09.06.2016 ►TSS ►Terapanth Sangh Samvad News

Published: 09.06.2016
Updated: 09.01.2018

Update

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Video link:
दिनांक 09-06-2016 के विहार और *नागालैंड के डिमापुर* क्षेत्र में प्रवेश का वीडियो एवं पूज्य प्रवर के प्रवचन का विडियो

प्रस्तुति - अमृतवाणी

सम्प्रेषण -👇

📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए

🌻"तेरापंथ संघ संवाद"🌻

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10 जून का संकल्प

रक्तिम आभा लिए उगते सूरज की पहली किरण ।
जगाती स्फूर्ति, तन - मन में करती ऊर्जा संचरण ।।

📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
🌻"तेरापंथ संघ संवाद"🌻

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👉 केसिंगा: सिंधिकेला सभा की नव निर्वाचित टीम का शपथ ग्रहण समारोह
प्रस्तुति - 🌻तेरापंथ संघ संवाद🌻

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👉 नोखा: तेरापंथी सभा का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित
प्रस्तुति - 🌻तेरापंथ संघ संवाद🌻

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आचार्य तुलसी की कृति....."श्रावक संबोध"

गतांक से आगे......

📝 श्रृंखला-34 📝

(नवीन छन्द)

30 - गति में साधक धर्मास्तिकाय,
है अधर्मास्ति स्थिति-सहयोगी।
अवकाशद आकाशास्तिकाय,
जड़-चेतन सबके उपयोगी।
वह पुद्गलास्ति जो दृश्य जगत्,
चेतनायुक्त जीवास्तिकाय।
समझें तत्त्वज्ञ सुधी श्रावक,
गहराई से पंचास्तिकाय।।

अर्थ -
• जीव और पुद्गल की गति में सहयोग करने वाला द्रव्य धर्मास्तिकाय है।
• जीव और पुद्गल की स्थिति में सहयोग करने वाला द्रव्य अधर्मास्तिकाय है।
• जीव और पुद्गल को अवकाश - स्थान देने वाला द्रव्य आकाशास्तिकाय है।
ये तीनों अस्तिकाय जड़ और चेतन सबके लिए उपयोगी हैं।
• जो दृश्य जगत् अणु और स्कंधरूप है, वह पुद्गलास्तिकाय है।
• जो चेतनायुक्त द्रव्य है, वह जीवास्तिकाय है। तत्त्वज्ञ और बुद्धिमान श्रावक पंचास्तिकाय को गहराई से समझने का प्रयत्न करें।

भाष्य - जीव और पुद्गल - दोनों गतिशील हैं। पर ये निरपेक्ष रूप में गति नहीं कर पाते। इनकी गतिक्रिया में सहायक तत्व है धर्मास्तिकाय। वह जीव और पुद्गल को गति में प्रवृत्त नहीं करता, इसलिए उदासीन सहायक कहलाता है। पानी में मछलियां चलती हैं। पानी मछली को गति में प्रवृत्त नहीं करता, चलने की प्रेरणा नहीं देता। पर मछलियां चलती हैं तो चलने में उसका पूरा सहयोग रहता है। इसी प्रकार जीव और पुद्गलों की गति में धर्मास्तिकाय का उदासीन सहयोग मिलता है। इसके बिना उनकी गति हो ही नहीं सकती। इस दृष्टि से धर्मास्तिकाय को गति का अनन्य सहायक माना जा सकता है।

जीव और पुद्गलों की अवस्थिति में अधर्मास्तिकाय का सहयोग मिलता है। थका-हारा पथिक विश्राम करना चाहता है। वृक्ष की छाया देखकर वह ठहर जाता है, विश्राम करता है। इसी प्रकार ठहरने के क्षण में जीव और पुद्गल अधर्मास्तिकाय के उदासीन सहयोग से अवस्थित रहते हैं।

पंचास्तिकाय के शेष तीन तत्त्वों को समझने के लिए देखें हमारी अगली पोस्ट...

क्रमशः....... कल

प्रस्तुति - 🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻
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👉 नव इतिहास का सृजन - "नागालैंड में गुरु चरण"
👉 अपनी "अहिंसा वाहिनी के साथ आज पधारे गुरुवर नागालैंड के 'डीमापुर' क्षेत्र में
👉 महावीर भवन, जैन मंदिर मार्ग, 'डीमापुर', नागालैंड में हुए आज के "अभिनंदन एवं स्वागत समारोह" के कुछ विशेष दृश्य..
👉 स्वागत - अभिनंदन करते सभी संघीय संस्थाएं..
👉 पूज्यप्रवर मंगल उद्बोधन देते हुए..
👉 'मुख्यमुनि' व 'साध्वीवर्या' पद पर नियुक्ति के बाद दोनों का प्रथम वक्तव्य
दिनांक:- 09-06-2016

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🌻"तेरापंथ संघ संवाद"🌻

News in Hindi

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👉 'मुख्य मुनि' *श्री महावीर कुमार* के जन्मदिवस पर विशेष प्रस्तुति
★ जीवन परिचय

प्रस्तुति - 🌻तेरापंथ संघ संवाद🌻

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👉 इतिहास का सृजन - *नागालैंड में आचार्य चरण*- अपनी अहिंसा वाहिनी के साथ आज पधारेंगे नागालैंड के *डीमापुर* क्षेत्र में
👉 आज लगभग 6 किमी का विहार
👉 आज के विहार के दृश्य

दिनांक:- 09-06-2016

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