ShortNews in English
Jodhiyasi Titri: 10.07.2013
Acharya Mahashraman said discipline is standing on two pillar and that are politeness and tolerance.
News in Hindi
विनय और सहिष्णुता से जीवन में आता है अनुशासन - आचार्य श्री
जोधियासी 09 जुलाई 2013 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
तेरापंथी धर्मसंघ के ग्यारहवें आचार्य महाश्रमण का मंगलवार को कंवलीसर में स्वागत किया गया। साधु साध्वियों सहित उनकी अङ्क्षहसा यात्रा का कंवलीसर पहुंचने से पहले बीच रास्ते गुड़ला, ढाकोरिया आदि गांवों में श्रद्धालुओं ने स्वागत किया।
राउप्रावि कंवलीसर में महाश्रमण आचार्य ने कहा अज्ञानी के लिए यह संसार दुख भरा है इसका कारण यह है कि अज्ञानी हर बात में से दुख निकाल लेता है। सुख के प्रसंग में भी वह दुख सृजित कर लेता है। वह हर बात में कष्ट का अनुभव करता है। ज्ञानी आदमी वह होता है जो प्रतिकूल परिस्थिति में भी सुख और अनुकूलता खोज लेता है। आचार्यश्री ने कहा कि अनुशासन का भवन मात्र दो खम्भों पर खड़ा है एक विनय और दूसरा सहिष्णुता। विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का बड़ा महत्व है। आचार्य श्री ने कहा कि जीना महत्वपूर्ण नहीं है लेकिन श्रेष्ठ जीवन जीना महत्वपूर्ण है।
मंत्री मुनि सुमेरमल स्वामी ने कहा कि वर्तमान को सुधारना है तो धर्म युक्त जीवन जिएं। इस अवसर पर विश्नोई समाज की ओर से भी तेरापंथी धर्म के आचार्य महाश्रमण का झाड़ीसरा सरपंच प्रतिनिधी रामस्वरूप विश्नोई की अगुवाई में स्वागत किया गया। इस मौके पर भारत विकास परिषद के पूर्व संरक्षक संपत मल लूणावत, हनुमान राम सारण, हेतराम विश्नोई, प्रेमाराम, लालाराम विश्नोई, रामनारायण विश्नोई आदि कई लोग मौजूद थे। वहीं गरीब बच्चों को पोषाहार वितरण किया गया। आचार्य महाश्रमण बुधवार सुबह जोधियासी पहुंचेंगे। उनके आगमन से पहले सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है।
वहीं जगह जगह महाश्रमण के बड़े बड़े पोस्टर व बैनर लगाए गए हैं। अणुव्रत समिति द्वारा ग्यारह अणुव्रत आचार संहिता के 501 प्रपत्र सुमन बोथरा व सुरभि नाहर के द्वारा घर घर जाकर भरे गए। इससे लेकर कस्बे के लोगों में उत्साह का माहौल है। आचार्य महाश्रमण जोधियासी के बाद तीतरी गांव जाएंगे। वहां से वे 17 जुलाई को चातुर्मास के लिए लाडनूं पहुंचेंगे।