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एेतिहासिक होगा चातुर्मास प्रवेश।
👉🏻 21 जुलाई को अशोकनगर स्थित नाकोड़ा ज्योतिष कार्यालय से प्रातः 7 बजे प्रस्थान कर प्रातः 9 बजे महाप्रज्ञ विहार में भव्य एवं ऐतिहासिक प्रवेश होगा।
👉🏻 51 बुलटधारी युवक जैन ध्वज लिये अपनी एक अलग छटां बिखेरते हुए चलेंगे।
👉🏻 बच्चें स्केटिंग करते हुए, कुछ बच्चें एवं पुरूष साधु वेश धारण कर शोभायात्रा में चार चांद लगाते हुए चलेंगे।
👉🏻 शोभायात्रा में करीब 5 हजार श्रावक-श्राविकाएं एवं अन्य समाजजन आचार्यश्री के साथ कदमताल करते हुए चलेंगे।
👉🏻 1111 महिलायें कलश लिये लाल चुन्दड़ पहने हुए चलेगी।
👉🏻 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी उपाध्याय पुष्कर मुनि महाराज की जन्मजयन्ती,
उदयपुर: 19:7:2018।
श्री वर्द्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ व आचार्य श्री शिवाचार्य चातुर्मास आयोजन समिति के संयुक्त तत्वावधान में श्रमण संघ आचार्य सम्राट डाॅ. शिवमुनि महाराज, युवाचार्य महेन्द्र ऋषि महाराज, शिरीष मुनि, शुभम मुनि आदि ठाणा - 10 का 21 जुलाई को अशोकनगर स्थित नाकोड़ा ज्योतिष कार्यालय से प्रातः 7 बजे प्रस्थान कर प्रातः 9 बजे महाप्रज्ञ विहार में भव्य एवं ऐतिहासिक प्रवेश होगा।
श्री शिवाचार्य चातुर्मास आयोजन समिति के मुख्य संयोजक विरेन्द्र डांगी ने बताया कि आचार्यश्री एवं अन्य संत आयड़ पुलिया, 100 फीट रोड़, शुभकेसर गार्डन, शोभागपुरा होते हुए शोभायात्रा महाप्रज्ञ विहार स्थित शिवाचार्य समवशरण चातुर्मास स्थल पर पंहुचेगी। जहाँ शोभायात्रा धर्मसभा में परिवर्तित हो जायेगी।
पुष्करवाणी ग्रूप ने जानकारी लेते हुए बताया कि शोभायात्रा में भाग लेने वाली महिलायें लाल चुन्दड़ एवं पुरूष धवल वस्त्र, बालिकाएं सफेद सूट एवं लाल दुपट्टा पहने हुए होगी। साथ ही 51 बुलटधारी युवक जैन ध्वज लिये अपनी एक अलग छटां बिखेरते हुए चलेंगे। बच्चें स्केटिंग करते हुए, कुछ बच्चें एवं पुरूष साधु वेश धारण कर शोभायात्रा में चार चांद लगाते हुए चलेंगे। सम्पूर्ण श्रमण संघ शोभायात्रा में एकरूपता लिये होगा।
उन्होेंने बताया कि शोभायात्रा में करीब 5 हजार श्रावक-श्राविकाएं एवं अन्य समाजजन आचार्यश्री के साथ कदमताल करते हुए चलेंगे। शोभायात्रा में महिलायें भूरि बाई सिंघवी, ज्योति सिंघवी, पूर्व महापौर रजनी डांगी, पूर्व जिला प्रमुख मधु मेहता एवं निधि मुणोत के नेतृत्व में 1111 महिलायें कलश लिये लाल चुन्दड़ पहने हुए चलेगी।
पाण्डाल व्यवस्था समिति के धर्मेश नवलखा ने बताया कि 24000 वर्गफीट के शिवाचार्य समवशरण स्थल को मेवाड़ी कला पिछई ग्लास वर्क यानि ठीकरी वर्क इनले कला को दर्शाते हुए उसे राजसी दरबार का रूप दिया गया है। जहाँ पर प्रतिदिन 5 हजार धर्मप्रेमी एक साथ बैठक कर आचार्यश्री के प्रवचनों का लाभ ले सकेंगे। महिला-पुरूषों के बैठने की अलग-अलग व्यवस्था रहेगी।
श्री वर्द्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के महामंत्री हिम्मतसिंह गलुण्डिया ने बताया कि चातुर्मास को सफल बनाने के लिये 24 समितियों वित्त समिति, अतिथि संपर्क समिति, प्रशासनिक कार्य समिति, भोजन व्यवस्था समिति, साधु सेवा एवं कार्यालय समिति, मंगलप्रवेश एवं यातायात समिति, प्रचार-प्रसार, महिला समिति, आवास व्यवस्था समिति, ध्यान व्यवस्था, शिवाचार्य समवशरण, चिकित्सा समिति, वैयावच्च, जप, तप, मंच संचालन, भोजन वितरण, युवा समिति, सांस्कृतिक, जल व्यवस्था, बाल संस्कार एवं प्रश्न मंच समितियों का गठन कर सभी संयोजकों को कार्यभार सौंप दिये गये है।
चातुर्मास समन्वयक संजय भण्डारी ने बताया कि चातुर्मास के दौरान देश-विदेश के लाखों लोग आचार्यश्री के दर्शन करने हेतु आयेंगे। उनके आवास-व्यवस्था की पूरी तैयारियां कर ली गई। चातुर्मास प्रवेश के दौरान शहर के विभिन्न उपनगरों मल्लातलाई, अंबामाता, राड़ाजी चौराहा, दैत्य मगरी, फतहपुरा, हिरणमगरी सेक्टर 3, 4, 5, 6, ग्लास फेक्ट्री आदि स्थानों से आने वाले श्रावक-श्राविकाएं शोभायात्रा में शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन धर्मसभा में भाग लेने के लिये विभिन्न स्थानों से आने वाले श्रावकों के लिये बसों एवं ओटो की व्यवस्था की गई है।
29 से शुरू होंगी आत्म ध्यान साधना - श्री वर्द्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के संरक्षक कन्हैयालाल मेहता एवं नरेन्द्र सेठिया ने बताया कि आत्मज्ञानी आचार्य डॉ. शिवमुनि के सानिध्य में विभिन्न प्रकार के आत्म ध्यान साधना शिविर 29 जुलाई प्रारम्भ होंगे। एक दिवसीय आत्म ध्यान साधना की शुरूआत 29 जुलाई से होगी और वे 1 अगस्त 15 व 31 अगस्त को आयोजित होंगे। इसके अलावा दो दिवसीय आत्म ध्यान साधना शिविर 18 व 19 अगस्त को, 1 व 2 अक्टूबर को, चार दिवसीय आत्म ध्यान साधना शिविर 2 से 5 अगस्त,1 से 4 सितम्बर,11 से 14 अक्टूबर तक, सप्त दिवसीय आत्म ध्यान साधना शिविर 19 से 25 सितम्बर आयोजित होगें। इन सात दिवसीय शिविर में ही वे ही साधक भाग ले सकेंगे जिन्होेंने कम से कम एक बार 4 दिवसीय गम्भीर शिविर में भाग लिया हो।
10 से 20 नवम्बर तक 11 दिवसीय आत्मध्यान साधना आवासीय शिविर आयोजित किया जायेगा जिसमें सिर्फ पुराने साधक और कम से कम एक बार 7 दिवसीय गम्भीर शिविर कर चुके हो। शिविरों का समय प्रातः 10 बजे से सांय 5 बजे तक रहेगा।
भोजन व्यवस्था समिति के संयोजक बसन्तीलाल कोठिफोड़ा ने बताया कि चातुर्मास के चारों माह प्रतिदिन बाहर से आने वाले सभी अतिथियों के लिये पाली से आये श्रेष्ठ कारीगरों द्वारा स्वादिष्ट भोजन कराया जायेगा।
वित समिति संयोजक दिलीप सुराणा ने बताया कि लोग खुले हाथों से चातुर्मास के लिये भरपूर आर्थिक सहयोग कर रहे है। आवास व्यवस्था संयोजक विजय सिसोदिया ने बताया कि बाहर से आने वालों के लिये देवेन्द्र धाम व महिला प्रशिक्षण केन्द्र में ठहरने की व्यवस्था की गई है।
प्रचार-प्रसार संयोजक संयोजक निर्मल पोखरना ने बताया कि आचार्यश्री के प्रवेश के प्रचार प्रसार को लेकर को हवाई अड्डे मार्ग से लेकर शहर एवं शहर के विभिन्न चौराहो तथा प्रवेश मार्ग को बैनरों एंव होर्डिग्स से पाट दिया गया है। उन्होंने बताया कि चातुर्मासकाल के दौरान चातुर्मासिक स्वर्णिम कार्यक्रम आयोजित होंगे। जिनमें 27 जुलाई को गुरू पूर्णिमा चातुर्मास स्थापना, 29 जुलाई को कवि तिलक ऋषि म.सा. की पुण्यतिथि, 12 अगस्त को आचार्य आनन्दऋषि महाराज का 118वां जन्मोत्सव, 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस, 25 को मरूधर केसरी मिश्रिमल म.सा., प्रवर्तक रूपमुनि महाराज का जन्मोत्सव, 26 अगस्त को रक्षाबन्धन, 6 सितम्बर से पयुर्षण पर्व,13 को सामूहिक पोषध दिवस के रूप में संवत्सरी,18 सितम्बर को आचार्यश्री डा. शिवमुनि महाराज का 77 वां जन्मोत्सव, 2 अक्टूबर को विश्व ध्यान दिवस, 5 को युवाचार्य महेन्द्र ऋषि महाराज का 51 वां जन्मोत्सव,16 को आयम्बिल ओली प्रारम्भ, 19 को उत्तराययनसूत्र वांचना, 24 को उपाध्याय पुष्कर मुनि महाराज की जन्मजयन्ती, 24 को आयम्बिल ओली का समापन, 5 नवम्बर को आचार्य देवेन्द्र मुनि महाराज का जन्मोत्सव, 7 नबम्बर को दीपावली एवं प्रभु महावीर का निर्वाण कल्याणक, 8 को गौतम प्रतिपदा पर आचार्यश्री का नववर्ष मंगलपाठ, 12 को मानजी स्वामी म.सा.जन्मदीक्षा पुण्यतिथि, 21 को जैन दिवाकर चौथमल म.सा.की जन्मजयन्ती, 22 को चातुर्मास समारोह एवं लौकाशाह की जयन्ती समारोह मनाया जायेगा।
विरेन्द्र डांगी ने बताया कि शोभायात्रा के साथ डीजे सिस्टम जैन स्तवन बजाते हुए,डेकारेशन की हुई एन्टिक कार चलेगी। इसके अलावा शोभायात्रा में अन्य झांकियां भी होगी जिसमें आचार्यश्री की ध्यान मुद्राजैन समाज की अनेकता में एकता 13 सितम्बर संवत्सरी पर्व तथा बेटी बचाओं की झांकिया शामिल होगी। सिर पर जैन ध्वज थीम का साफा पहने 100 महिलायें विभिन्न स्लोगन लिखी हुई तख्तियां ले कर चलेगी। इस अवसर पर शंकरलाल डांगी, प्रकाशचन्द्र कोठारी, टीनू माण्डावत, प्रवीण पोरवाल, प्रवीण नवलखा, महेन्द्र तलेसरा सहित अनेक पदाधिकारी मौजूद थे।
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देशभर के अखबारो से लेकर न्यूज चेनलो में छाइ रही यह न्यूज.
डॉक्टर हिना की जैनदीक्षा.
👆 देखिये आज तक चेनलकी ये रिपोर्ट मे हिना की दीक्षा के कुछ बहोत ही महत्वपूर्ण पल....
सूरत: 18:7:2018
👍must see like & share
🙏दीक्षार्थी की जय जय कार....
खूब खूब अनुमोदना....
खूब खूब शुभकामनाएं....
#जैनदीक्षा_संसार_के_सुखों_को_छोड़_कर_ली_जाती_है
#अरबपति पिता की #गोल्डमेडलिस्ट #एमबीबीएस #डॉक्टर बेटी #हिना ने ली #जैन #दीक्षा
हिनाकुमारी की नई पहचान साध्वी श्री #विशारदमाला से होगी #सूरत
अरबपति पिता की एमबीबीएस डॉक्टर बेटी ने जैन भिक्षु की दीक्षा ग्रहण की है। हिना कुमारी नाम की इस बेटी ने सांसारिक सुखों को त्याग कर जैन भिक्षु बनने का फैसला किया। हिना ने सूरत में पूरे विधि विधान और जैन परंपरा के मुताबिक दीक्षा ग्रहण की। हिना कुमारी की अब नई पहचान साध्वी श्री विशारदमाला हो गई है। 28 साल की हिना ने अध्यात्मिक गुरु आचार्य विजय यशोवर्मा सुरेश्वरजी महाराज से दीक्षा ली है। बुधवार सुबह से शुरु हुआ दीक्षा समारोह का कार्यक्रम पूरे विधि विधान के साथ दोपहर में संपन्न हुआ। इस दौरान हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। हिना के परिजनों का कहना है कि वह छात्र जीवन से ही आध्यात्मिकता की तरफ आकर्षित हो गई थीं। जब हिना ने यही बात अपने घर वालों को बताई की उसे सांसकारिक सुख छोड़कर आध्यात्म के रास्ते पर जाना है तो उनके परिवार वाले इस बात को लेकर राजी नहीं हुए।
अहमदनगर यूनिवर्सिटी से गोल्ड मेडलिस्ट हिना पिछले एक दशक से अपने परिवार के सदस्यों को दीक्षा लेने के लिए मना रही थीं। लेकिन उनके परिजन ऐसा नहीं चाहते थे। हिना का मानना है कि सांसारिक जीवन छोड़कर जैन भिक्षु बनना सबके बस की बात नहीं है।
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News in Hindi
हम साथ साथ है.
जैन एकता के लिए ऐतिहासिक पहल.....
जिनशासन के आचार्यों, उपाध्यायों की हुई धर्म परिचर्चा जुलाई 19 को चैन्नई मे....
श्री जैन महासंघ के तत्वावधान में चारों सम्प्रदायों के परम पूज्य आचार्यों, उपाध्यायों, उपप्रवर्तकों की संयुक्त धर्म परिचर्चा हेतु श्री ए.एम.के.एम.जैन मेमोरियल टृस्ट, पुरुषव्वाक्कम में दिनांक 19-7-17 गुरुवार सुबह 8-00बजे से 9-00 बजे आयोजन रखा गया।
श्री जैन महासंघ की प्रबल भावना व जैन एकता के लिए ऐतिहासिक पहल हेतू प.पू.आचार्य प्रवर श्री महाश्रमणजी म.सा., प.पू.आचार्य प्रवर श्री पुष्पदंतसागरजी म.सा., प.पू.आचार्य प्रवर श्री तीर्थभद़सूरीश्वरजी म.सा., प.पू.आचार्य प्रवर श्री जिनपूर्णानंदसागरसूरीश्वरजी म.सा., प.पू.आचार्य प्रवर श्री जगच्चन्द़सूरीश्वरजी म.सा., प.पू.उपाध्याय प्रवर श्री प्रवीणऋषिजी म.सा., प.पू.उपप्रवर्तक श्री विनयमुनिजी म.सा. (वागेश) व प.पू.उपप्रवर्तक श्री गौतममुनिजी (गुणाकार) ने महती कृपाकर पधारें
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#सर्वधर्मसद्भाव संदेश देने के लिए #जैनसमाज की अनूठी पहल
श्वेतांबर जैनसमाज के #चातुर्मास राजाधिराज #महाकाल की आराधना से आरंभ होगा।
राजामहाकाल को #250मीटर कपड़े का #राजस्थानी #साफा बांधा जाएगा।
आचार्य #विजयनित्यसेनसूरिश्वर का चातुर्मास है #उज्जैन
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