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"श्रुत पंचमी महापर्व" के पावन अवसर पर देश-विदेश के महत्वपूर्ण संग्रहालयों में संगृहीत "जैन श्रुत देवी सरस्वती" की अतिप्राचीन प्रतिमाओं के दर्शन करें.....विश्व जैन संगठन fb.com/AntiquityOfJainism
श्री जिनेन्द्र भगवान के श्री मुख से श्री गौतम गणधर ने श्रुत धारण किया और यही श्रुत ज्ञान "माँ जिनवाणी" "जैन श्रुत देवी सरस्वती" के रूप में पूज्य हो गयी और प्रतिमा रूप में हज़ारो वर्षों से पूजी जा रही है और जैन श्रुत देवी सरस्वती देवी की प्राचीन प्रतिमाएं देश के विभिन्न भागों से प्राप्त होती रही है और देश के विभिन्न प्राचीन मंदिरों व देश विदेश के महत्वपूर्ण संग्रहालयों में स्थापित है।
भारत मे सरस्वती की प्राचीन प्रतिमा जैन सरस्वती की मथुरा के कंकाली टीले से प्राप्त हुई थी।
संभवतः वैदिक धर्म के अनुयायियों द्वारा प्राचीन जैन श्रुत देवी सरस्वती के आधार पर सरस्वती को ज्ञान की देवी माना गया!
निम्न लिंक पर विडियो देखे:-
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प. पू. सराकोद्धारक,षष्ठपट्टाचार्य, श्री 108 ज्ञानसागर जी महामुनिराज ससंघ के पावन सान्निध्य में दिनांक 5 जून 2019 को आई. ए. एस, आई. पी. एस - 2019 में चयनित मेघावी जैन छात्र - छात्रा सम्मान समारोह
स्थान:- श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर, कविनगर, गाजियाबाद (उ. प्र.)
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Source: © Facebook
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