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Kanana: 25.05.2012
Acharya Mahashraman said Sanyam is means of religion. Practice of Sanyam in every walk of life. Sanyam is beneficial for present life and also good for soul.
News in Hindi
संयम से ही आत्म कल्याण संभव: आचार्यSource: Matrix News | Last Updated 01:00(25/05/12)
कनाना में आयोजित धर्मसभा में उमड़े श्रावक-श्राविकाएं
बालोतरा जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
संयम को धर्म का एक आयाम बताते हुए आचार्य महाश्रमण ने कहा कि जिस आदमी के जीवन में संयम की साधना पुष्ट हो जाती है तो उस आदमी के जीवन में बहुत कुछ आ जाता है। संयम को जीवन बताते हुए उन्होंने कहा कि खाने, बोलने आदि में सीमा के अतिरिक्त का संयम हो। संयम का लाभ इस जीवन को ही नहीं आत्मा को भी मिलता है। यह जीवन तो आदमी कैसे भी बिता सकता है पर आत्म कल्याण तो संयम से ही संभव है। आचार्य गुरुवार को कनाना गांव में आयोजित धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे।
आचार्य ने नशा मुक्ति सम्मेलन में उपस्थित लोगों को नशा मुक्त जीवन जीने की प्रेरणा देते हुए कहा कि संयम का ही एक अंग है नशा मुक्त रहना। नशे को बीमारी बताते हुए उन्होंने कहा कि नशे ने कई लोगों पर आक्रमण किया है। कुछेक को तो इसने जबरदस्त तरीके से अपने वश में कर लिया है। नशे ने गांव, शहर हर जगह को अपनी चपेट में लेकर अपना व्यापक रूप धारण किया है। नशे के कारण ही गरीबी को बढऩे का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि नशा करने वालों का विवेक खत्म हो जाता है। आदमी स्वयं की बुद्धि के साथ दूसरों की सद्बुद्धि वाली बात को सुने और अपनी गलत प्रवृतियों को त्यागने का प्रयास करें। व्यक्ति नशा मुक्त जीवन जीएं और नशे से होने वाले नुकसान का चिंतन करें।
मंत्री मुनि सुमेरमल ने अहिंसा, करुणा को ज्ञान का सार बताते हुए कहा कि जो व्यक्ति स्वयं को कर्मों से बचाए वह ज्ञानी है। वह बुद्धि उपयोगी है जो स्वयं का हित साधती है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति स्वयं कर्मों से बचकर चले और औरों को भी प्रेरणा दे। उन्होंने ज्ञान को दुधारी तलवार बताते हुए कहा कि व्यक्ति ज्ञान से कर्म बंधन कर भी सकता है और कर्म बंधन तोड़ भी सकता है। व्यक्ति कार्य करने से पहले इस बात का ध्यान कर ले कि इस कार्य से कर्म बंधेंगे या टूटेंगे। ऐसा करने से व्यक्ति स्वयं को काफी हद तक पापों से बचा सकता है। कार्यक्रम में मुनि राजकुमार ने जीवन तुम्हारा एक वरदान गीत प्रस्तुत किया। केवलचंद नाहर व सभाध्यक्ष घीसूलाल चौपड़ा ने विचार व्यक्त किए। आचार्य ने कार्यक्रम में उपस्थित ग्रामीणों को नशामुक्ति का संकल्प दिलाया। संचालन मुनि दिनेश कुमार ने किया।