09.05.2018 ►Acharya Shri Gyan Sagar Ji Maharaj Ke Bhakt ►News

Published: 09.05.2018
Updated: 15.09.2021

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गर्भपात जैसे घिनौने कृत्य से दूर रहे मंगल प्रवचन: आचार्य श्री ज्ञानसागर जी
दिनांक 9 मई 2018

दिनांक 9 मई 2018 श्री दिगंबर जैन क्षेत्रपाल मंदिर, ललितपुर में धर्म सभा को संबोधित करते हुए आचार्य श्री ज्ञान सागर जी महाराज ने अपनी पीयूषवाणी द्वारा कहा कि आजकल एक बहुत ही घिनौना कृत्य चल रहा है, वह कृत्य है गर्भपात। आजकल मां-बाप कितने कठोर हो गए हैं। मां जो मक्खन जैसी मुलायम होती है वह आजकल वज्र जैसी कठोर होती जा रही है। फल स्वरुप माँ-पिता कली को खिलने से पहले ही उसे मसल देते है। अपने ही लाल को काल के गाल में ला रही है। अरे! जो भी जीव आता है वह अपना भाग्य लाता है, वह पेट लाया है तो रोटी भी लाएगा। अतः जो भी जीव गर्भ में आया है उसका स्वागत करो। अगर आप संतान के नहीं होंगे तो संतान भी आपकी नहीं होगी। आपकी भावनाओं का भी संतान के ऊपर प्रभाव पड़ता है। अगर रक्षक ही भक्षक बन जाएंगे तो संतान आपकी कैसे हो सकती है?

जो भी परिवार इस पाप को करते हैं वास्तव में देखा जाए तो उन्हें प्रभु की पूजन करने का अधिकार नहीं है। जिन हाथों में भी यह कुकृत्य किया है वह हाथ प्रभु की पूजन करने के आहार देने के अधिकारी नहीं हैं। जो इस तरह का पाप करते हैं वह पाप के फलस्वरुप कई भवों तक संतान विहीन हो जाते हैं।

आज देखा जा रहा है कि जिस बेटे को आप अपना समझते हो वही बेटा आज मां-पिता की बात नहीं मानता। वही बेटे आज अपने मां पिता को दो रोटी के लिए तरसा रहे हैं।

बेटी को यह पता लग जाए तो वह आधी रात को भी मात पिता के पास आने को तैयार हो जाती है पर बेटा पास रहकर भी पूछता नहीं है। आज मां पिता को भार स्वरुप समझा जा रहा है। जिन माँ-पिता ने अपनी संतान के लिए सब कुछ सहन किया, कितनी-कितनी परेशानियां सहन की वही संतान आज मां पिता को वृद्धाश्रम भेज रही हैं। यह भारतीय संस्कृति नहीं है, भारतीय संस्कृति तो वृद्धों को आश्रय देने की संस्कृति है। अतः सभी बेटों से मेरा यही कहना है कि जिन माँ-पिता ने आपके प्रति अपने कर्तव्यों का पालन किया है उन माँ-पिता के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करें।

*19वां अखिल भारतीय जैन प्रतिभा सम्मान समारोह*

परमपूज्य सराकोद्धारक आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज के सानिध्य में लगातार 18 वर्षों से होने वाले प्रतिभावान छात्र छात्राओं का सम्मान समारोह के लिए रजिस्ट्रेशन/आवेदन 1जून से प्रारंभ होंगे।

इसके लिए 10th और 12th पास करने वाले छात्र छात्राओं को
www.gyanpratibha.org पर रजिस्ट्रेशन करना है।

योग्यता निर्धारण आदि जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध है। सम्मान समारोह की जानकारी बाद में पत्र द्वारा दी जाएगी।

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