Short News in English
Location: | Kelwa |
Headline: | Politicians Should Care For Public ► Acharya Mahashraman |
News: | Acharya Mahashraman advised politician to avoid false pride when they are in power. He told them to pay attention for public and try to understand misery of people. He told person of knowledge should avoid ego. He defined Saint who stay peaceful and whose mind is calm. |
News in Hindi
राजनेता जनता के दुख-दर्द में भागीदार बनें- आचार्य महाश्रमण
केलवा १२ सितम्बर २०११ जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो सवाददाता
तेरापंथ समवसरण में चल रहे चातुर्मास के दौरान आचार्य महाश्रमण ने कहा
राजनेता जनता के दुख-दर्द में भागीदार बनें
आचार्य महाश्रमण ने राजनेताओं और जनप्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे सत्ता के मद में कभी अहंकारी न बने। जनता का विश्वास जीतने और उनके दुख व दर्द में बराबर का भागीदार बनने का प्रयास करें। अहंकार व्यक्ति को विनाश के पथ पर धकेलता है।
आचार्यश्री यहां तेरापंथ समवसरण में चल रहे चातुर्मास के दौरान रविवार को प्रवचन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति को अगर ज्यादा ज्ञान मिल जाए तो भी उसे अहंकारी नहीं बनना चाहिए। इसे अन्य लोगों में बांटने का प्रयास करें ताकि उनका भी कल्याण हो सके। आज प्राय: यह देखा जाता है कि किसी के पास धन-दौलत ज्यादा आ गई है तो वह अहंकारी बन जाता है। इसमें अहंकार की क्या बात है। लक्ष्मी कभी एक जगह नहीं ठहरती। यह कभी इस घर और कभी उस घर चलती रहती है। फिर अहंकार क्यों? यह हमें अपने लक्ष्य से दूर करने का प्रयास करता है। इसलिए कभी भी मन में अहंकार, घमंड और ईष्र्या का भाव नहीं आने दें और आत्मा के कल्याण के लिए त्याग और साधना की ओर जाने का प्रयास करें।
अपने आचार, विचारों को शुद्ध रखें
१२ सितम्बर २०११ जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो सवाददाता
आचार्यश्री ने कहा कि अशुद्ध प्रवृति के व्यक्ति को पग-पग पर समस्याओं से रूबरू होना पड़ता है और शुद्ध विचारों वाले व्यक्ति को सहज रूप से विकास का मार्ग सुलभ होता है। इसलिए आवश्यकता इस बात की है कि व्यक्ति सदैव अपने आचार और विचारों का शुद्ध रखने का प्रयास करे। इससे स्वयं और समाज का विकास होगा। नम्रता विनय है और व्यवहार तो अच्छी प्रवृति का लक्षण है। किसी की त्रुटि पर उसे क्षमा करने का भाव मन में होना चाहिए। इसे भी शास्त्रों में अच्छा माना गया है।
शांत रहे वही संत
१२ सितम्बर २०११ जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो सवाददाता
आचार्यश्री ने कहा कि संत वही अच्छा होता है जो अपनी प्रवृति को शांत रखता है। अगर वह शांत नहीं है तो उसके संता में कमी है। उसका हृदय कोमल और मन विनम्र होना चाहिए। उसे ऐसा कर्म कभी नहीं करना चाहिए, जिससे किसी को कष्ट हो और राग द्वेष की भावना फैले। वह हमेशा ऐसा कार्य करें जिससे समाज और देश का कल्याण हो। संत वह है जिसके प्रवचनों, संगति और प्रेरणा से प्रभावित होकर सामने वाले का हृदय परिवर्तित हो जाए। उन्होंने पांच धार्मिक लक्षण प्रस्तुत करते हुए कहा कि व्यक्ति की प्रकृति अच्छी है तो वह बड़ा आदमी बनता है। जीवन में नैतिकता से व्यक्ति की प्रतिष्ठा बढ़ती है। आदमी में अहिंसा और मैत्री की भावना रखनी होगी, तभी समाज विकास ओर बढ़ सकेगा। व्यक्ति में अनुशासन होना आवश्यक: मंत्री मुनि सुमेरमल ने कहा कि व्यक्ति में अनुशासन होना आवश्यक है। यह दिखने में भले ही कठोर है, लेकिन इससे परस्पर सहयोग और आत्मीयता की भावना बढ़ती है। यह क्षेत्रीय दूरी को कम करता है और किसी भी कार्य में बाधा उत्पन्न नहीं होती।
मेवाड़ स्तरीय किशोर मंडल सम्मेलन का समापन
अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के तत्वावधान रविवार को यहां भिक्षु विहार में मेवाड़ स्तरीय किशोर मंडल सम्मेलन हुआ। आचार्यश्री महाश्रमण के सान्निध्य में आयोजित इस सम्मेलन की अध्यक्षता अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष गौतमचंद डागा ने की। तेयुप के अध्यक्ष विकास कोठारी ने बताया कि सुबह नौ बजे किशोर अवस्था और लक्ष्य पर दिनेश कोठारी ने विचार व्यक्त किए।
व्यवस्था समिति के स्वागताध्यक्ष परमेश्वर बोहरा, महामंत्री सुरेंद्र कोठारी, तेरापंथी सभा के अध्यक्ष बाबूलाल कोठारी आदि ने किशोरों को अपने लक्ष्य के प्रति सदैव गंभीर रखने की सीख दी। स्वागत वक्तव्य विकास कोठारी ने दिया। केन्द्रीय संयोजन वक्तव्य नवीन वागरेचा और प्रेरणा प्रगति पर मुनि योगेश कुमार और मुनि दिनेश कुमार जानकारी दी। सुबह साढ़े दस से साढ़े ग्यारह बजे तक जिज्ञासा समाधान एवं खुला प्रश्न मंच हुआ। द्वितीय सत्र में दोपहर एक से दो बजे तेयुप की भावी पीढ़ी किशोर मंडल पर अनिल सांखला, श्रेयांश कोठारी, रमेश सुतरिया, अभा तेयुप के अध्यक्ष गौतमचंद डागा और अंतिम सत्र में मुनि हिमांशु कुमार, मुनि कुमार श्रमण मुनि दिनेश कुमार ने विचार व्यक्त किए। सह संयोजक नीलेश कोठारी ने बताया कि विकास ग्रुप के प्रयोजन में आयोजित इस सम्मेलन में आमेट, राजनगर, गंगापुर, भीलवाड़ा, किशनगढ़, उदयपुर, कांकरोली, पुर और आसींद क्षेत्रों से आए प्रतिनिधियों ने शिरकत की। आभार की रस्म तेयुप मंत्री लक्की कोठारी ने अदा की।