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🌍आज की प्रेरणा🌏प्रवचनकार - आचार्य श्री महाश्रमण
विषय - "महावीर से जुड़ा पर्व दीपावली"
प्रवचनस्थल - विराटनगर, ११.११.१५
प्रस्तुति - अमृतवाणी
संप्रसारण - संस्कार चैनल के माध्यम से --
आर्हत वाड्मय में कहा गया है - दानों में श्रेष्ठ दान - अभय दान, भाषाओं में श्रेष्ठ भाषा - सत्य व लोक के उत्तम देवों में देव - भगवान महावीर | आज दीपावली के दिन भगवान महावीर का निर्वाण दिवस| राम से भी जुड़ा आज का दीपोत्सव | नेपाल में पटाखों पर बैन है, अच्छा है तेजसकाय के जीवों की हिंसा से बचाव हो जाता है | दिवाली आलोक पर्व है, प्रकाश पर्व है| संतों के तो सदा दिपावली होती है पर तब जब प्रज्ञा जागृत होती है| दीपावली के पर्व में ज्ञान की प्रज्ञा का विकास हो| जैसे कभी-कभी अन्याय भी न्याय की तरह सम्मानित होता है वैसे ही अमावस्या भी दीपों के साथ से तेजस्वी व प्रकाशमान बन जाती है | रामायण के प्रसंग में जनक जी सीता के लिए ऐसे योग्य वर की तलाश कर रहे हैं जो सीता की विशिष्टता के अनुरूप हो| एक बार कुछ मलेच्छ मिथिला में उपद्रव पर उतारू हो गये व देश को उजाड़ने लगे | राजा जनक परेशान और ऐसे में उन्हें अपने मित्र राजा दशरथ से सहयोग लेने की बात सूझी व दूत भेजा| दशरथ जब मिथिला जाने के ले तैयार हुए तो राम ने कहा - आप यहीं बिराजें, हम मिथिला जाकर राजा जनक का काम पूरा करेंगे| राम और लक्षमण गए और असुरों के साथ जबरदस्त मुकाबला हुआ| रामचंद्र जी ने जब अपनी धनुष उठाई तो असुर उसी तरह भागने लगे जैसे धर्म के आगे पाप भाग जाता है| राजा जनक बड़ा
प्रसन्न व प्रभावित हुआ और उपहार स्वरूप राम को अपनी प्यारी पुत्री सीता भेंट करने के लिए उद्धत हो गया| बेटी के लिए अच्छे व सुयोग्य वर की प्राप्ति किसी भी माँ बाप के लिए बड़े सौभाग्य की बात होती है |
दिनांक - १२ नवम्बर, २०१५
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दि.11/12.नवम्बर.2015 के कार्यक्रम।
♦दिल्ली:'मंत्री' मुनि श्री सुमेरमल जी(लाडनूं) एवं 'शासन श्री' मुनि श्री किशनलाल जी के सान्निध्य में वृहद् मंगलपाठ।
♦'शासन श्री' मुनि श्री मुनि श्री सुमेरमल जी(सुदर्शन) के सान्निध्य में 'तेरापंथ हस्तकला प्रदर्शनी'।
प्रस्तुति > तेरापंथ मीडिया सेंटर
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