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Jasol: 15.09.2012
Procession for last rites of Sadhvi Vairagya Shree took place today at Jasol. Thousands of people joined it. Many people reached from nearby areas.
News in Hindi
साध्वी की बैकुंठी यात्रा में उमड़ा जनसैलाब
जसोल १५ सितम्बर २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण की शिष्या साध्वी वैराग्य श्री के संलेखना विघि के साथ देवलोक गमन पर शुक्रवार को बैकुण्ठी यात्रा निकाली गई। श्रद्धा व आस्था से परिपूर्ण माहौल में निकली बैकुण्ठी यात्रा में सिवांची-मालाणी सहित देश के विभिन्न प्रांतों से हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। आचार्य महाश्रमण के सान्निध्य में 79 वर्षीय साध्वी वैराग्य श्री ने 29 दिन से तिविहार संथारा पर थी। गुरूवार शाम संलेखना विघि के साथ उनका देवलोक गमन हो गया।
सूचना के बाद आस-पास व दूरदराज के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। सुबह लूंकड़ भवन में उनकी पार्थिव देह को श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ रखा गया। हजारों की संख्या में मौजूद श्रद्धालु साध्वी की एक झलक पाने के लिए बेताब नजर आए। सुबह सवा नौ बजे आचार्य महाश्रमण की आज्ञा के बाद लूंकड़ भवन से साध्वी की पार्थिव देह को बैकुण्ठी में सवार कर अंतिम यात्रा रवाना की गई।
आस्था से लबरेज माहौल जयकारों से गूंज उठा। जसोल के प्रमुख मार्गो से गुजरी बैकुण्ठी यात्रा की झलक भर देखने के लिए सड़क के दोनों तरफ हजारों श्रद्धालु भाव मग्न होकर हाथ जोड़े खड़े थे। छतों पर भी लोगो की भीड़ जमा थी। अबीर गुलाल की बौछार से जसोल की गलियां रंगीन हो गई। प्रमुख मागोंü से होते हुए बैकुण्ठी यात्रा मुक्ति धाम पहुंची। यहां साध्वी वैराग्य श्री की पार्थिव देह को चंदन व नारियल की चिता पर सजाया गया। साध्वी के सांसारिक पक्ष से उनके पति वंशराज तथा पुत्र राजेन्द्र व अजीत चोरडिया ने मुखाग्नि दी।
घृत्त, नारियल व अगरबती से महकते माहौल में साध्वी की पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन की गई। इस अवसर पर आचार्य महाश्रमण, चातुर्मास व्यवस्था समिति के संयोजक गौतमचंद सालेचा, नगरपालिका की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती प्रभा सिंघवी, ताराचंद कोठारी, महेन्द्र कोठारी, कांतिलाल ढेलडिया, शांतिलाल डागा, ललित जीरावला, जसराज बूरड़, मांगीलाल भंसाली असाड़ा, डंूगरचंद सालेचा, सभाध्यक्ष खूबचंद भंसाली, तेयुप अध्यक्ष रमेश भंसाली, अशोक ढेलडिया, महिला मंडल अध्यक्ष फेनादेवी मौजूद थे।
आचार्य महाश्रमण की शिष्या साध्वी वैराग्य श्रीजी(79) का गुरुवार को संलेखना विधि के साथ देवलोकगमन हुआ। शुक्रवार सवेरे आचार्य महाश्रमण साध्वियों के ठिकाने पहुंचे। साध्वी के पार्थिव शरीर को उनके परिवार वालों ने बैकुंठी में बिठाया। साध्वी के अंतिम दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। साध्वी के पार्थिव शरीर को बैकुंठी में बिठा जसोल गांव की मुख्य गलियों से शोभायात्रा निकाली गई। साध्वी की अंतिम यात्रा दुख:ख-शोक से दूर एक महोत्सव की रैली जैसी प्रतीत हो रही थी। क्योंकि मृत्यु का इन्होंने स्वयं वरण किया था। ये मृत्यु के सामने एक वीरांगना की तरह डटे थे। साध्वी की अंतिम यात्रा में हजारों की तादाद में लोग उमड़े। अंतिम यात्रा कस्बे के विभिन्न स्थानों से होते हुए मुक्तिधाम पहुंची। वहां साध्वी के पार्थिव देह को हजारों नारियल, कई किलों चंदन की लकड़ी, कई किलों घी, अगरबत्तियों से पंचतत्व में विलीन किया गया। साध्वी के पारिवारिक सदस्यों ने उनको मुखाग्नि दी।
आकाश से बरसी बंूदों ने दी श्रद्धांजलि: साध्वी वैराग्य श्री की अंतिम यात्रा जब साध्वी प्रमुखा श्री के आवास के पास से गुजरी तो कुछ सैकंड के लिए हल्की-सी बूंदाबांदी हुई। जो थोड़ी देर बाद वापस रुक गई।
साध्वी की बैकुंठी जब मुक्तिधाम पहुंची, उससे पहले बूंदाबांदी तेज हो गई, परंतु ठीक ऐन वक्त पर बारिश थम गई। इस अंतिम यात्रा में नगरपालिका की पूर्व चेयरमैन प्रभा सिंघवी प्रवास व्यवस्था समिति के पदाधिकारी, तेयुप सभा, महिला मंडल के पदाधिकारी, किशोर मंडल व कन्या मंडल के सभी सदस्यों के साथ आसपास के क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।