ShortNews in English
Balotara: 01.05.2012
Acharya Mahashraman and Mantri Muni Sumermal.
News in Hindi
शत:शत नमन: वन्दन:
श्रमण से महाश्रमण बने
श्रद्धा का है भाव सुरक्षित
विनय विवेक विकास!
सहज समर्पण की निष्ठा में
नही तर्क का वास!
भिक्षु आज्ञा ही आत्म धर्म है
तन--मन का अनुशासन,
भीड़ भले हो या एकांत
रहे मन ध्रुव आराधना!
मै साधू हूँ, साधू में हूँ,
यही लक्ष्य लिए हो
राग विराग सभी भावो को
सभी विराम दिए हो!
इसलिए तुम महाश्रमण हो, भैक्ष्व शासन के नायक हो,
सबके द्वारा वन्दित,
सर्जनधर्मिता का हर सपना
हुआ तुम्ही में केन्द्र्ती!
आध्यात्म जगत के देदीप्यमान दिनकर धर्मचक्रवती, धर्म सम्राट युवा मनीषी तेरापंथ धर्म संघ के आराध्य परम पूजनीय आचार्य प्रवर महाश्रमण जी को ५० वे जन्म वर्ष प्रवेश शत:शत नमन: वन्दन:
(जन्म सवत: २०१९ वैसाख शुक्ल ९, सरदारशहर)
श्रद्धानत हम सभी
जैन तेरापंथ समाचार परिवार