09.10.2018 ►Acharya Shri Gyan Sagar Ji Maharaj Ke Bhakt ►News

Published: 10.10.2018

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परम पूज्य आचार्य श्री ज्ञानसागर जी मुनिराज ने आज दिनांक 9 सितंबर को आगरा में धर्म सभा में अपने प्रवचन में कहा कि..

जीवन की वर्णमाला सीखने वाले जीवन में सफलता प्राप्त कर लेते हैं। स्कूलों में जहां आप 'अ' से 'अनार' 'आ' से 'आम' पढ़ते हैं पर आज आप *'अ' से अदब करना सीखो 'आ' से आत्मविश्वास रखना सीखो 'इ' से इबादत करना सीखो 'ई' से ईमानदार बनो 'उ' से उत्साह रखो 'ऊ' से ऊर्जावान बने 'ए' से एकता का भाव रखो 'ऐ' से ऐश्वर्यावान बनो 'ओ' से ओजस्वी बनो 'औ' से औरों की सेवा करो 'अं' से अंग प्रदर्शन मत करो।*

आचार्य श्री ने कहा कि तुम सभी जिन स्कूलों में पढ़ते हो उन स्कूलों का नाम बदनाम ना हो ऐसे कार्य आप ना करें। इन स्कूलों में आप अच्छाइयां सीखने आते हैं। इन स्कूलों में आकर मात्र आप अनेक तरह की विद्याओं का ज्ञान प्राप्त कर नहीं करते वहां जाकर आप इंसान बनने की कला भी सीखते हैं। जिंदगी में अगर आप को ऊंचाइयों को प्राप्त करना चाहते हैं तो ऊंची सोच अपने अंदर बनाइए। अच्छा सोचने वाले तो अच्छा ही फल पाते हैं। सभी के प्रति जो अच्छा सोचते हैं वह जीवन में महानता प्राप्त करते हैं।

प्रकृति ने हमें शाकाहारी बनाकर भेजा है मांसाहारी नहीं। अतः तन, मन को स्वस्थ रखने के लिए व्यक्ति को अंडा, मांस, मछली आदि से दूर रहना चाहिए। आप सभी से अपेक्षा है कि आप सभी ऐसे कोई कार्य न करें जिससे लोग बुरे रूप में आपके प्रति अंगुली उठाएं। जिनसे आप पढ़ते हैं उनके प्रति पूर्ण सम्मान की भावना रखें। जिन माँ-पिता ने आपको यहां तक लाकर खड़ा किया है उनको कभी सताना नहीं। उनसे कोई बात छुपाना नहीं।

Source: © Facebook

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