05.05.2018 ►Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt ►News

Published: 06.05.2018
Updated: 06.05.2018

News in Hindi

wao news -पारसनाथ-मधुबन रेल लाइन को मिली मंजूरी -पारसनाथ से गिरिडीह के बीच बिछेगी 35 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन शिखरजी तक । #Share

दो दशकों से चल रही मेहनत भी आखिरकार रंग ले आई और रेलवे ने पारसनाथ मधुबन शिखरजी गिरिडीह रेल मार्ग को हरी झंडी दे दी है 35 किलोमीटर लम्बी रेल लाइन की स्वीकृति मिलते ही लोगों में सुलभ यातायात की उम्मीद जाग गई है लंबे समय से प्रस्तावित पारसनाथ मधुबन गिरिडीह रेलवे लाइन को इस बार बजट में मंजूरी मिल गई है तथा कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है जहां पर 30 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाई जाएगी रेलवे लाइन की मंजूरी से यहां आने वाले तीर्थ यात्रियों को स्थानीय लोगों में खुशी है लगभग दो दशकों से इस लाइन की मांग की जा रही थी समस्त जैन समाज की सकारात्मक पहल का नतीजा रेलवे लाइन की मंजूरी के रूप में मिला है जैनियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल मधुबन पारसनाथ पर्वत सम्मेद शिखर जी से जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने जहां निर्माण पद को प्राप्त किया है यहां का कण-कण पूज्यनीय है देश-विदेश कोने-कोने से भारी संख्या में समस्त जैन समाज के तीर्थ यात्री यहां पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं ऐसी स्थिति में यहां रेलवे की सुविधा शुरू हो जाने से ना केवल तीर्थयात्री लाभान्वित होंगे बल्कि स्थानीय लोगों को भी फायदा मिलेगा।

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आज #आचार्यज्ञानसागर जी से आशीर्वाद ले ललितपुर से #पपोराजी #आचार्यविद्यासागर जी के दर्शन के लिए पदयात्रा शुरू की! #AcharyaGyansagar #AcharyaVidyasagar

दिनांक 5-5-2018 को श्री दिगंबर जैन क्षेत्रपाल मंदिर ललितपुर में प्रातःकाल आचार्य_ज्ञानसागर जी महाराज ने ललितपुर से अतिशय क्षेत्र पपौरा जी तक पैदल जाने वाले पद यात्रियों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि ललितपुर नगरी धार्मिक नगरी है। जब मैं यहां पर क्षुल्लक अवस्था में था तब न्याय विद्या वाचना के समापन के समय आचार्य_विद्यासागर जी महाराज का प्रथम बार उमड़ते हुए जन सैलाब के साथ मंगल पदार्पण हुआ था। इस समय आचार्य श्री पपौरा जी क्षेत्र में विराजमान है। आचार्य श्री का पुन: ललितपुर में आगमन हो इस हेतु आज हजारों युवा पुरुष भक्ति श्रद्धा के साथ पैदल यात्रा प्रारंभ कर रहे हैं। सभी में अपूर्व उत्साह है, *यह उत्साह इसी तरह देव शास्त्र गुरु के प्रति हमेशा बना रहे।* इस यात्रा में सभी अनुशासन के साथ नियम कानूनों का पालन करते हुए इस यात्रा को भव्य रुप दे। इसके पश्चात पद यात्रा का शुभारंभ झंडा लहरा कर हुआ सभी जय जयकार के नारे लगाते हुए आगे बढ़ गए।

आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज ने अपनी पीयूष वाणी द्वारा कहा कि जीवन में हमेशा किसी के एक से दिन नहीं होते। कभी अनुकूलता है, कभी प्रतिकूलता। सभी परिस्थितियों में व्यक्ति को समता रखनी चाहिए। *कठिनाइयों से, परेशानियों से व्यक्ति को घबराना नहीं चाहिए।* वह तो जीवन को वाशिंग मशीन की तरह चमकीला बना देते हैं। जिस प्रकार वाशिंग मशीन में गंदा कपड़ा डालने पर घूमता है वैसे ही बाद में साफ सुथरा होकर निकलता है। *इसी तरह जीवन की कठिनाइयां जीवन को चमकीला बनाती हैं।*

*क्षमा व्यक्ति को महान बनाता है और क्रोध छोटा।* क्षमा के परमाणु मीठे होते हैं, क्रोध के कड़वे। आत्मा का स्वभाव है, क्रोध विभाव है। *क्रोध में व्यक्ति अंधा हो जाता है इसलिए क्रोधी व्यक्ति के सामने चुप रहना चाहिए।* क्रोध सभी अनर्थों की जड़ है, अतः जीवन में सहिष्णुता का विकास करना चाहिए। सामने वाला अगर गर्म है तो आप को नरम रहना चाहिए, अगर आप स्वयं गर्म हो जाओगे तो मामला गड़बड़ हो जाएगा। *क्षमा वीरस्य भूषणम् क्षमा वीरों का आभूषण है अतः क्षमा से ही आत्मा को अलंकृत करना चाहिए।*

*टीम ज्ञानवाणी के माध्यम से स्वाध्याय व जैन धर्म की जानकारी प्राप्त करने के लिए 9536835835 को save करें तथा अपना नाम व शहर लिखकर Whatsapp करें।*

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आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ने आज केशलोंच किए हैं इसलिए आज आचार्यश्री का उपवास हैं आचार्यश्री केश लोंच की उत्कृष्ट विधि के अनुसार प्रत्येक 2 महीनों के अंतराल से केशलोंच करते हैं और उस दिन उपवास भी करते हैं । #AcharyaVidyasagar

दिगंबर मुनि अपने बालो को कम से कम 2 महीने और ज्यादा से ज्यादा 4 महीने में अपने हाथो से उखाड़ लेते हैं, वे कटवाते नहीं हिं क्योकि उनके पास ना तो कैची हैं और श्रावक से कभी कुछ मांग नहीं सकते हैं... अपरिग्रह का आजीवन पालन करते हैं.. मयूर के पंख की बनी पिंची रखते हैं जिससे उठाते बैठते चलते कोई जीव आगे आजाये तो उसको हटा दे क्योकि मयूर की पंख सबसे कोमल होते हैं.. एक जल का कमण्डलु रखते हैं उसमे पानी पिने के लिए नहीं बल्कि लघुशंका/ हाथ धोने आदि के लिए करते हैं.. ओर वो जल रोज़ श्रावक लोग अच्छे से छान कर ओर गरम करके उनके कमंडलु में भर देते हैं और ग्रन्थ रखते हैं पढने और स्वाध्याय के लिए:)

वर्तमान में आचार्य विद्यासागर जी आदर्श मुनि और आचार्य माने जाते हैं जैन धर्मं के जो महाबीर स्वामी के मार्ग को जिवंत प्रदर्शित कर रहे हैं!!

#अनासक्त_महायोगी आचार्य श्री विद्यासागर जी के सम्यक् उपासक मुनि #प्रणम्यसागर जी आहार को जाते हुए @ दिल्ली

#आचार्य_विद्यासागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती प्राकृत मर्मघ्य शिष्य मुनि श्री #प्रणम्यसागर जी महाराज, मुनि #चन्द्रसागर जी महाराज कृष्णा नगर दी जैन मन्दिर जी मैं विराजमान है! यहाँ के श्रावको का मुनिद्वय के लिए उत्साह एवं भक्ति देखने लायक है कल रात वैयाव्रत्ति के समय लोग ऐसे उमड़े मानो जैसे बुंदेलखंड में लोग उमड़ते हों एवं सुबह आहार के समय भी जनसैलाब उमड़ पड़ा! दो पिच्छि के लिए 16 चो्के अपने आप में यहाँ के श्रावक के उत्साह एवं मुनि श्री प्रभाव की भव्यता का प्रमाण है!

मुनि श्री #वीरसागर जी महाराज, मुनि श्री #विशालसागर जी महाराज, मुनि श्री #धवलसागर जी महाराज के मंगलकारी सानिध्य में आज दिगम्बर जैन मन्दिर सूर्य नगर (ग़ाज़ियाबाद) के मूलनायक देवधिदेव श्री #शान्तिनाथ भगवान का “महामस्तकाभिषेक” अति उत्साहपूर्वक एवं भक्तिपूर्वक संपन्न हुआ!

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दर्पण मे मुख ओैर संसार में सुख दिखता है, मगर है नहीं l --आचार्य श्री विद्यासागर जी

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