20.07.2018 ►Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt ►News

Published: 20.07.2018
Updated: 23.07.2018

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आचार्य गुरूवर विद्यासागर जी महाराज की दीक्षा को 50 वर्ष हो चुके हैं, वे लगभग 72 वर्ष के हैं। इस उम्र में भी गुरूवर बिना किसी सहारे के रोज 25-30 किमी का विहार कर लेते हैं, कभी चश्मे का प्रयोग नहीं करते, रात्रि को मात्र 2-3 घंटे शयन करते हैं। 2से 3 घंटे की सामायिक कर खड़े होकर कर लेते हैं। आहार में मात्र उबली हुई दाल और रोटी लेते हैं वो भी इतने चाव के साथ, कि मानो षटरस व्यंजन का भोजन ले रहे हों। आपके द्वारा तैयार किया गया चतुरविध संघ आज भारतवर्ष का सबसे बड़ा बाल ब्रहम्चारी संघ है। आपने आज तक हजारों निंदाओं और प्रशंसाओं का कोई उत्तर नहीं दिया। गुरूवर के द्वारा लिखित महाकाव्य मूकमाटी आज इतिहास में कालिदास के बाद सबसे बड़ा महाकाव्य है। वे एक महान राष्ट्र हितैषी भी हैं।

आप हाथकरघा, प्रतिभास्थली और शांति दुग्ध धारा के माध्यम से पूरे राष्ट्र को नई दिशा दे रहे हैं। आपके आशीर्वाद से निर्मित एवम् पल्लवित तीर्थ युगों युगों तक इस विश्व का मंगल उत्थान करेंगे। आप का दर्शन जो कोई एक बार कर लेता है उसके मुंह से अनायास ही निकल पड़ता है, "साक्षात तीर्थंकर भगवान है ये तो।" ऐसे गुरूवर आचार्य विद्यासागर महाराज युगों युगों तक जयवंत रहे, स्वस्थ रहे, दीर्घायु हों। नमोस्तु भगवन।

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खजुराहो पधारे मध्य प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी को आचार्य श्री के सानिध्य में श्रमदान के वस्त्र भेंट किए गए।

खजुराहो पहुँचे, मप्र के मुख्यमन्त्री शिवराज सिंह चोहान जी। कमेटी को चातुर्मास हेतु मिला आचार्यश्री जी से आशीर्वाद। Shivraj Singh Chouhan

आज प्रातः पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज को मप्र के मुखिया श्री शिवराजसिंह चौहान सहित अतिशय क्षेत्र खजुराहो सम्पूर्ण कमेटी ने श्रीफल समर्पित कर खजुराहो में वर्षायोग हेतु आशीर्वाद माँगा, पूज्य आचार्य भगवन ने आशीर्वाद प्रदान किया। आचार्यश्री ससंघ का चातुर्मास खजुराहो में होना फाइनल घोषित हो गया है। माननीय मुख्यमंत्री जी ने आज पूज्य आचार्यश्री जी के समक्ष मंच से घोषणा भी की, कि मप्र शासन द्वारा दिया जाने जीव दया पुरुस्कार, आगामी अगस्त माह में ही आचार्यश्री जी के सानिध्य में खजुराहो में ही प्रदान किया जावेगा। ज्ञातव्य है कि पूज्य आचार्यश्री जी की प्रेरणा एवम् आशीर्वाद से ही जीव दया के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु यह पुरुस्कार मप्र शासन द्वारा घोषित किया गया है।

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आज ऊर्जयंत गिरनार पर्वत से मुक्ति श्री को प्राप्त श्री नेमिनाथ प्रभु का मोक्ष कल्याणक दिवस है प्रभु ने पशुओ का क्रंदन सुनकर भरी यौवनावस्था में परिणय पथ से विरक्त हो ऊर्जयंत का प्रणय कर लिया ऐसे प्रभु की भक्ति में पूज्य मुनिश्री क्षमा सागर जी मुनिराज जब प्रणमित होते थे सहज ही भाव शब्दजल में घुलकर अविरल बह निकलते थे उसकी ही एक झलक

खिले कमलों से
विशाल नयन वाले
ये शलाका पुरूष
हरिवंश के प्रधान
अक्षत-कुमार
ब्रह्मर्षि
भगवान्
अरिष्टनेमि है
ये ज्ञान-रश्मिरथी
सकल चराचर के प्रकाशक
कर्म मुक्त
परम-योगी हैं.......
और साँसों में
शील-समन्दर की
अथाह गहराई लिये
वेनिम़ाज विनय तीर्थ के
ये अमीर-ए-कारवाँ है.....

--मुनि क्षमा सागर(शिवालय के सोपान)
चित्र-(नवागढ,नेमिनाथ)

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