26.03.2018 ►SS ►Sangh Samvad News

Published: 26.03.2018
Updated: 27.03.2018

Update

👉 *दिनांक - 27 मार्च 2018 का संकल्प _______*

❗ *संकल्प - क्रोध नहीं करना*

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*जब हो आवेश से हमारे मन भारी।*
*तब समता से, सहने की करें तैयारी।।*

👉 *तिथि - चैत्र शुक्ल एकादशी संवत् 2075*

प्रस्तुति: 🌻 *संघ संवाद* 🌻

Source: © Facebook

Update

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*27/03/18* दक्षिण भारत मे मुनि वृन्द, साध्वी वृन्द का सम्भावित विहार/ प्रवास
दर्शन सेवा का लाभ ले
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की आज्ञानुवर्ती शासन श्री मुनि श्री धर्मरूचि जी ठाणा 4* का प्रवास
*सोहनलाल जी प्रकाशचंद जी सकलेचा*
Jain Villa
Flat No 2A 2nd Floor
No 9810 क्लेमन्स रोड
*पुरसावाकम*(चेन्नैइ)
सरवना स्टोर के पिछे गली मे
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी* *के आज्ञानुवर्ति मुनिश्री सुव्रत कुमार जी ठाणा* 2 का प्रवास
*गोतम कुमार जी सेठीया*
43/1 गोपाल पिल्लैयार कोइल स्ट्रीट
*तिरुवन्नामलाई*
☎9108075692,
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री रणजीत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*सुरेश जी देवड़ा के निवास स्थान*
*बिड़दी* (कर्नाटक)
(Mysore - Bangalore Road)
☎ 9448374522
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी ठाणा 5* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*पल्लावरम*
☎8107033307,
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य डॉ *मुनि श्री अमृत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*गौतमकुमार जी सेठिया*
43/1 गोपाल पिल्लैयार कोइल स्ट्रीट *तिरुवन्नामलाई*
☎9566296874,9487556076
9940744445
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री रमेश कुमार जी ठाणा 2* का प्रवास कोव्वूर से13 km का विहार करके गौरीपटनम् पधारेगें *
(विशाखापट्टनम -चेन्नई रोड)
☎8085400108,7000790899
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री प्रशान्त कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*संपत देवी लूणिया,*
*"Lunia Kunj"*
*212-A,N.S.R. Road,*
*Near Reliance Fresh,Sai Baba Colony,*
*Coimbatore-641011.* ☎9672039432,7200690967
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री विद्यावती जी 'द्वितिय' ठाणा ५* का प्रवास
*प्रकाश चन्द जी मथा के निवास स्थान पर*
*पुरुषवाकम* (चेन्नैइ)
☎8890788494,
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या "शासन श्री" साध्वी श्री यशोमती जी ठाणा 4* का प्रवास
*लेलुर टाऊन से 7.5 km का विहार करके जैन मन्दिर कागतुर पधारेगे*
(विजयवाडा -चेन्नैइ हाईवे)
☎7297958479,7044937375
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री कंचनप्रभा जी ठाणा 5* का प्रवास
*तेरापंथ सभा भवन*
*गॉधीनगर Bangalore* (कर्नाटक)
☎7624946879,
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री राकेश कुमारी जी (बायतु) ठाणा 4* का प्रवास
*हेमराज जी सुराणा के निवास स्थान पर*
*विशाखापट्नम*
☎7728077649,9959037737
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री विमल प्रज्ञा जी ठाणा 10* का प्रवास
*भीमढोल आर एण्ड टी गैस्टहाउस से 14 कि. मी का विहार करके आई टी आई काँलेज देन्दलुर मे पधारेंगे*
☎9051582096,9123032136
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री प्रमिला कुमारी जी ठाणा 5* का प्रवास
*लक्ष्मीपत जी कोठारी*
Kothari nivas Lalithanagar Nager
*Visakhapatnam*
☎:9014491997,8290317048
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*संघ संवाद+ संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री काव्यलता जी ठाणा 4* का प्रवास
*Astha Mangal Villa*
27, Lettangs Road Purasavakam, Chennai-7
☎8428020772,
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री प्रज्ञा श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
MR.MURGESAN,
THALIAUR KE NIVAS SE 12.2 KM VIHAR KARKE VINAYAKA ANNAPURNA ENGINEERING COLLEGE,SALEM ROAD PADHARENGE
(ईरोड -सेलम रोड)
☎8875762662,9442600853
9443348582
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिस्या साध्वी श्री सुर्दशना श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*पारस गार्डन रायचुर*
☎9845123211
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*संघ संवाद + संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री लब्धि श्री जी ठाणा 3 का प्रवास*
*विजय राज जी बरडिया के निवास स्थान पर*
Yash Vijay
Brook land *COONOOR*
☎9442251218
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*संध संवाद*+ *संध संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री मघुस्मिता जी ठाणा 6* का प्रवास
*सुरेश जी भुतेडिया के निवास स्थान पर*
UD Hotel ke Samne
3RD Block Jaynager
Bangalore* (कर्नाटक)
☎7798028703,
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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प्रस्तुति:- 🌻 *संघ संवाद* 🌻

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👉 *पुज्यवर का प्रेरणा पाथेय*
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🔹 *डिस्ट्रिक्ट इंस्टीट्यूट आफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग में पधारे तेरापंथ सरताज*

🔸 *मुनीगुड़ा से लगभग 15 किलोमीटर का विहार कर आचार्यश्री पहुंचे विषम कटक, रायगढ़ा (ओड़िशा)*

🔹 *सांध्यकालीन आचार्यश्री लगभग चार किलोमीटर का विहार कर गोटीगुड़ा स्थित एस.एस.डी हाइस्कूल में पधारे*

*दिनांक - 26-03-2018*

प्रस्तुति - 🌻 *संघ संवाद*🌻

Source: © Facebook

♦ *3) आचार्यश्री महाश्रमण के जीवन प्रसंग*

विराटनगर चतुर्मास के दौरान एक दिन प्रातः सिलीगुड़ी से दो भाई आचार्यवर की सन्निधि में पहुंचे और पूज्यवर से निवेदन किया--‘हमारे ज्ञाति श्री महेन्द्र श्रीश्रीमाल (किशनगंज) के पुत्र का यात्रा के दौरान अपहरण हो गया। कई घंटों के बाद कल रात को फोन आया कि बेटा चाहिए तो एक करोड़ रुपये देने होंगे। पुनः कोई सम्पर्क नहीं हो रहा है, पूज्यवर कोई पथदर्शन प्रदान करें।’

आचार्यवर ने उन्हें एक मंत्र प्रदान करते हुए मंगलपाठ सुनाया। कुछ देर बाद उन्होंने गुरुदेव द्वारा प्रदत्त मंत्र और मंगलपाठ की जानकारी देने हेतु श्री महेन्द्र श्रीश्रीमाल को फोन किया तो जानकारी मिली कि बस, अभी-अभी पुलिस ने सूचना दी है कि वह (महेन्द्रजी का पुत्र) मिल गया है। दोनों भाई पुनः पूज्य सन्निधि में पहुंचे और सहर्ष जानकारी प्रस्तुत करते हुए गुरुचरणों में कृतज्ञता अर्पित की।

🌸 *अभिवन्दना के सुनहरे अवसर* 🌸

*आचार्यश्री महाश्रमण 57वां जन्मदिवस*
24 अप्रेल 2018

*आचार्यश्री महाश्रमण 9वां पदाभिषेक दिवस*
25 अप्रेल 2018

*आचार्यश्री महाश्रमण 45वां दीक्षा दिवस*
29 अप्रेल 2018

*वन्दन* 🙏🏼 *अभिवन्दन* 🙏🏼 *अभिनन्दन*

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जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।

📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य* 📙

📝 *श्रंखला -- 291* 📝

*अमेय मेधा के धनी आचार्य हरिभद्र*

*जीवन-वृत्त*

राजपुरोहित हरिभद्र प्रकांड विद्वान् थे। चतुर्दश ब्राह्मण विद्याओं पर उनका आधिपत्य था। राजपुरोहित होने के कारण जन समुदाय में उनकी प्रतिष्ठा थी।

हरिभद्र को अपनी विद्या पर गर्व था। 'बहुरत्ना वसुंधरा' यह वसुंधरा विविध रत्नों को धारण करने वाली है यह बात उन्हें अवैज्ञानिक लगी। उनकी दृष्टि में कोई भी योग्यता उनकी तुला के फलक को उठाने में समर्थ नहीं थी।

हरिभद्र पंडितों में अग्रणी एवं शास्त्रार्थ में अपने को अजेय मानते थे। शास्त्र विशारद विद्वानों के साथ शास्त्रार्थ करने के लिए वे सदा तत्पर रहते थे। पांडित्य के अभिमान ने उन्हें असाधारण निर्णय तक पहुंचा दिया। ज्ञान भार से कहीं उदर फट न जाए, इस भय से वे पेट पर स्वर्णपट्ट बांधे रखते थे। अपने प्रतिद्वंदी को धरती का उत्खनन कर निकाल लेने के लिए कुदाल, जल से खिंच लेने के लिए जाल और आकाश से धरती पर उतार लेने के लिए सोपान पंक्ति अपने कंधे पर रखते थे। जंबूद्वीप में उन जैसा कोई विद्वान् नहीं है, इस बात को सूचित करने हेतु वे हाथ में जंबूवृक्ष की शाखा को रखते थे। उनका मानस किसी भी व्यक्ति द्वारा उच्चारित वाक्य का अर्थ न समझने पर उसका शिष्यत्व स्वीकार कर लेने को प्रतिबद्ध था। हरिभद्र अपने को इस कलयुग में सर्वज्ञ समझते थे।

एक बार राजपुरोहित हरिभद्र सुखपाल (पालकी) में बैठकर कहीं जा रहे थे। उनके साथ काफी लोग थे। राजपुरोहित के सम्मान में जय-जय के जोशीले नारों से वातावरण गूंज रहा था। सरस्वती कंठाभरण, वैयाकरण प्रवण, न्याय विज्ञ, विलक्षण वादी, मतङ्गज केशरी आदि अतिशय प्रशंसात्मक विरुदावलियां बोली जा रही थीं। अचानक एक कृष्ण काय विशाल हाथी उन्मत्त अवस्था में पागल की भांति सामने से आता दिखाई दिया। प्राण बचाने के लिए लोग इधर-उधर भागे। हरिभद्र भी सुखपाल से कूदे और पास के मंदिर में घुस गए। 'हस्तिना ताड्यमानोऽपी न गच्छेत् जैन मंदिरम्' की बात गौर और प्राण रक्षा की बात प्रमुख बन गई थी। मंदिर में उन्होंने जिन प्रतिमा को देखा 'वपुरेव तवाचष्टे स्पष्ट मिष्ठान्नभोजनम्' यह वाक्य कहकर उन्होंने जिन प्रतिमा का उपहास किया।

इस घटना के बाद का प्रसंग है एक बार रात्रि को राजसभा से लौटते समय राजपुरोहित जी हरिभद्र जैन उपाश्रय के पास से गुजरे। उपाश्रय में साध्वी संघ की प्रवर्तिनी महत्तरा याकिनी संग्रहणी गाथा का उच्च ध्वनि पूर्वक जाप कर रही थी।

*चक्कि दुगं हरिपणगं पणग चक्कीण केसवो चक्की।*
*केसव चक्की केसव दुचक्की केसी य चक्कीय।।21।।*
*(प्रभावक चरित्र, पृष्ठ 63)*

श्लोक की स्वर लहरियां हरिभद्र के कानों से टकराईं। उन्होने इसे बार-बार ध्यानपूर्वक सुना। मन ही मन चिंतन चला पर बुद्धि को पूर्णतः झकझोर देने के बाद भी वे अर्थ के नवनीत को नहीं पा सके। हरिभद्र के अहं पर पहली बार यह करारी चोट थी। अर्थबोध पाने की तीव्र जिज्ञासा उनको उपाश्रय के भीतर ले गई। उपाश्रय में प्रवेश करने के बाद दूर खड़े होकर अभिमानी हरिभद्र ने महत्तराजी से पूछा "इस स्थान पर चकचकाहट किस बात का हो रहा है? अर्थहीन पद्य का पुनरावर्तन क्यों किया जा रहा है?" हरिभद्र ने वक्र भाषा में यह प्रश्न किया था।

याकिनी महत्तराजी धीर-गंभीर, आगम विज्ञ और व्यवहार निपुण साध्वी थीं। उन्होंने मृदु शब्दों में कहा "नूतनं लिप्तं चिगचिगायते (नया लीपा हुआ आंगन चकचकाहट करता है।) यह शास्त्रीय पाठ है। इसे गुरु के बिना समझा नहीं जा सकता।"

*क्या अमेय मेधा के धनी आचार्य हरिभद्र याकिनी महत्तराजी के इस उत्तर से संतुष्ट हुए...?* जानेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
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त्याग, बलिदान, सेवा और समर्पण भाव के उत्तम उदाहरण तेरापंथ धर्मसंघ के श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।

📙 *'नींव के पत्थर'* 📙

📝 *श्रंखला -- 115* 📝

*माईदासजी गाधिया*

*गृह-त्याग*

छोटे भाइयों के व्यवहार से माईदासजी का मन बड़ा खिन्न हुआ। उनके द्वारा कही गई बातों ने तो तीर की तरह उनके मन को बेध डाला। वे सोचने लगे कि यह सारा झगड़ा धन के लिए है। मेरे विवाह में हुए थोड़े से व्यय ने भाइयों को इतना पराया बना दिया है कि वे बड़े भाई के रूप में न मेरा कोई सम्मान ही रख रहे हैं और न लिहाज ही। भाइयों को ही क्या कहा जाए, समाज में भी तो उसी का महत्त्व होता है जो धनी हो। घर और समाज के व्यवहारों की उधेड़बुन करते-करते उनके मन में यह विचार उदित हुआ कि क्यों न मैं अपने ही बलबूते पर धन कमा कर लाऊं तथा परिवार एवं समाज में सम्मानित जीवन जीऊं। विचार ने संकल्प का रूप ग्रहण किया। उन्होंने मन ही मन निर्णय कर लिया कि अब इस घर में उसी दिन पैर रख लूंगा जिस दिन धन कमा कर लाऊंगा। विचारों के एक ही झटके ने उन्हें गृहत्याग के लिए तैयार कर दिया। वे उसी दिन रात्रि के सघन अंधकार में चुपचाप घर से निकल गए। उन्होंने अपने जाने का किसी को कोई संकेत नहीं दिया, यहां तक कि पत्नी को भी कुछ नहीं बतलाया।

दूसरे दिन सूर्योदय के पश्चात् ही घर वालों को पता लगा कि माईदासजी घर पर नहीं है। इससे किसी को क्या चिंता होने वाली थी? सभी ने यह सोच कर अपने को तसल्ली दे ली की रात के कलह से क्रुद्ध होकर कहीं अन्यत्र जा सोए होंगे। अभी आ जाएंगे, नहीं तो भोजन के समय तक तो अवश्य ही आ जाएंगे। परंतु वैसा नहीं हुआ। माईदासजी नहीं आए। जब वे दूसरे और तीसरे दिन भी नहीं आए तब परिवार वालों को चिंता हुई। अनेक व्यक्ति इधर-उधर खोज करने के लिए दौड़े, परंतु उनका कोई पता नहीं लग पाया।

उनका दूसरा विवाह हुए केवल चार महीने ही हुए थे। बेचारी नवोढ़ा के लिए तो वह घटना एक जीवन-मरण की समस्या बन गई। नवविवाहिता होने के कारण कुछ लज्जावश तथा कुछ समाज में स्त्रियों की तत्कालीन स्थितियों की विवशता वश न वह किसी से कुछ कह सकती थी और न कुछ पूछ ही सकती थी। अंदर ही अंदर सुबककर आंसू पहुंच लेने के अतिरिक्त उसके पास कोई साधन नहीं था।

*माईदासजी गृहत्याग कर कहां गए थे और क्या वे धनोपार्जन कर पाए...?* जानेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
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News in Hindi

👉 *"अहिंसा यात्रा"* के बढ़ते कदम

🌀 *पूज्यप्रवर अपनी धवल सेना के साथ विहार करके "बिषमकटक" पधारेंगे*

🌐 *आज का प्रवास - डिस्ट्रिक्ट इंस्टीट्यूट आफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग, बिषमकटक, जिला - रायगढ़ा (ओड़िशा)*

👉 *दिनांक - 26 मार्च 2018*

प्रस्तुति: 🌻 *संघ संवाद*🌻

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👉 प्रेक्षा ध्यान के रहस्य - आचार्य महाप्रज्ञ

प्रकाशक - प्रेक्षा फाउंडेसन

📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए

🌻 *संघ संवाद* 🌻

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Sources

Sangh Samvad
SS
Sangh Samvad

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Some texts contain  footnotes  and  glossary  entries. To distinguish between them, the links have different colors.
  1. Bangalore
  2. Mysore
  3. Salem
  4. Vihar
  5. आचार्य
  6. आचार्य महाप्रज्ञ
  7. कृष्ण
  8. ज्ञान
  9. दर्शन
  10. भाव
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