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बीना बारह में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के मंगल सानिध्य में पूज्य बड़े बाबा को नये मंदिर में विराजमान किया गया। #BinaBarah #AcharyaVidyasagar
कुंडलपुर से 4 गुना ज्यादा वजनी है बीना बारहा की आदिनाथ भगवान की प्रतिमा
अतिशय तीर्थ क्षेत्र बीना बारहा में बडे बाबा की मूर्ति का विहार आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के ससंघ सानिध्य में अपरान्ह ११.३० बजे प्रारंभ हुआ। २७ टन वजनी प्रथम तीर्थंकर श्री १००८ आदिनाथ भगवान की यह प्रतिमा मामा भांजे के मंदिर में विराजमान हो रही है। प्रतिमा जी लगभग १ वर्ष पूर्व बनना शुरू हुई थी और ५ मार्च को सुबह आचार्य श्री के ससंघ सानिध्य में मंदिर के सामने बिछाई गई रेल की पटरी पर बने प्लेटफार्म के द्वारा मंदिर के अंदर कमल पर विराजमान किया गया।अतिशय क्षेत्र बीना बारहा में ३ मंदिर लाल पत्थर से निर्मित हुए हैं। इनमें शांतिनाथ जिनालय में शांतिनाथ भगवान की प्रतिमा प्रमोद जैन, विनोद जैन कोयला वाला परिवार के द्वारा आदिनाथ जिनालय (मामा-भांजा मंदिर) में आदिनाथ भगवान की पद्मासन प्रतिमा जवाहरलाल अजय कुमार जैन के परिवार द्वारा विराजमान की जा रही है एवं अन्य दो प्रतिमाएं भागचंद जैन पूर्व सरपंच पटना बुजुर्ग और राजा भैया जैन सूरत के परिवार द्वारा विराजमान होंगी।
आचार्य श्री ने प्रतिमा जब क्रेन से उठाई जा रही थी तो कहा कि प्रतिमा अभी मंदिर के आंगन में आई है। जल्द ही सिंहासन पर विराजमान हो जाएगी। यह मंदिर हजारों साल के लिये तैयार हो रहा है। कुंडलपुर के बडे बाबा आदिनाथ भगवान की प्रतिमा ७ टन वजनी है जबकि बीना बारहा की प्रतिमा २७ टन वजनी है। मामा भांजे के मंदिर का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है। पहले जो मूर्ति यहां पर विराजमान थी, वह चूना और मिट्टी के मिश्रण से निर्मित हुई थी। लेकिन मूर्ति पुरानी होने से उसका क्षरण हो गया था। लेकिन नई मूर्ति की स्थापना यहाँ पर हुई है।
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News in Hindi
#AcharyaVidyasagar G के बढ़ते क़दम:)
फिर जागेगा भाग्य, दरस कर तृप्त होंगे नयन
चल पड़े हैं सतत् यात्रा पर, मुक्ति पथ के राही!!
कंकर कंकर बनेगा पावन
महकेगी हवा गुनगुनायेंगे पंछी
निकलेंगे जँहा जँहा से
मुक्ति पथ के राही!!
प्रबल होगा पुण्य जिनका
होंगी विशुद्ध भावनाएं
तो थमेंगे पग लेंगे क्षणिक प्रवास
मूक्ति पथ के राही!!
गूंजेगी धरती जयघोषों से
हिलोर लेंगी कामनाएं
बस इक नज़र देख लें
मुक्ति पथ के राही!!
जाना कंहा कंहाँ है मंजिल
जानते सब बन अनजान
बाँट रहे चहुंओर उजियारा
मुक्ति पथ के राही!!
--- जैन ब्रजेश सेठ पाटन
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निरी छटा ले तुम छठे, तीर्थंकरों में आप
निवास लक्ष्मी के बने, रहित पाप संताप #PadamPrabhBhagwan
हीरा-मोती पद्म ना, चाहूँ तुमसे नाथ
तुम सा तम-तामस मिटा, सुखमय बनूँ प्रभात
शुभ्र सरल तुम बाल तब, कुटिल कृष्ण तब नाग
तब चिति चित्रित ज्ञेय से, किन्तु न उसमें दाग
विराग पद्मप्रभ आपके, दोनों पाद सरग
रागी मम मन जा वहीँ, पीता तभी पराग ||
ओम् ह्रीं अर्हं श्री पद्मप्रभ जिनेंद्राय नमो नम: |
स्वयंभू स्तोत्र स्तुति आचार्य श्री विद्यासागर द्वारा रचित #AcharyaVidyasagar
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