27.11.2017 ►TSS ►Terapanth Sangh Samvad News

Published: 27.11.2017
Updated: 29.11.2017

Update

*28/11/17* दक्षिण भारत मे मुनि वृन्द, साध्वी वृन्द, श्रमणी वृन्द का सम्भावित विहार/ प्रवास
दर्शन सेवा का लाभ लें
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी* *के आज्ञानुवर्ति मुनिश्री सुव्रत कुमार जी ठाणा* 2 का प्रवास
*तेरापंथ सभा भवन*
*होसुर* (तमिलनाडु)
☎ 9443435633,9003789485
T++++++++++S+++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री रणजीत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*अशोक जी कोठारी*
आकाशवाणी सर्कल
*यादवगीरी*(कर्नाटक)
☎9901135937,9448385582
T++++++++++S+++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*मुनि श्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी ठाणा 3* प्रवास
*अशोक जी घोषल*
के निवास कंगयं रोड से विहार करके *पडीयूर स्कूल* पधारेंगे (तमिलनाडु)
☎ 8107033307,
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*डॉ. मुनि श्री अमृतकुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*चेंगलपेट*
(तमिलनाडु)
☎9894101643
T++++++++S+++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री प्रशान्त कुमार जी ठाणा 2* का प्रवास

*Happy Bakes* से विहार करके
*Karinthalthani* J.B.Building
पधारेगे (केरला)
☎ 7200690967
T++++++++S+++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री विद्यावती जी 'द्वितिय' ठाणा ५* का प्रवास
*इंद्रचन्द जी घर्मीचन्द जी घोका*
*होसकोटे* (कर्नाटक)
☎8890788494,9341248726
080-27931296
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री कंचनप्रभा जी ठाणा ५* का प्रवास
*Praveen ji Dak*
#199,7th cross 1st N block Rajajinagar Bangalore 10
(कर्नाटक)
☎.9886199786
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री सत्यवती जी ठाणा 4* का प्रवास
*कुपरियाल* स्कूल मे
*हैदराबाद- नागपुर रोड*
(तेलंगाना)
☎9959037737
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री काव्यलता जी ठाणा 4* का प्रवास
*Surya Prakash Mahal*
#774 T.H.ROAD Thiruyottiyur

(तमिलनाडु)
☎9884200325,9841648307
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री प्रज्ञाश्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*नौरतनमल डागा*
का निवास स्थान
४५, वैलायुदम रोड(VSV नगर)
मेहता स्कूल के पास,
*सिवाकासी* (तमिलनाडु)
☎91 9443327831
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री लब्धीश्री जी ठाणा 3* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*हिरियुर* (कर्नाटक)
T++++++++++S+++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री सुदर्शना श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*सिंघनुर*(कर्नाटक)
☎7230910977,8830043723
T++++++++S+++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री मघुस्मिता जी ठाणा 7* का प्रवास
*वेस्ट हिल स्कूल उदयपुरा*
हासन - बैगलोर हाइवे (कर्नाटक)
☎7798028703
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमणजी* की सुशिष्या *समणी निर्देशिका चारित्रप्रज्ञाजी* एवं सहवर्तिनी समणीवृन्द का प्रवास
*Sri jain swethamber Terapanth trust* (S H G Terapanth bhavan)
38/ New No 50 Singarachari street near Krishna sweets Triplicane chennai -5 (तमिलनाडु)
☎ 9840143333
T++++++++S+++++++++++S

*TSS वाट्स अप गुप से जुडने के लिए निचे दिए link पर click करे*

https://chat.whatsapp.com/ApZntfrpqQoI9ryaliWTWJ

प्रस्तुति:- 🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻

WhatsApp Group Invite
Follow this link to join

👉 सूरत- जैन संस्कार विधि के बढ़ते चरण
👉 भागलपुर - मुनि कमल कुमार जी का मंगल प्रवेश

प्रस्तुति: 🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻

Source: © Facebook

Source: © Facebook

👉 ट्रिप्लिकेन, चेन्नई: समणी वृन्द का “मंगलभावना समारोह" आयोजित
👉 सिंधनुर: "दम्पति शिविर" का आयोजन
👉 महालक्ष्मी लेआउट, बेंगलुरू: "दम्पति कार्यशाला" का आयोजन
👉 तिरुपुर: "दम्पति कार्यशाला" का आयोजन
👉 गांधीधाम - तेयुप द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन
👉 चेन्नई: जीवन विज्ञान अकादमी द्वारा "पैन इंडिया कम्पटीशन" पर "खुला मंच" विचार संगोष्ठी का आयोजन
👉 बेहाला, कोलकत्ता - निर्माण एक नन्हा कदम स्वच्छता की और कार्यक्रम
👉 तिरुपुर: तेरापंथ महिला मंडल द्वारा “सास-बहु कार्यशाला” का आयोजन
प्रस्तुति: 🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Source: © Facebook

👉 हनुमंतनगर, बैंगलोर: "जैन संस्कार विधि" के बढते चरण

प्रस्तुति: 🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻

Source: © Facebook

Update

👉 *‘अहिंसा कान्कलेव’ द्वारा झारखंड सरकार करेगी अहिंसा यात्रा प्रणेता का अभिनन्दन*

👉 *-बीस तीर्थंकरों की निर्वाण भूमि में जैनाचार्यश्री महाश्रमणजी के अभिनन्दन में होगा आयोजन*

👉 *-झारखंड निर्माण में अहिंसा, सद्भावना व नशामुक्ति की भूमिका थीम पर आधारित होगा कार्यक्रम*

👉 *-झारखंड राज्य की पहली महिला राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू होंगी मुख्य अतिथि*

👉 *-झारखंड के मुख्यमंत्री श्री रघुवरदास स्वयं रहेंगे उपस्थित*

*संप्रसारक: अहिंसा यात्रा प्रबन्धन समिति*

प्रस्तुति -🌻 तेरापंथ *संघसंवाद* 🌻

Source: © Facebook

🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆

जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।

📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य'* 📙

📝 *श्रंखला -- 208* 📝

*बोधिवृक्ष आचार्य वृद्धवादी*

गतांक से आगे...

दैविक वरदान से मुकुन्द मुनि विद्या संपन्न बने। शक्ति सामर्थ्य को प्राप्त कर मुनि मुकुन्द ने श्रावक के वचनों को सत्य सिद्ध करने की बात सोची। चौराहे पर बैठ सबके सामने मूसल को धरती में थमा, मुनि मुकुंद बोले—

*अस्मादृशा अपि यदा भारती! त्वत्प्रसादतः।*
*भवेयुर्वादिनां प्राज्ञा मुसलं पुष्यतां ततः।।30।।*

भारती! तुम्हारे प्रसाद से हमारे जैसे व्यक्ति भी वादीजनों में प्राज्ञ का स्थान प्राप्त कर सके हैं, अब यह मूसल भी पुष्पित हो। यह कहकर मुकुन्द ने अचित्त जल का सिंचन देकर मंत्र महात्म्य से मूसल को पुष्पवान कर दिखाया।

वृद्धावस्था में अनवरत अध्ययन प्रवृत्त मुनि मुकुन्द को देखकर 'मूसल में फूल लगाओगे क्या?' इस प्रकार फब्तियां कसने वाले वाचाल व्यक्तियों के मुंह मुनि मुकुन्द ने बंद कर दिए।

वाद-गोष्ठियों में मुनि मुकुन्द सर्वत्र दुर्जेय बनकर चमके। अप्रतिमल्लवादी के रूप में उनकी महिमा महकी।

सब प्रकार से योग्य समझकर वादजयी वृद्धवादी को आचार्य स्कंदिल ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में नियुक्त किया।

जैन शासन सरोवर के उत्पल दल को विकसित करने वाले भास्कर आचार्य स्कंदिल के स्वर्गगमन के पश्चात् आचार्य वृद्धिवादी का शास्त्रार्थ संस्कृत भाषा के प्रकांड विद्वान् आचार्य सिद्धसेन के साथ हुआ। इस शास्त्रार्थ में जय प्राप्त कर आचार्य वृद्धवादी ने सिद्धसेन को अपना शिष्य बनाया। मुनि सिद्धसेन राज्याश्रय पाकर शिथिलाचार का का पोषण करने लगे। उस समय पुनः उन्हें शुद्ध संयम मार्ग में स्थिर करने का कार्य आचार्य वृद्धवादी ने किया। यह सारा प्रकरण आचार्य सिद्धसेन के जीवन वृत्त में हम आगे पढ़ेंगे।

वृद्धावस्था में दीक्षित मुनि मुकुन्द वादकुशल आचार्य होने के कारण वृद्धवादी नाम से प्रसिद्ध हुए। जन-जन में उन्होंने बोधिवृक्ष के अध्यात्म बीजों का वपन कर जैन धर्म की महती प्रभावना की।

*समय-संकेत*

अनुयोगधर आचार्य स्कंदिल के वृद्धवादी शिष्य थे एवं महान् तार्किक आचार्य सिद्धसेन के गुरु थे। आचार्य स्कंदिल की आगम वाचन का समय वीर निर्वाण 827 से 840 प्रमाणित हुआ है। संस्कृत भाषा के महामनीषी आचार्य सिद्धसेन का समय पंडित सुखलालजी ने विक्रम की पांचवीं शती निर्धारित किया है।

*सरस्वती कंठाभरण आचार्य सिद्धसेन के प्रभावक चरित्र* के बारे में पढ़ेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆

🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺

त्याग, बलिदान, सेवा और समर्पण भाव के उत्तम उदाहरण तेरापंथ धर्मसंघ के श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।

📙 *'नींव के पत्थर'* 📙

📝 *श्रंखला -- 32* 📝

*टीकमजी डोसी*

टीकमजी डोसी कच्छ में मांडवी के निवासी थे। वे वहां एक सनातनी महंत के सर्वाधिकार संपन्न मुनीम थे। महंतजी की संपत्ति जोधपुर तथा पाली में भी थी। वहां की देखरेख जोधपुर निवासी गेरूलालजी व्यास किया करते थे। वे स्वामी भीखणजी के भक्त एवं तत्त्वज्ञ श्रावक थे। समय-समय पर आय-व्यय का लेखा देने तथा व्यवस्था संबंधी अन्य समस्याओं पर विचार विमर्श करने के लिए उन्हें मांडवी जाना पड़ता था। उसी क्रम में सम्वत् 1851 में वे वहां गए। टीकमजी के सम्मुख वहां का समग्र विवरण प्रस्तुत किया तथा अन्य सभी समस्याओं पर भी विचार किया।

डोसीजी धार्मिक दृष्टि से स्थानकवासी जैन थे। स्वाध्याय प्रेमी तथा तत्त्वज्ञानी होने के कारण समाज में उनका बहुत आदर था। अपने संपर्क में आने-जाने वालों के साथ वे बहुधा धर्म चर्चा किया करते थे। धार्मिक उत्तर-प्रत्युत्तरों में उन्हें अतीव आनंद आया करता था। उधर व्यासजी भी उसी अभिरुचि के व्यक्ति थे। एक दिन भोजन एवं विश्राम आदि से निवृत्त होने के पश्चात वे दोनों धर्म चर्चा करने लगे। डोसीजी को यह जानकर सुखद आश्चर्य हुआ कि व्यासजी जैन धर्म को मानने वाले व्यक्ति हैं। उनके गंभीर शास्त्रीय ज्ञान ने तो उन्हें और भी अधिक विस्मय में डाल दिया।

मांडवी के महंतजी की ओर से एक अन्न सत्र चलता था। उसमें ब्राह्मणों तथा निर्धन व्यक्तियों को निःशुल्क भोजन दिया जाता था। उस दिन दोनों के लिए चर्चा का विषय भी वही बन गया। डोसीजी उक्त अन्नदान को पुण्य का हेतु मानते थे, जबकि व्यासजी उसे मात्र लौकिक सहयोग बतलाकर संसार पक्ष कह रहे थे। तर्क-वितर्कों के आदान-प्रदान में व्यासजी ने कहा— "यदि आप अन्नदान में संयमी को या असंयमी को दिए जाने का भेद नहीं करेंगे तो फिर मन पुण्य, वचन पुण्य, काया पुण्य और नमस्कार पुण्य में भी क्या यही कहेंगे कि मन, वचन और काया की शुभ या अशुभ कैसी भी प्रवृत्ति क्यों न हो, इसी प्रकार नमस्कार किसी को भी क्यों न किया जाए, वह पुण्य बंध का ही हेतु होता है?"

डोसाजी उक्त तर्क पर चिंतन में पड़ गए। शास्त्रोक्त नौ प्रकार के पुण्य में प्रथम पांच को तो वे सत्-असत् का भेद किए बिना ही पुण्य का हेतु मान सकते थे, परंतु शेष चार को नहीं। वे तब स्वयं को निरुत्तर अनुभव करने लगे।

व्यासजी ने पुनः कहा— 'शास्त्रकारों का दृष्टिकोण यदि अन्नदान मात्र को पुण्य कहने का मान लिया जाए तो भगवती सूत्र के अग्रोक्त कथन की संगति कैसे हो पाएगी कि असंयति अव्रति को एषणीय, अनेषणीय, प्रासुक एवं अप्रासुक आहार आदि देने वाला एकांततः पाप कर्म का बंधन करता है। उसके किसी प्रकार की निर्जरा नहीं होती।' व्यासजी ने अपने कथन की सत्यता प्रमाणित करने के लिए डोसीजी से भगवती सूत्र मंगवाया और वह पाठ निकालकर वह पन्ना उनके हाथ में दे दिया। उन्होंने उसे पढ़ा तो व्यास जी के कथन को यथावत् पाया। वे मंत्रमुग्ध की तरह कुछ देर तक उस पाठ को निहारते रहे। व्यास जी के तर्कों से तो वे प्रभावित हुए ही साथ ही उनके गंभीर आगम ज्ञान की छाप भी उनके मन पर पड़ी।

*टीकमजी डोसी ने स्वामी भीखणजी को अपने धर्म गुरु के रूप में कैसे स्वीकार किया...?* जानेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺

News in Hindi

https://goo.gl/maps/jwZPSFbUHKv

👉 *"अहिंसा यात्रा"*के बढ़ते कदम

👉 पूज्यप्रवर अपनी धवल सेना के साथ विहार करके "कल्याणपुर" पधारेंगे

👉 आज का प्रवास - *कल्याणपुर*

दिनांक: 27/11/2017

प्रस्तुति - तेरापंथ *संघ संवाद*

Source: © Facebook

Source: © Facebook

Share this page on:
Page glossary
Some texts contain  footnotes  and  glossary  entries. To distinguish between them, the links have different colors.
  1. Bangalore
  2. Chennai
  3. Krishna
  4. Terapanth
  5. Terapanth Bhavan
  6. आचार्य
  7. ज्ञान
  8. दर्शन
  9. निर्जरा
  10. भाव
  11. मुनि कमल कुमार
Page statistics
This page has been viewed 526 times.
© 1997-2024 HereNow4U, Version 4.56
Home
About
Contact us
Disclaimer
Social Networking

HN4U Deutsche Version
Today's Counter: