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Location: | Khamnor |
Headline: | Control Anger Through Sanyam◄ Acharya Mahashraman |
News: | Acharya Mahashraman addressing people of Khamnor Karai told that anger is destructive element. Anger vanish our wisdom. People should learn art to control anger. We can control anger through Sanyam. Preksha Meditation teach us how to control anger. |
News in Hindi:
आचार्य महाश्रमण का कराई गांव में प्रवेश, आज सेमा में करेंगे प्रवेश
‘संयम से लगाएं क्रोध पर लगाम’आचार्य महाश्रमण का कराई गांव में प्रवेश, आज सेमा में करेंगे प्रवेश
खमनोर कराई में प्रवेश करते आचार्य महाश्रमण आचार्य महाश्रमण ने कहा कि क्रोध मनुष्य का सबसे विनाशकारी दुर्गुण है। क्रोध जब आता है, तो बुद्धि-विवेक पर से नियंत्रण कम या कभी-कभार खत्म ही कर देता है। क्रोध की क्रियान्विति विनाश में बदलती है। इसलिए क्रोध पर संयम से लगाम लगाएं। |
खमनोर कराई में आयोजित धर्मसभा में शामिल श्रावक व श्राविकाएं महाश्रमण सोमवार को खमनोर क्षेत्र के कराई गांव में आयोजित धर्मसभा में श्रावक-श्राविकाओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि क्रोध आए, तब मौन धारण करने की कला आनी चाहिए। प्रेक्षा-ध्यान मनुष्य को इस कला में पारंगत बनाता है। इससे क्रोध को अप्रभावी किया जा सकता है। इसका अभ्यास होना बहुत जरूरी है। संयम मार्ग भी इसी का दूसरा रूप है। संयम से मोह का लोप होता है, अलौकिक आनंद का प्रादुर्भाव होता है। आचार्य ने कहा कि क्रोध को न आने दें। आ जाए तो थामने की कला का उपयोग करें। नशे की प्रवृत्तियों से दूर रहने का भी आह्वान किया। आचार्य ने बताया कि नशा करने से आर्थिक और शारीरिक हानि के साथ-साथ नैतिकता का ह्रास होता है। मान में कमी आती है। इसकी पराकाष्ठा हो जाए, तब व्यक्ति का संपूर्ण पतन हो जाता है। इसलिए हृदय के संकल्प के साथ नशे का त्याग कर दें। जीवन उज्ज्वल और सफल हो जाएगा। |
जीवन में कभी आलस्य न करें: साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा ने कहा कि मानसिक विकारों से जीवन की सड़क ऊबड़-खाबड़ होती है। इसे सुविचारों व सद्कार्यों से संतुलित बनाएं। आपके आचरण में नैतिकता आएगी, सम्मान में अभिवृद्धि होगी। उन्होंने जीवन में कभी प्रमाद (आलस्य) न करने की सीख दी और कहा कि ऐसा करने से जीवन के वास्तविक अर्थ गौण हो जाते हैं। मूल उद्देश्य का वांछित परिणाम नहीं मिलता।
चार किमी चल कर पहुंचे कराई: इससे पहले आचार्य महाश्रमण मचींद गांव से विहार कर करीब चार किलोमीटर का फासला तय कर कराई गांव पहुंचे। यहां समाज के लोगों ने श्रद्धाभाव से उनकी अगवानी की। मचींद प्रवास के दौरान आचार्य ने बाघेरी नाका पेयजल स्रोत को भी देखा और इसके निर्माण व प्राकृतिक सौंदर्य की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। |
‘संयम से लगाएं...
आचार्य इन दिनों मेवाड़ मगरा प्रांत के छोटे-छोटे गांवों का विहार कर रहे हैं। आचार्य 10 जून को हल्दीघाटी-खमनोर तथा 11 जून को मोलेला गांव में प्रवास पर रहेंगे।आचार्य धवल सेना सहित आज सेमा में:आचार्य महाश्रमण अपनी अहिंसा यात्रा के अगले पड़ाव पर मंगलवार को कराई गांव से विहार कर अपनी धवल सेना के साथ सेमा गांव में प्रवेश करेंगे।