17.01.2019 ►SS ►Sangh Samvad News

Published: 17.01.2019
Updated: 18.01.2019

Update

🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆

जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।

📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य* 📙

📝 *श्रंखला -- 518* 📝

*कमनीय कलाकार आचार्य कालूगणी*

*महाप्रयाण*

वीर प्रसविनी मेवाड़ धरा पर विहरण करते समय एक बार आचार्य कालूगणी की तर्जनी उंगली में छोटी सी फुंसी हो गई। आरंभ में उसका आकार नगण्य था, पर स्वल्प समय में वह सामान्य फुंसी विकराल बन गई। आचार्य देव भीलवाड़ा में कई दिन विराजे। नाना उपचार किए गए पर सफलता नहीं मिली। इस वर्ष का चातुर्मास गंगापुर के लिए पहले ही घोषित था, अतः भीलवाड़ा के श्रावकों की अत्यधिक प्रार्थना होने पर भी पूर्व घोषणा के अनुसार गुरुदेव ने वहां से प्रस्थान किया। एक ओर मेवाड़ी धरा का वह उतार-चढ़ाव वाला दुरुह पथरीला पथ था, इधर हस्तव्रण भयंकर वेदना थी, पर कालूगणी की सहिष्णुता व धैर्य असीम था। हस्तव्रण के विकराल रूप को देखकर दर्शकों की आंखों में आंसू छलक पड़ते, परंतु कालुगणी के मन में खिन्नता नहीं थी। उनके चेहरे पर अनुपम समता का भाव झलकता था। गंगापुर में गुरुदेव का पदार्पण आषाढ़ शुक्ला 12 के दिन हुआ। वहां पर भी आयुर्वेदाचार्य पंडित रघुनंदनजी एवं डॉ अश्विनी कुमार द्वारा नाना प्रकार के उपचार किए गए। पूरा सावन महीना बीत गया पर रोग शांत नहीं हुआ। तन की दुर्बलता बढ़ती गई। भाद्रपद के प्रथम सप्ताह में गुरुदेव ने प्रवचन देना स्थगित कर दिया।

दिन-प्रतिदिन शारीरिक स्थिति को गिरते देखकर संघ की भावी व्यवस्था के संबंध में गुरुदेव ने गंभीरता से चिंतन किया एवं वीर निर्वाण 2463 (विक्रम संवत् 1993) भादवा शुक्ला तृतीया के दिन मुनि तुलसी की उत्तराधिकारी के रूप में नियुक्ति की। युवाचार्य की नियुक्ति के तीन दिन बाद षष्ठी के सायंकाल में अचानक श्वास का प्रकोप वेग से बढ़ा। अपने सामने मंत्री मुनि को खड़ा देख कालूगणी ने फरमाया "अबै...।" आगे वाणी रुक गई। मंत्री मुनि मगनलालजी ने गुरुदेव की आंतरिक भावना को समझकर छह बजकर दो मिनट पर यावज्जीवन चौविहार प्रत्याख्यान करवाया। छह बजकर नौ मिनट पर परम समाधि के क्षणों में गुरुदेव का अनशन संपन्न हुआ। युवाचार्य, मंत्री मुनि, साध्वीवरा श्री झमकूजी एवं साधु-साध्वियों की उपस्थिति में एक महान् ज्योति आंखों से अदृश्य हो गई। महान् आत्मा का अनशन में यह महाप्रयाण तप और त्याग के पूंजीभूत रूप को प्रकट कर रहा था।

*समय-संकेत*

कालूगणी 11 वर्ष की उम्र में संयमी बने। वे 22 वर्ष तक सामान्य मुनि रहे। चारित्रिक जीवन के कुल 49 वर्ष के काल में 27 वर्ष तक आचार्य पद का दायित्व सफलतापूर्वक निभाया। उनकी कुल आयु 60 वर्ष की थी। वे संयमी यात्रा को सानंद संपन्न कर वीर निर्वाण 2463 (विक्रम संवत् 1993) भाद्रपद शुक्ला षष्ठी को गंगापुर (राजस्थान) में स्वर्गस्थ हुए। उनके स्वर्गवास के समय 139 साधु एवं 233 साध्वियां थीं।

प्रभावक आचार्यों में कमनीय कलाकार आचार्य कालूगणी का नाम सदा स्मरणीय रहेगा।

*समता-सागर आचार्य सागरानन्द के प्रभावक चरित्र* के बारे में जानेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜🔆⚜ 🔆

🌞🔱🌞🔱🌞🔱🌞🔱🌞🔱🌞

अध्यात्म के प्रकाश के संरक्षण एवं संवर्धन में योगभूत तेरापंथ धर्मसंघ के जागरूक श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।

🛡 *'प्रकाश के प्रहरी'* 🛡

📜 *श्रंखला -- 172* 📜

*लालचंदजी पारख*

*दो हजार मामले*

कालांतर में अपने मित्रों के साथ मिलकर लालचंदजी पारख ने मारवाड़ी व्यापारियों के हितार्थ एक व्यापारिक संस्था 'मारवाड़ी चेंबर ऑफ कॉमर्स' नाम से स्थापित की। वे उक्त संस्था के संस्थापक सदस्यों में तो एक थे ही, उसे समर्थ और प्रभावशाली बनाने में सक्रिय योग देने वालों में भी थे। कुछ समय तक वे उसके उपाध्यक्ष भी रहे थे।

चेंबर ने व्यापारी समाज के लिए समय-समय पर अनेक महत्त्वपूर्ण कार्य किए। उदाहरण के लिए एक कार्य का उल्लेख यहां देख कर देना पर्याप्त होगा। प्रथम विश्वयुद्ध की समाप्ति के पश्चात् एकाएक कपड़े के भाव इतने नीचे गिर गए कि उससे अनेक फर्मों के फेल हो जाने की स्थिति उत्पन्न हो गई। उस स्थिति में व्यापारियों में परस्पर लेन-देन के हजारों झगड़े उत्पन्न हो गए। चेंबर ने उन झगड़ों को सुलझाने के लिए चार सदस्यों की एक समिति नियुक्त की। उन चारों में एक लालचंदजी भी थे। चारों व्यक्तियों ने मिलकर अथक प्रयास किया और महीने भर में लगभग दो हजार मामले सुलझा दिए। उक्त मामले प्रायः 'अगाऊ' सौदों के थे।

उन दो हजार मामलों में से केवल एक ही ऐसा था जिसे चेंबर का निर्णय मान्य नहीं हुआ और वह उच्च न्यायालय में ले जाया गया। न्यायाधीश ने वही निर्णय दिया जो कि चेंबर ने दिया। राज्य ने चेंबर के निर्णयों को देखा तो बहुत प्रभावित हुआ। उसने चेंबर के निर्णय को मान्यता प्रदान की। फलतः उसके निर्णय के आधार पर न्यायालय कुर्की का आदेश दे देता था। प्रमुख न्यायाधिकारी ने चेंबर के निर्णयों की प्रशंसा करते हुए कहा कि चेंबर ने सभी मामलों को बहुत ही अच्छे ढंग से सुलझाया है। यदि ये सब मामले न्यायालय में जाते तो कई वर्षों तक भी नहीं सुलझ पाते।

*प्रथम नाम*

वे कलकत्ता के मारवाड़ी समाज में उस समय सर्वाधिक प्रभावशाली व्यक्ति गिने जाते थे। उन दिनों कलकत्ता में प्रतिवर्ष ओसवाल समाज की एक गोठ हुआ करती थी। उसकी व्यवस्था चंदे के द्वारा की जाती थी। वहां के ओसवालों में कुछ मुर्शिदाबाद की तरफ के थे, जो कि शहरवाले कहलाते थे। शेष राजस्थान के थे, उन्हें मारवाड़ी कहा जाता था। चंदे में मारवाड़ियों की ओली में सर्वप्रथम नाम लालचंदजी के फर्म "पन्नालाल सुगनचंद" का लिखा जाता था।

एक बार चंदा लिखते समय अन्य फर्म वालों ने अपना नाम सबसे ऊपर लिख दिया। जब चंदा लिखाने वाले अन्यान्य फर्मों के पास गए तो उन्होंने प्रथम ओली में "पन्नालाल सुगनचंद" का नाम नहीं देखा तो चंदा लिखने से इनकार कर दिया। आखिर उस नाम को वहां से हटाकर नीचे लिखवाया गया तब कहीं चंदा आगे बढ़ा।

*श्रावक लालचंदजी पारख की कुछ विशेषताओं* के बारे में जानेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻 *संघ संवाद* 🌻
🌞🔱🌞🔱🌞🔱🌞🔱🌞🔱🌞

Video

Source: © Facebook

👉 प्रेरणा पाथेय:- आचार्य श्री महाश्रमणजी
वीडियो - 17 जनवरी 2019

प्रस्तुति ~ अमृतवाणी
सम्प्रसारक 🌻 *संघ संवाद* 🌻

News in Hindi

💎 *दुर्लभ जन्म मनुष्य तणो रे, भमियो नरक निगोय जी।*🔥👿
💧 *सम्यक्त निर्मल राखजै रे, हूं तो बार-बार कहूं तोय ।।* ✨☝
https://www.facebook.com/SanghSamvad/

🙏 *पूज्यप्रवर अपनी धवल सेना के साथ प्रातःविहार करके "तूवकूड़ी" (T. N.) पधारेंगे..*
🛣 *आज प्रातःकाल का विहार लगभग 13 कि.मी. का..*

⛩ *आज दिन का प्रवास: तिरुचि पब्लिक स्कूल, तूवकूड़ी (T. N.)*
*लोकेशन:*
https://goo.gl/maps/jdhxuqZUAfv

👉 *आज के विहार के कुछ मनोरम दृश्य..*

दिनांक: 17/01/2019

📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
https://www.facebook.com/SanghSamvad/
🌻 *संघ संवाद* 🌻

Source: © Facebook

Video

Source: © Facebook

🧘‍♂ *प्रेक्षा ध्यान के रहस्य* 🧘‍♂

🙏 *आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी* द्वारा प्रदत मौलिक प्रवचन
👉 *प्रेक्षा वाणी: श्रंखला १७* - *भावनात्मक स्वास्थ्य और प्रेक्षाध्यान ७*

एक *प्रेक्षाध्यान शिविर में भाग लेकर देखें*
आपका *जीवन बदल जायेगा* जीवन का *दृष्टिकोण बदल जायेगा*

प्रकाशक
*Preksha Foundation*
Helpline No. 8233344482

📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
https://www.facebook.com/SanghSamvad/
🌻 *संघ संवाद* 🌻

Source: © Facebook

Sources

Sangh Samvad
SS
Sangh Samvad

Categories

Click on categories below to activate or deactivate navigation filter.

  • Jaina Sanghas
    • Shvetambar
      • Terapanth
        • Sangh Samvad
          • Publications
            • Share this page on:
              Page glossary
              Some texts contain  footnotes  and  glossary  entries. To distinguish between them, the links have different colors.
              1. अनशन
              2. अमृतवाणी
              3. आचार्य
              4. भाव
              5. राजस्थान
              Page statistics
              This page has been viewed 343 times.
              © 1997-2024 HereNow4U, Version 4.56
              Home
              About
              Contact us
              Disclaimer
              Social Networking

              HN4U Deutsche Version
              Today's Counter: