ShortNews in English
Jasol: 07.09.2012
Acharya Mahashraman said during Anuvrata Udbodhan Week to stay addiction free. He said evil can be ended by staying away from addiction. Government should pay attention that all students can be kept away from addiction.
News in Hindi
नशा मुक्ति से बुराई खत्म: आचार्य श्री
जसोल(बालोतरा) ०६ सितम्बर २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
जो चेतना मोह से आवृत रहती है वह मंद रहती है। हमारी चेतना में ज्ञान, दर्शन, शक्ति, आनंद की तेजस्विता है पर यह मोह कर्म चेतना को आवृत्त कर देता है तो चेतना रूपी सूर्य मंद पड़ जाता है। आदमी के नशे के पीछे भी मोह का प्रभाव है। नशा करने की आदत मजबूत होने पर उसे छोडऩा मुश्किल हो जाता है। यह नशे जैसे विकार से मुक्त रहने का प्रेरणादायी पाथेय आचार्य महाश्रमण ने अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अंतर्गत नशामुक्ति दिवस पर दिया। उन्होंने कहा कि आदमी शराब पीता है, फिर शराब आदमी को पीने लग जाती है। जो मद्यपान करने वाले होते हैं, उनका चित्त विक्षिप्त हो जाता हो। उसके बाद वह पापाचार करता है और दुर्गति को प्राप्त करता है। आचार्य ने कहा कि नशे के हटने से समाज से अनेक बुराइयां खत्म हो सकती है। सरकार को भी इस बारे में चिंतन करना चाहिए। विद्यार्थियों को नशामुक्ति से संकल्प कराने से उनका भविष्य सुरक्षित हो सकता है। विद्यार्थी जगत को नशामुक्ति का संकल्प कराना अच्छी बात है। नशामुक्ति के लिए व्यक्ति स्वयं के साथ दूसरों को भी नशामुक्त बनाएं।
मंत्री मुनि सुमेरमल ने कहा कि व्यक्ति को सोचने का बल मिला है पर वह नशा करके स्वयं भी इस शक्ति को खोना चाहता है। नशा करके वह अपनी सुधबुध खो देता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति की चेतना से सजग होने पर वासना दब जाती है। भारत जैसे देश में नशा स्वयं जहर है।
यह देश नशे के अनुकूल नहीं है। इस नशे से व्यक्ति को अणुव्रत व धर्म बचा सकता है। अणुव्रत को ग्रहण करने से वह इस बाहरी तत्वों से दूर रह सकता है। कार्यक्रम के प्रारंभ में मुनि मदन कुमार ने नशामुक्ति के बारे में अपने भाव अभिव्यक्त किए। ओम बांठिया ने विचार व्यक्त किए।
आज का कार्यक्रम: अणुव्रत के भूपत राज कोठारी ने बताया कि तेरापंथ के अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण के सन्निधि में शुक्रवार को अनुशासन दिवस मनाया जाएगा।