27.04.2018 ►Acharya Shri VidyaSagar Ji Maharaj ke bhakt ►News

Published: 27.04.2018
Updated: 02.05.2018

News in Hindi

Read this news for you and your children's health... #StayHealthy #LiveLong

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Ye har mandir me hona chahiye.. #share if You agree..

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#अम्बा_अम्बिका_लेणी

पुणे शहर से 100 किमी दूर जुन्नार महाराष्ट्र के निकट स्थित गुफाएँ पहली से तीसरी शताब्दी के बीच की है कुछ बौद्ध विहार भी है यहाँ की जैन मूर्तियो पर रंग पोतकर उन्हे कुछ व्यक्ति अम्बा-अम्बिका देवी के नाम से पूजते है, यहाँ की मूर्तियाँ स्पष्ट कायोत्सर्ग दशा में है जिन्हे अम्बा-अम्बिका के रुप में पूजना क्या न्यायोचित है? पुणे के आसपास की जैन समाज को जाकर इस क्षेत्र की सुधार लेनी चाहिए, जैन धर्म से संबंधित गुफाओ के साथ कभी न्याय नहीं हुआ या तो उन्हे बौद्ध बता दिया जाता है या उनकी मूर्तियो पर रंग पोतकर अन्य देवी-देवता की मूर्ति बता देते है

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#नारेली वाले मुनिसुव्रतनाथ बाबा की जय 🙂 ⊱✿ नारेली जैन मंदिर, पञ्चकल्याणक हेतु आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की प्रतीक्षा करता हुआ... Nareli Jain Temple is a modern Jain temple complex, located on the outskirts of Ajmer at Kishangarh Bypass ✿⊰

Nareli Jain Temple, is a relatively new Jain Temple. Ashok Patni of RK Marbles constructed this temple.This Jain monument is located some 7km southeast of Ajmer (Rajasthan) on the Jaipur bypass. This Temple is a striking edifice mixing traditional and contemporary architectural styles to somewhat quirky effect, with 24 further miniature temples(Choubisi) lined up on the hill above. The temple is big and is a masterpiece of Jain architecture. It offers authentic Jain food at fixed hours.

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#Footprints on the sands of time...!!!
Location: #'Kadalalaya basadi'; #Padmakshi gutta; Hanamkonda; Telangana. #Owing to the religious discipline of this place, obviously these might be foot prints of some jain tirthankara. I stumbled upon these markers of time inside one of the many natural cave formations atop the Padmakshi gutta @ Hanamkonda. You can time travel into the past as long as you are in this place. Besides being a place that emanates fragrance of the lost, past glory of Jainism, this place is a treat to nature lovers as well. Come & watch as the sunrays play hide & seek with the rocks only to lose yourself in sheer pure bliss.

Thanks to Hindola Gudiboina..

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#विद्योदधि_गुरुवर

दूर दूर तक देखा मैने
ऐसा संत नही पाया
निर्विकारी, निर्विकल्प
नीर सी दिखती है छाया
जादूगर तो है नही
पर जादू उसको है आता
कहता कोई शब्द नही पर
समझ हमे पूरा आता
नाम लिखू नही कलम चलाऊ
ऐसा तो में श्रेष्ठ नही हु
विद्या सागर के गुण गाऊ
भगवन मेरी अंतिम बिनती
बस शिष्य श्रेष्ठ का बन पाऊ
विद्या गुरु का शिष्य कहाऊ
सुधा गुरु का शिष्य कहाऊ

श्रीष जैन ललितपुर

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एक शिष्य का अपने गुरु के प्रति समर्पण देखना हो तो मुनिवर प्रणम्य सागरजी को देखो, जिन्होंने आचार्यश्री के स्वर्ण संयम महोत्सव पर अपने श्रध्दा सुमन अर्पित करते हुवे पुरे 1 वर्ष तक अनवरत लेखनी चलाई और लिख डाली अनुपम पुस्तक ''अनासक्त महायोगी''

आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री प्रणम्यसागर जी द्वारा लिखा हुआ एक चंपू काव्य है, जो संस्कृत भाषा में लिखा गया है, जिसकी गद्य-पद्य दोनों रूपों में रचना की गई है साथ ही इस की हिंदी टीका भी की गई है*।

अनासक्त महायोगी मैं पूज्य मुनि प्रणम्यसागर जी महाराज ने आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की अनुपम जीवन साधना को जन्म से लेकर अब तक के साधना काल को 12 सर्गों में विभक्त किया है।

*क्रमांक - (1)*
*प्रथम सर्ग*
*बीज भूमि*
*मंगलाचरण*
ग्रंथ प्रारंभ करते हुए मंगलाचरण के रूप में पंच परमेष्ठी भगवंतों, नवदेवता आदि को नमस्कार करते हुए प्रथम सर्ग में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के चरित्र का वर्णन करते हुए आचार्य श्री जी की महिमा को बताया है जो इस प्रकार है-
दक्षिण में आचार्यों में प्रमुख महान मुनिश्रेष्ठ बुद्धिमान शांति सागर जी हुए हैं। उन्हीं के शिष्य इस पृथ्वी पर आचार्य वीरसागर जी, उनके शिष्य आचार्य शिवसागर जी और उनके शिष्य आचार्य ज्ञानसागर जी और उनके पट्ट शिष्य *विशाल संघ को धारण करने वाले आचार्य विद्यासागर जी मुनिश्रेष्ठ हुए हैं,उन अनासक्त महायोगी के चरित्र को कहने में इस धरती पर कौन समर्थ है? अर्थात कोई नहीं है।*फिर भी उनके श्रेष्ठ गुणों में अनुराग के कारण, भक्ति से अपने आचरण की शुद्धि के लिए अनेक प्रकृष्ट गुणों का गान यथाबुद्धि करता हूं।अपने भक्तों के लिए इष्ट सिद्धि कौन महापुरुष नहीं देता?अर्थात सभी देते हैं।

पुण्य योग से जिनका प्रभावशाली जन्म स्वतंत्रता के लाभ के लिए और कुतंत्र की हानि के लिए हुआ है।सच तो है *सूर्य के उदय होने के पश्चात क्या अंधकार का नाश अपने आप नहीं हो जाता है? अर्थात हो जाता है मोहरूपी महाकाले पटलों से आच्छादित आत्मा के लिए भानु के समान तथा घाति कर्मरूपी पर्वतों के समूहों को गिराने के लिए वज्राघात के समान आपको नमस्कार हो।

कलिकाल में उत्पन्न हुए शैथिल्य रूपी रात्रि में चलने वाले कीड़ों को जो इस धरती पर भानु की तरह दूर ही फेंक देते हैं। सम्यक्त्व रुपी दृढ़ तलवार से कुलिंगियो के कुशासन को छेड़कर जिन्होंने मुक्ति के लिए साधन भूत जिन शासन की सुरक्षा की है,आपको नमस्कार हो।

✍ *मुनि श्री 108 प्रणम्यसागर जी महामुनिराज*

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#आचार्य_भक्ति_पपौरा प्रकृति के मध्य तमाम आडंबरो से रहित जैनाचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज अपने शिष्यगणो सहित निज भगवान् आत्मा का चिंतन करते हुए आज का चित्र (जैन तीर्थ पपौरा, टीकमगढ,म.प्र.

👧🏽#प्रतिभास्थली_इंदौर_मध्यप्रदेश👧🏽 👭🏫प्रवेश प्रारंभ हो गए हैं

परम पूज्य गुरुदेव आचार्य विद्यासागर जी महाराज के परम आशीर्वाद से आर्यिका आदर्श मति माताजी के परम सानिध्य में इंदौर नगर में हम सबके पुण्य से हमारी ही नन्ही बच्चियों के लिए प्रतिभास्थली खोलने का आशीर्वाद गुरुदेव ने दिया और इसी शृंखला में कक्षा ४, ५ एवं ६ की क्लास के एडमिशन का आशीर्वाद गुरुदेव ने दिया✋

👭आप सभी लोगों से निवेदन है कि जो भी अपनी बच्चियों को प्रतिभास्थली में प्रवेश दिला कर संस्कारित करना चाहते हैं वह जैन कॉलोनी, इंदौर से फॉर्म लेकर प्रतिभास्थली में एडमिशन करा सकते हैं

👭प्रतिभास्थली का प्रारंभ श्री चंद्रप्रभ दिगंबर जैन मंदिर उदयनगर के समीप निर्मित प्रतिभा प्रतीक्षा पर होगा
निवेदक दयोदय चैरिटेबल फाउंडेशन ट्रस्ट इंदौर
📲संपर्क सूत्र

7387437093

9109722779

9755750599

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