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*13/03/18* दक्षिण भारत मे मुनि वृन्द, साध्वी वृन्द का सम्भावित विहार/ प्रवास
दर्शन सेवा का लाभ ले
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी* *के आज्ञानुवर्ति मुनिश्री सुव्रत कुमार जी ठाणा* 2
का प्रवास
*रेणुगमल कोलेज*
पोलुर से पहले (तमिलनाडु)
वेलुर- तिरुवन्नामलाई रोड
☎9108075692,
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री रणजीत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*सुरेश जी देवड़ा के निवास स्थान विडदी* (कर्नाटक)
(Mysore - Bangalore Road)
☎9448385582,9448374522
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*मुनि श्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी ठाणा 3* का प्रवास
*Javarilal ji Bumb*
C/o ranjeeth medicals
No: 17 /4 kamraj street
West *tambaram*
*Chennai:45*
☎8107033307,9840214382
9444492965
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य डॉ *मुनि श्री अमृत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*गौतमकुमार जी सेठिया*
43/1 गोपाल पिल्लैयार कोइल स्ट्रीट *तिरुवन्नामलाई*
☎9566296874,9487556076
9940744445
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के*
*सुशिष्य मुनि श्री रमेश कुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*भार्गव स्कूल*
*तालापालम*
(विशाखापट्टनम -चेन्नई रोड)
☎8085400108,7000790899
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री प्रशान्त कुमार जी ठाणा २* का प्रवास Ollukara Temple Thrissur se Pattikad Church Thrissur dist. padharenge
(अर्नाकुलम- कोयम्बतुर रोड) ☎9672039432,9246998909
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री सुधाकर जी एवं मुनि श्री दीप कुमार जी का प्रवास*
*jain bhawan*
*padpai*
(बैगलौर = चैनैइ रोड)
☎7821050720,
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री विद्यावती जी 'द्वितिय' ठाणा ५* का प्रवास
*मेलेपट्ट से 10 km का विहार करके आईमाता मंदिर मुडचुर पधारेगे* (तमिलनाडु)
(बैगलोर - चेन्नेइ हाईवे)
☎8890788494
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या "शासन श्री" साध्वी श्री यशोमती जी ठाणा 4* का प्रवास
*मेरमेटला से 13km का विहार करके सत्संग भवन माडीपारू पद्यारेगे*
(विजयवाडा -चेन्नैइ हाईवे)
☎7297958479,7044937375
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री कंचनप्रभा जी ठाणा 5* का प्रवास
*तेरापंथ सभा भवन*
*गॉधीनगर Bangalore* (कर्नाटक)
☎7624946879,
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री राकेश कुमारी जी (बायतु) ठाणा 4* का प्रवास
*बगापुरम से 13 km का विहार करके श्रीनिवासा कल्याण मडपम् नियर- टोल प्लाजा पधारेगे*
विजयनगरम- विशाखापट्नम् रोड
☎8917477918,9959037737
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री विमल प्रज्ञा जी ठाणा 10* का प्रवास
*नक्कापाली कल्याण मंडप*
(विशाखापटनम -चेन्नैइ रोड)
☎9051582096,9123032136
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*संघ संवाद* + *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री प्रमिला कुमारी जी ठाणा 5* का प्रवास
*लक्ष्मीपत जी कोठारी*
Kothari nivas Lalithanagar Nager
*Visakhapatnam*
☎:9014491997,8290317048
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*संघ संवाद+ संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री काव्यलता जी ठाणा 4* का प्रवास
*Ashta Mangal villa*
27 Lettangs Road, Purasavakam, Chennai-7 (तमिलनाडु)
☎8428020772,984017646
9884244004
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री प्रज्ञा श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*कोयम्बतूर*
☎9629840537,7200690967
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिस्या साध्वी श्री सुर्दशना श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*पारस गार्डन रायचुर*
☎9845123211
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*संघ संवाद + संघ संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री लब्धि श्री जी ठाणा 3 का प्रवास*
*बंडीपुर से 13 km का विहार करके मधुमलाई पधारेगे*
(मैसुर-ऊटी रोड)
☎9601420513,
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*संध संवाद*+ *संध संवाद*
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री मघुस्मिता जी ठाणा 6* का प्रवास
*तेरापंथ सभा भवन*
*गॉधीनगर Bangalore* (कर्नाटक)
☎7798028703
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*संघ संवाद*+ *संघ संवाद*
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प्रस्तुति:- 🌻 *संघ संवाद* 🌻
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👉 पर्वत पाटिया, सूरत - कन्या मण्डल द्वारा कार्यक्रम
👉 साउथ कोलकत्ता - विश्व महिला दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम
👉 सचिन (सूरत) - विश्व महिला दिवस पर रैली का आयोजन
👉 उधना (सूरत) - विश्व महिला दिवस पर रैली का आयोजन
👉 जयपुर - मुमुक्षु मुकुल का मंगल भावना समारोह आयोजित
👉 राजराजेश्वरीनगर - तत्वज्ञान कार्यशाला का आयोजन
👉 फरीदाबाद - सामाजिक संस्थाओं सहयोग सेे जीएसटी, तथा ई-वे बिल के प्रावधान पर सेमिनार
👉 काठमांडू - महिला सशक्तिकरण रैली का आयोजन
👉 जीन्द - जैन संस्कार विधि से जन्मदिन का आयोजन
प्रस्तुति - 🌻 *संघ संवाद*🌻
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जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।
📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य'* 📙
📝 *श्रंखला -- 279* 📝
*कोविद-कुलालङ्कार आचार्य भट्ट अकलङ्क*
*जीवन-वृत्त*
गतांक से आगे...
आचार्य अकलंक वादकुशल आचार्य थे। वह युग शास्त्रार्थ प्रधान था। एक ओर नालंदा विश्वविद्यालय के बौद्धचार्य धर्मपाल के शिष्य धर्मकीर्ति थे। जिन्होंने तर्कशास्त्र के पिता दिङ्नाग के दर्शन को बुद्धि से चमका दिया था। दूसरी ओर उद्द्योतकर, भट्टजयंत, वाचस्पति मिश्र, कुमारिल, प्रभाकर, शंकराचार्य, मण्डन मिश्र आदि की चर्चा-परिचर्चाओं से धर्म प्रधान भारत भूमि का वातावरण आंदोलित था। आचार्य अकलंक भी इनसे पीछे नहीं रहे। उन्होंने अनेक विद्वानों के साथ शास्त्रार्थ किया। मुख्यतः अकलंक बौद्धों के प्रतिद्वंद्वी थे।
धर्मकीर्ति के सबल तर्कों का निरसन करने के लिए वैदिक विद्वानों ने भी यथाशक्य प्रयत्न किया था, पर शास्त्रार्थ में बौद्धों के सबल प्रतिद्वंद्वी भट्ट अकलंक थे।
नेमीदत्त के आराधना कथाकोष के अनुसार कलिंग देश के रत्नसंचययपुर में भट्ट अकलंक का बौद्धों के साथ शास्त्रार्थ नरेश हिमशीतल की सभा में हुआ था। इस शास्त्रार्थ का पूर्व घटना प्रसंग इस प्रकार है—
नरेश हिमशीतल की रानी मदनसुंदरी जैन धर्म में आस्था रखती थी। वह अष्टाह्निक पर्व के अवसर पर एक दिन बड़ी धूमधाम के साथ जैन रथयात्रा निकालना चाहती थी। उस समय वहां बौद्ध गुरुओं का अधिक प्रभाव था। उन्होंने नरेश हिमशीतल को एक शर्त के साथ अपने विचारों से सहमत किया कि किसी जैन गुरु के द्वारा बौद्धों के साथ शास्त्रार्थ में विजय प्राप्त करने पर ही यह रथयात्रा निकल सकती है। रानी, राजा के इन विचारों से चिंतित हुई। संयोग से यह बात भट्ट अकलंक के पास पहुंची। वे शास्त्रार्थ करने के लिए वहां आए। नरेश हिमशीतल की सभा में उनका बौद्धों के साथ छह महीने तक शास्त्रार्थ चला। जैन शासन की उपासिका चक्रेश्वरी देवी ने एक दिन भट्ट अकलंक से कहा "पर्दे के पीछे कोई बौद्ध गुरु नहीं अपितु घट में स्थापित तारादेवी शास्त्रार्थ कर रही है। अतः उसके द्वारा कहे गए वाक्यों को पुनः पूछने पर तारादेवी की पराजय और तुम्हारी विजय है।" दूसरे दिन भट्ट अकलंक ने वैसा ही किया। तारादेवी अपने द्वारा कहे गए वाक्यों को अकलंक द्वारा पुनः पूछने पर न दोहरा सकी। अकलंक ने तत्काल पर्दे को खींचकर घड़े को ठोकर से तोड़ डाला। घट का स्फोट होते ही सारा रहस्य उद्घाटित हो गया। बौद्धों की भारी पराजय और अकलंक की विजय हुई। जैन रथयात्रा धूमधाम से संपन्न हुई एवं जैन शासन की महती प्रभावना हुई। पाण्डु पुराण में भी घट स्फोट के इस प्रसंग का उल्लेख है।
राजवलिकथे के अनुसार अनेक संघों के विद्वान् बौद्धों से शास्त्रार्थ में पराजित होने के कारण खिन्न थे। शैव संप्रदाय के व्यक्तियों से यह जानकारी आचार्य अकलंक को मिली। अकलंक ने अपने को शैव बताकर बौद्धों के साथ शास्त्रार्थ किया। इस शास्त्रार्थ में अकलंक को विजय प्राप्त हुई। बाद में उन्होंने अपने को जैन घोषित किया। बौद्ध इससे उत्तेजित हुए। उन्होंने जैनियों को सदा-सदा के लिए निष्कासित करने हेतु नरेश हिमशीतल को उकसाया। नरेश के आमंत्रण पर भट्ट अकलंक ने बौद्धों के साथ शास्त्रार्थ किया। पराजित दल द्वारा प्राण परित्याग करने जैसी हिंसात्मक योजना (शर्त) के साथ यह शास्त्रार्थ 17 दिन तक होता रहा। आखिर में अकलंक की विजय हुई। पूर्व शर्त के अनुसार नरेश द्वारा प्राणाहुति का निर्देश अकलंक के कहने पर स्थगित कर दिया।
*इस महत्वपूर्ण शास्त्रार्थ का उल्लेख श्रवणबेलगोला की प्रशस्ति में प्राप्त हुआ है* उसके बारे में पढ़ेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...
प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
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त्याग, बलिदान, सेवा और समर्पण भाव के उत्तम उदाहरण तेरापंथ धर्मसंघ के श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।
📙 *'नींव के पत्थर'* 📙
📝 *श्रंखला -- 103* 📝
*ताराचंदजी ढीलीवाल*
*समाचार प्रेषण*
ताराचंदजी शासन के समाचारों का आदान-प्रदान करने में बहुत रुचि रखा करते थे। वे चाहे चित्तौड़ में होते चाहे जयाचार्य की सेवा में, विभिन्न स्थानों के श्रावकों से उनका पत्र-व्यवहार चालू रहता। कोई विशेष समाचार होता तो वे उसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करते। संवत् 1938 में जयाचार्य का चातुर्मास जयपुर में था। वह उनका अंतिम चातुर्मास था। ढीलीवालजी काफी समय से वहां सेवा में आए हुए थे। जयाचार्य अस्वस्थ थे। भाद्र कृष्ण 12 को वे दिवंगत हो गए। उनकी बैकुंठी उस समय की पद्धति के अनुसार बड़ी साज-सज्जा के साथ निकाली गई। उस समय व्ययार्थ लिखी गई 'टीप' में ढीलीवालजी ने अपनी ओर से 525 रुपये दिए। उन्होंने लगभग 300 रुपयों के दो शाल भी भेंट किए। उनमें एक श्वेत वर्ण का था, वह जयाचार्य के शरीर पर धारण करवाया गया और दूसरा रक्त वर्ण का था, वह नीचे बिछाया गया।
समाचार प्रेषण की दृष्टि से उन्होंने उस समय जयाचार्य की बैकुंठी शवयात्रा और मघवागणी के पाटोत्सव का सांगोपांग विवरण प्रस्तुत करने वाला एक परिपत्र लिथो पद्धति से छपवाया और तेरापंथ के प्रायः सभी क्षेत्रों में भेजा। समाचार जिज्ञासुओं के लिए वह अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुआ। उक्त परिपत्र भाद्र शुक्ला 2 को स्वयं ढीलीवालजी तथा उनके अभिन्न मित्र उदयपुर निवासी श्रावक किशोरीलालजी धूपिया की ओर से प्रसारित किया गया था। परिपत्र की समाप्ति पर केवल धूपियाजी के ही हस्ताक्षर हैं। कहा जाता है कि आर्थिक दृष्टि से संपन्न होने के कारण उसके अर्थ व्यय का भार ढीलीवालजी ने वहन किया था और उसका लेखन धूपियाजी ने। उन दोनों द्वारा उसी समय उक्त परिपत्र की अपेक्षा से कुछ विस्तृत किंतु उसी विवरण वाला दूसरा हस्तलिखित पत्र उदयपुर भेजा गया था। उसे वहां के श्रावकों द्वारा राज्य-यंत्रालय में छपवाकर सर्वत्र प्रसारित किया गया।
*प्रथम गोचरी, प्रथम दाता*
मघवागणी जयपुर में तेरापंथ के पंचम आचार्य बने। उनके पदासीन होने के उपलक्ष्य में संवत् 1938 भाद्र शुक्ला 2 को उत्सव मनाया गया। साधु-साध्वियों तथा श्रावकों की ओर से गीतिकाओं तथा कविताओं के द्वारा नवीन आचार्य की स्तवना की गई। तत्पश्चात् मघवागणी ने धर्म देशना देते हुए चतुर्विध धर्म संघ को शिक्षाएं प्रदान कीं। महोत्सव की संपन्नता होते ही स्वयं आचार्यश्री श्रावकों के अनेक घरों में गोचरी के लिए पधारे। सर्वप्रथम उनका पदार्पण उसी मकान में हुआ जहां ढीलीवालजी ठहरे हुए थे। उनके मित्र किशोरीलालजी धूपिया भी वहीं ठहरे हुए थे। अपनी प्रथम गोचरी में व्रत निपजाने का प्रथम श्रेय ढीलीवालजी को देकर मघवागणी ने मानो उनकी सेवाओं की महत्ता को सारे समाज में उजागर कर दिया। जयाचार्य के समान ही मघवागणी की कृपा-दृष्टि पाकर ढीलीवालजी कृतार्थ हो गए।
*दान और भक्ति-भावना की प्रवृत्ति वाले श्रावक किशोरीलालजी धूपिया के प्रेरणादायी जीवन-वृत्त* के बारे में जानेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...
प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
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👉 राजसमंद - *अणुव्रत महासमिति अध्यक्ष श्री अशोक संचेती की उपस्थिति में संगोष्ठी का आयोजन*
प्रस्तुति - 🌻 *संघ संवाद*🌻
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News in Hindi
https://goo.gl/maps/1pCJczfi3YJ2
👉 *"अहिंसा यात्रा"* के बढ़ते कदम
👉 पूज्यप्रवर अपनी धवल सेना के साथ विहार करके "बिजेपुर" पधारेंगे
👉 आज का प्रवास - बिजेपुर हाइस्कूल,बिजेपुर जिला - बलांगीर (ओड़िशा)
प्रस्तुति - *संघ संवाद*
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👉 प्रेक्षा ध्यान के रहस्य - आचार्य महाप्रज्ञ
प्रकाशक - प्रेक्षा फाउंडेसन
📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
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