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#vidyasagar #Jinvaani # ✿ दुर्लभ प्रवचन संग्रह @ www.jinvaani.org आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज, मुनि समयसागर जी, मुनि श्री नियमसागर जी, मुनि श्री सुधासागर जी, मुनि श्री क्षमासागर जी, मुनि श्री प्रमाणसागर जी, मुनि श्री तरुणसागर जी, पूज्य श्री जिनेन्द्र वर्णी जी, क्षुल्लक श्री ध्यानसागर जी के प्रवचन विभिन्न विषयो पर जैसे छः ढाला, तत्वार्थ सूत्र, भक्तामर, णमोकार मंत्र, म्रत्यु महोत्सव, पूजा कैसे करे, कर्म सिद्धांत, दस लक्षण धर्मं, सोलह कारण भावना, बारह भावना, समयसार, सर्वार्थ सिद्धि, कहानिया तथा जीवन चरित्र, गोमटसार, इष्टोपदेश, रत्नकरंड श्रावकाचार इत्यादि विषयो पूरा संग्रह - चिंतन/मनन करे!
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शंका समाधान
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१. वर्तमान में चातुर्मास जैनों का ही नहीं जन जन का उत्सव बन गया है!
२. शंका समाधान में आये एक डॉक्टर ने ये बताया की मानसिक रोगियों को गौ-शाला में गायों की सेवा कराने से वो ठीक हो गए!
३. मेडिकल साइंस ये मानता है की भावो से सेहत / शरीर पर प्रभाव पड़ता है! यही जैन धर्म का कर्म सिद्धांत कहता है!
४. किसी भी कार्य में बाह्य और अंतर दोनों कारणों की जरूरत है ऐसा महान मुनिराज प. पू. श्री १०८ समन्त्रभद्र महाराज ने कहा है! जो ऐसा नहीं मानते वो जिन मत नहीं है!
५. जब तक कान से सुनोगे सोच नहीं बदलेगी, जब ह्रदय से सुनाने लगोगे तो सोच बदलनी प्रारम्भ हो जाएगी!
६. पूजा के समय, स्थापना तो ह्रदय में करी जाती है, थोने में प्रतीकात्मक रूप से पुष्प क्षेपण किया जाता है!
७. बच्चों के मन में ये ४ बातें हर माँ-बाप को बिठानी चाहिए:
१. जैन धर्म के प्रति गौरव
२. माँ-बाप के प्रति निष्ठावान
३. संवेदनशीलता
४. गलतियों / पाप से डर
जिन बच्चों में मन में ऐसा बैठ जाता है वो मनुष्यों की तरह तो पैदा होते हैं और देवों की तरह जीते हैं!
- प. पू. मुनि श्री १०८ प्रमाण सागर जी महाराज
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निगाहों में माँ का प्यार,
होटो पे बच्चो सी मुस्कान,
और दिल में रहम का दरिया,
संत की तस्वीर है.
- जीवन धारा (रचनाकार क्षु. श्री ध्यानसागर जी महाराज) -आचार्य श्री के शिष्य @ हस्तिनापुर में विराजमान हैं:)
आज आर्यिका पूर्णमती माता जी ने गुना में प्रवेश किया उनका बहुत भव्य अगवानी हुई:) #purnmati @ #guna
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#vidyasagar towards #bhopal परम पूज्य आचार्य श्री का बालमपुर स्थित रोज मेरी स्कूल(शुखी सिवानिया से 8 किलोमिटर) में रात्रि विश्राम,सुबह अहरचर्या सम्भवतः गौशाला में,पंकज सुपारी के फार्म हॉउस पर पाद प्रक्षालन, आगे की जानकारी के लिए रजत जैन
श्री पारसनाथ सेवादल चन्दन नगर, भोपाल,(म.प्र)
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वाराणसी के भेलूपुर में भगवान पार्श्वनाथ की पावन जन्मभूमि पर स्तिथ प्राचीन जैन मंदिर की खुदाई से प्राप्त लगभग चतुर्थ शताब्दी के मान स्तम्भ में तीर्थंकर आदिनाथ, तीर्थंकर पदम प्रभ, तीर्थंकर पार्श्वनाथ और तीर्थंकर महावीर की प्रतिमा.... विश्व जैन संगठन
वास्तव में इस पंचम काल में चरित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री शांति सागर जी के बाद पूर्णतया आगम अनुरूप चर्या देखना है तो वो है विद्या सागर जी आइये जाने उनके त्याग तपस्या चर्या के बारे में
✅ आजीवन चीनी का त्याग
✅ आजीवन नमक का त्याग
✅ आजीवन चटाई का त्याग
✅ आजीवन हरी का त्याग
✅ आजीवन दही का त्याग
✅ सूखे मेवा (dry fruits)का त्याग
✅ आजीवन तेल का त्याग
✅ सभी प्रकार के भौतिक साधनो का त्याग
✅ थूकने का त्याग
✅ एक करवट में शयन
✅ पुरे भारत में सबसे ज्यादा दीक्षा देने वाले
✅ पुरे भारत में एक मात्र ऐसा संघ जो बाल ब्रह्मचारी है
✅ पुरे भारत में एक ऐसे आचार्य जिनका लगभग पूरा परिवार ही संयम के साथ मोक्षमार्ग पर चल रहा है
✅ शहर से दूर खुले मैदानों में नदी के किनारो पर या पहाड़ो पर अपनी साधना करना
✅ अनियत विहारी यानि बिना बताये विहार करना
✅ प्रचार प्रसार से दूर- मुनि दीक्षाएं, पीछी परिवर्तन इसका उदाहरण,
✅आचार्य देशभूषण जी महराज जब ब्रह्मचारी व्रत से लिए स्वीकृति नहीं मिली तो गुरुवर ने व्रत के लिए 3 दिवस निर्जला उपवास किआ और स्वीकृति लेकर माने
✅ ब्रह्मचारी अवस्था में भी परिवार जनो से चर्चा करने अपने गुरु से स्वीकृति लेते थे
और परिजनों को पहले अपने गुरु के पास स्वीकृति लेने भेजते थे ।
✅ आचार्य भगवंत सम दूसरा कोई संत नज़र नहीं आता जो न केवल मानव समाज के उत्थान के लिए इतने दूर की सोचते है वरन मूक प्राणियों के लिए भी उनके करुण ह्रदय में उतना ही स्थान है ।
✅ शरीर का तेज ऐसा जिसके आगे सूरज का तेज भी फिका और कान्ति में चाँद भी फीका है
✅ ऐसे हम सबके भगवन चलते फिरते साक्षात् तीर्थंकर सम संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्या सागर जी के चरणों में शत शत नमन नमन नमन
✅ हम धन्य है जो ऐसे महान गुरुवर का सनिध्य हमे प्राप्त हो रहा है
समय सागर जी का बागीदौरा मङ्गल प्रवेश #chaturmas:)
आचार्य गुरुवर श्री विद्यासागर जी महाराज के ज्येष्ठ एवं श्रेष्ट मुनि श्री 108 समय सागर जी,मुनि श्री प्रशस्त सागर जी,मुनि श्री मल्ली सागरजी,मुनि श्री धीर सागर जी एवं मुनि श्री आनंद सागरजी महाराज का ससंघ प्रथम बार राजस्थान के वागड़ की धर्मनगरी बागीदौरा को वर्ष 2016 का पवन वर्षायोग का मांगलिक अवसर प्राप्त होने जा रहा है । जिससे पुरे वागड़ में धर्म की लहर दौड़ उठी है।
🙏पूज्य गुरुवर का वर्षायोग स्थपना कार्यक्रम दिनांक 20-07-2016 (बुधवार) को समय 1:00 बजे दोपहर में बागीदौरा के आचार्य विद्यासागर संयम भवन में सम्पन्न होगा ।🙏�
समीपस्थ पावन वर्षायोग मुनि श्री 108 आगम सागर जी का चातुर्मास आजना में होने जा रहा है जिसकी बागीदौरा से दुरी मात्र 30 कि.मि.|
✿ #vidyasagar towards #bhopal आचार्य श्री ने कहा जीवन मैं यात्रा किस दिशा मैं जा रही है यात्रा चरणों के वजाय आचरण से अगर होगी तो मुक्ति हमारे पास है भारत का इतिहास की ओर उललेखित करते हुये कहा कि युगों युगों यंहा की संस्कृति रही है यंत्र को चलाने वाला यदि नशा मैं आ जाऐ तो वह रेल पटरी से नीचे उतर जाती है।:)
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*आचार्यश्री के चातुर्मास कलश की स्थापना 24 को* को हो सकती हैं भोपाल में:) #vidyasagar @ #bhopal
परम पूज्य आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के ससंघ चातुर्मास कलश की स्थापना *24 जुलाई 2016, रविवार को सुभाष स्कूल ग्राऊन्ड (7 नम्बर स्टाप) शिवाजीनगर भोपाल* में हो सकती हैं ऐसी सम्भावना हैं!!
भोपाल की ओर बढ़ते कदम चातुर्मास 2016 @ आचार्य भगवन के चतुर्मास की व्यवस्था युद्ध स्तर पर जारी है यहां पर पूरे ग्राअन्ड पर ब्लाक लगाये जा रहे है व कई अलग अलग एजेन्सीयां कार्य कर रही है
➡आचार्य संघ को ठहरने के लिये 17 कमरे व एक हाल बनकर तैयार है
➡आहार चर्या के लिये लगभग 70 शेड केम्पस में व एम पी नगर शिवाजी नगर में लगभग 30 चौको की व्यवस्था हो चुकी है
➡भोजन शाला की व्यवस्था सरगम के सामने ग्राउन्ड में रखी गई है
➡पार्किंग की व्यवस्था शिवाजी नगर की ओर करे व उसी तरफ के नये गेट से मंदिर प्रागण में प्रवेश करें
➡आ.संघ की शौच क्रिया के लिये जेल पहाडी की ओर प्राकृतिक व्यवस्था है
➡अतिथियों के रूकने के लिये एम पी नगर आदि में व्यवस्था की गई है
➡ब्रहमचारी व दीदीयों की व्यवस्था नजदीक ही की गई है
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बुन्देलखंडी में आचार्य श्री की भव्य पूजा.. *मोहे पिला दो आत्म अमृत.. Just amazing awesome puja of acharya shri.. I love bundeli:);) काश हम भी वह होते उस समय और उस आनंद का आनंद लेते!!
*note -ये पूजा सागर के पास sehora में की गयी थी अगर किसी के पास इसका पूरा विडियो हो और ये पूजा लिखित में कहा से मिल सकती हैं किसी बुक में हो प्लीज उसकी पिक्स लेकर भेजे प्लीज!! इसका अर्थ भी बताये हम admin बुंदलखंड से नहीं हिं तो समझ नहीं आई पर सुनने में बहुत प्यारा लगा:):D
News in Hindi
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#Jainism ✿ करे अभिषेक प्रभु का.. आदि जिनेश प्रभु का.. अभिषेक करने से हम प्रभु को देखे ओर समझे कैसे वे कर्म रहित हैं हम भी ऐसे बने..
आचार्यों ने लिखा है कि- आत्मा से बंधे निधत्ति और निकाचित कर्मों (अधिकतम कड़े कर्म, जिन की निर्जरा / नाश सरलता से नहीं होती) की निर्जरा / कर्म नष्ट होना भी मात्र देवदर्शन से हो जाती है! उनका निधत्तित्व एवं निकाचितत्व टूट जाता है, मन प्रसन्न होता है:)
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