animosity◄ Acharya Mahashraman

Published: 10.05.2011
Updated: 21.07.2015

News In English

Location:

Rajsamand

Headline:

Avoid Attachment and Animosity ◄ Acharya Mahashraman

Content:

Acharya Mahashraman giving daily Pravachan to people of city told to avoid rag and dwesh.

News in Hindi:

राग, द्वेष से बचें: महाश्रमण

राजसमंद 10 May 2011 जैन समाचार ब्योरो प्रस्तुती 

तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण ने कहा कि मनुष्य को राग, द्वेष से बचना चाहिए। इससे मन में विकार आते हैं। आज देश में नशे की प्रवृत्ति के कारण लोग अच्छा बुरा सोचे बिना अनैतिक कार्य करने तक से नहीं हिचकिचाते। समाज में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति को रोकना आवश्यक है। वे सोमवार को साकरोदा में आयोजित धर्मसभा को सम्बोधित कर रहे थे।

 न्होंने कहा कि वर्तमान में हम पदार्थ की दुनिया में जी रहे हैं। मनुष्य को इस राग, द्वेष से बचना चाहिए तथा प्रेम भाव से पदार्थ का सेवन करना चाहिए। काम व भोग विकृति को जन्म देता है। नशे की गिरफ्त में आने के बाद उससे छुटकारा मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा कि मेवाड़ की घाटियों की तरह हमारे जीवन में भी अनेक उतार चढ़ाव आते हैं। मिलना-बिछुड़ना जीवन में चलता रहता है, इसलिए मनुष्य को संयमित जीवन जीना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अहिंसा यात्रा के तहत नशामुक्ति के प्रयास किए जा रहे है। लोगों में जागृति भी आ रही है। आज महिलाओं से अधिक लोग नशे की लत के शिकार हैं। उन्होंने लोगों से लत छोड़ने की अपील कर नशा त्यागने का संकल्प दिलाया। सभा में आचार्य महाप्रज्ञ के महाप्रयाण दिवस (नौ मई को) होने पर उन्हें श्रद्धाजंलि अर्पित की। प्राची भण्डारी में मंगल भावना प्रकट की।

साध्वी कनकप्रभा

साध्वी कनकप्रभा ने कहा कि दुनिया में हम सब मुसाफिर है। एक दिन सब को इस दुनिया से अलविदा  होना पड़ता है तथा सभी का समय निश्चित है। हमारे साथ कुछ नहीं जाएगा। मुट्ठी बांध कर आए थे, खाली हाथ जाना है। मनुष्य को अच्छे कर्म करने चाहिए क्यों कि कर्म का फल तो मिलता ही है। अच्छा जीवन जीने के लिए चरित्रवान होना जरूरी है। क्रोध,मोह, छल कपट आदि से बचना चाहिए।

इससे पूर्व आचार्य के साकरोदा में बने विशेष पांडाल में पहुंचने पर लोगों ने खड़े होकर उनका स्वागत किया। पूरा पाण्डाल वंदे गुरूवरम् व खमा घणी से गूंज उठा। समारोह में अनेक मुनिजन व साघ्वियों के अलावा सैकड़ों लोग मौजूद थे।

पुस्तक का लोकार्पण

 धर्म सभा के दौरान आचार्य महाश्रमण बहुपयोगी मुद्रा-विज्ञान एवं रंग चिकित्सा पुस्तक का लोकार्पण भी किया। पुस्तक के लेखक प्रेक्षण प्रशिक्षक पारसमल जैन ने बताया कि पुस्तक में बिना दवा के अनेक रोगों के इलाज की विभिन्न जानकारियों का समावेश किया गया है।

Sources
Jain Terapnth News

News in English: Sushil Bafana
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