ShortNews in English
Baytu: 11.01.2013
Acharya Mahashraman said life style should be filled with non-violence. Life should be free from anger. All people should be full of compassion.
News in Hindi
जीवन में अहिंसा-संयम व तप का प्रावधान हो'
बायतु 11 जनवरी 2013 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
तेरापंथ भवन में धर्म प्रवचन के दौरान गुरुवार को 'कैसी हो जीवन शैली' विषय पर आचार्य महाश्रमण ने प्रवचन दिए। आचार्य ने कहा कि जीवनशैली अहिंसा प्रधान होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यक्ति की जीवनशैली क्रोध मुक्त होनी चाहिए। व्यक्ति को प्रतिकूल परिस्थितियों में भी शांत रहना चाहिए। साधु तो अहिंसा का पुजारी होता है। उसका हाथ उठाना उसमें अहिंसा की कमी को दर्शाता है। व्यक्ति के भीतर अनुकंपा की भावना होनी चाहिए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि किसी को दुखी देखकर हंसना नहीं चाहिए।
आचार्य ने कहा कि जिसको सहयोग की अपेक्षा हो उसका सहयोग करना चाहिए। आदमी का जीवन संयम प्रधान होने के साथ इंद्रिय संयम का प्रयास करना चाहिए। इसके अलावा मन पर भी संयम रखना होगा। पवित्र मन के साथ कल्याणकारी विचार का होना भी जरूरी है।
व्यक्ति की जीवन शैली तपस्या प्रधान रहनी चाहिए। आचार्य ने प्रेरणा देते हुए कहा कि व्यक्ति का जीवन अहिंसा, संयम व तप प्रधान होना चाहिए। ऐसी जीवन शैली वाला व्यक्ति कल्याण की दिशा में आगे बढ़ता है। आचार्य ने मनोभावना का अंकन करते हुए कहा कि भाव की अनुकूलता रहने पर बाड़मेर जिले का पहला मर्यादा महोत्सव बायतु में करने का भाव है। यह सुन उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं में हर्ष की लहर दौड़ गई। कार्यक्रम का संचालन मुनि दिनेश कुमार ने किया। कार्यक्रम में हाजरी वाचन किया गया। सभी साधु साध्वियों ने सामूहिक रूप से लेख पत्र का वाचन किया।