News in English:
Location: | Chhapar |
Headline: | Acharya Mahaprajna Was Modern Vivekanand |
News: | Muni Tarachand and Muni Sumati Kumar described Acharya Mahaprajna as modern Vivekanand. Acharya Mahaprajna gave new height to Terapanth Dharamsangh. Muni Devarya Kumar also spoke. |
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Location: | Sadulpur |
Headline: | Prajna Diwas Celebrated |
News: | Sadhvi Vinayshree and Sadhvi Guptiprabha remembered Acharya Mahaprajna. Life of Acharya Mahaprajna was very active. Sadhvi shree told all to control anger. Sadhvi Shreyas prabha,Sadhvi Gupti prabha, Sadhvi Atul prabha also spoke. |
News in Hindi:
छापर- ‘आधुनिक युग के विवेकानन्द थे महाप्रज्ञ ’
छापर 30 JUNE 2011 (जैन तेरापंथ समाचार न्यूज ब्योरो
कस्बे के भिक्षु साधना केंद्र में बुधवार को आचार्य महाप्रज्ञ का ९२वां जन्म दिवस प्रज्ञा दिवस के रूप में मनाया गया।
शासन गौरव मुनि ताराचंद स्वामी व सेवाकेंद्र व्यवस्थापक मुनि सुमतिकुमार के सानिध्य में हुए कार्यक्रम का शुभारंभ कन्या मंडल की बहिनों ने गीतिका से किया। उपस्थित श्रावकों को संबोधित करते हुए मुनि सुमतिकुमार ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ प्रज्ञा पुंज थे, जिन्होंने तेरापंथ धर्मसंघ में प्रज्ञा का जागरण किया। उन्होंने आचार्यं महाप्रज्ञ को आधुनिक युग का विवेकानंद बताते हुए कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ ने तेरापंथ धर्मसंघ को नई ऊचाईयां प्रदान की।
मुनि देवार्य कुमार ने आचार्य महाप्रज्ञ को विलक्षण पुरुष बताते हुए कहा कि वे शाश्वत पंथ के अनुयायी थे। कार्यक्रम में तेरापंथ सभा के मंत्री विमल सुराणा, अमृत सांसद रणजीत दूगड़, बाबूलाल दुधोडिय़ा, श्रीचंद नाहर, रूपचंद दुधोडिय़ा, झूमरमल छाजेड़, कंचनदेवी नाहटा, प्रिया नाहटा, ज्योति सुराणा व हेमलता नाहर सहित कई जैन श्रावक उपस्थित थे। संचालन यशा दुधोडिय़ा ने किया।
सादुलपुर. आचार्य महाप्रज्ञ का 92 वां जन्मदिन बुधवार को प्रज्ञा दिवस के रूप में मनाया गया। साध्वी विनयश्री व साध्वी गुप्ती प्रभा के संयुक्त सानिध्य में हुए कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी श्रेयश प्रभा द्वारा प्रस्तुत मंगलाचरण से हुआ। साध्वी विनयश्री ने कहा कि धन्य है आचार्य श्री कालूराम, आचार्य श्री तुलसी व मां बालू जी जिन्हें ऐसे शिष्य व पुत्र रतन की प्राप्ति हुई। उससे भी ज्यादा धन्य है टमकोर जिसे ऐसे महान व्यक्तित्व की जन्म धरा होने का गौरव प्राप्त हुआ। उससे भी धन्य है तेरापंथ संघ जिसे ऐसे महानतम आचार्य का शासन व नेतृत्व प्राप्त हुआ। साध्वी ने आज के दिन क्रोध उपसम करने का आह्वान किया। साध्वी गुप्ती प्रभा ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ में संयम की पवित्रता, जीवन की उपयोगिता और साधना की गतिशीलता थी। साध्वी अतुल प्रभा ने काव्यात्मक प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अणुव्रत समिति के अध्यक्ष हरिसिंह भाटी, संरक्षक गोपालराम व कोषाध्यक्ष मोतीलाल नाहटा थे। संचालन साध्वी मौलिका यशा ने किया। रतनगढ़. कस्बे के गोलछा ज्ञान मंदिर में बुधवार को जैन धर्म के १०वें अधिशास्ता आचार्य महाप्रज्ञ की जयंती मनाई गई।