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Jay ho...
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#आचार्य_श्री_विद्यासागर_जी की मंगल प्रेरणा एवं आशीर्वाद से संचालित गौशाला:) #Share_It
आजकल सबसे ज्यादा बीमारियो का कारण है कि मिलावटी भोजन ☕ जो भोजन हम ग्रहण करते है वह पूर्णतया शुद्ध न होने के कारण हमारे शरीर मे भंयकर बीमारियोको जन्म देता है 💊हम पहले तो संभलते नही है लेकिन जब भयंकर बीमारिया हमे घेर लेती है तब हम जागते है व शुद्ध व सात्विक भोजन की तरफ भागते है इसलिऐ समय 🌅रहते ही सचेत हो जाऔ व शुद्ध व सात्विकता की और अपने कदम 👣👣👣 बढाईऐ इसके लिऐ आवश्यकता है भोजन मे दूध दही व घी जो हम ग्रहण कर रहे उसे शुद्ध करने की
⛳आचार्य श्री विद्यासागर जी की प्रेरणा व आशीर्वाद 🙌 से बीना बारा (सागर) मे शुद्ध घी बनाने की मशीने लगाई गई है जिसमे मर्यादा का भी विशेष ध्यान रखा गया है। ४८ मिनट से पहले पहले उसका घी निकाल लिया जाता है ताकि अपने जीवन में शुद्धता व स्वास्थ्य दोनों का लाभ मिले
⛳🐄आचार्य श्री जी का केवल गौ रक्षा का ही उद्देश्य है🐄⛳
1⃣🐄 गायो को सरंक्षण मिले
क्योकि आजकल गायो की तस्करी करके उनको कत्लखाने मे भिजवाया जाता है इसलिए गायो को सरंक्षण मिलेगा
2⃣ 💊वर्तमान मे फैलती कैंसर व अन्य घातक बीमारिया जो सभी का जीवन तहस नहस कर रही उससे बचने का उपाय है कि शुद्ध गाय का घी व दूध उपयोग करें
🐄 गाय के घी के फायदे तो सभी को मालूम ही है बहुत सी बीमारियो से बचाव करता है इसलिऐ यदि आप गाय का शुद्ध घी लेना चाहते हो तो बीना बारह से आप ले सकते है
बिल्कुल शुद्ध के साथ साथ मर्यादित भी
✨साथ साथ आपको दान का भी लाभ मिलेगा क्योकि आपका पैसा वहा गायो के सरंक्षण मे भी लगेगा
तो 🐄🌳 ""एक पंथ ३ काज""
✅शुद्ता के साथ साथ मर्यादित भी व पुण्य भी जो आपके कर्म निर्जरा मे भी सहायक होगा
🐄🍯देसी गाय के घी के लिऐ आपको ₹900 प्रति किलो खर्च करना पडेगा 🍯इसके लिए आप अकाउंट मे पैसा जमा कराकर भी घी बुलवा सकते
शांतिधारा दुग्ध योजना
अकांउट नम्बर - 5974132000005
IFCS code
CNRS 0005974
ब्रांच---केनरा बैंक देवरी मध्य प्रदेश
संपर्क सूत्र
मधुर -09977994343
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ग्वालियर का गोपाचल पर्वत,किले जाने का रास्ता और सिद्धाचल पर्वत ये तीनो ग्वालियर की ऐसी जगह हे जहा प्रचुर मात्रा में जैन वैभव हे ये जगह विश्व के आश्चर्यो में एक लगती हे छोटी बड़ी गुफाओ में अतिसुन्दर विशाल प्रतिमाए
ओर एक नही बल्कि सेकड़ो प्रतिमाए, ऐसा प्राचीन जैन वैभव पुरे विश्व में अन्यत्र नही
आज से 500 वर्ष पूर्व मुगल शैतान बाबर ने यहा आक्रमण करके पूरी गुफाओ में तोड़ फोड़ की सारी प्रतिमाए खण्डित कर दी गयी
लेकिन उसकी सारी सेना वहा के पार्श्वनाथ भगवान,माँ त्रिशला का मन्दिर और नेमिनाथ भगवान की प्रतिमा का कुछ भी उखाड़ नही पाये मुगलो की सेना पर मधुमखियो ने हमला कर दिया कई सेनिक अंधे हो गए
तब ऐसा लगा की वहा की अतिशयकारी पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा ये कह रही हे की बाबर तेरा और तेरे वंश का वजूद तो खत्म हो जाएगा लेकिन में यही मौजूद रहूंगा
एक ना एक दिन मेरा कोई परमभक्त दानवीर यहा आएगा और मेरे इन सभी मन्दिरो और अस्तित्व को वापस खड़ा करेगा
500 वर्ष से वह प्राचीन जैन पुरातत्व किसी की राह देख रहा हे लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नही उठे
दो वर्ष पूर्व मुनि पुलक सागर जी का वर्षायोग गोपाचल पर्वत पर हुआ
वे राष्ट्र सन्त हे बड़े बड़े नेता उनके कदमो में मत्था टेकते हे लेकिन तब क्या कदम उठाये ये नही पता
इतना जरूर पता हे की एक वृद्ध आचार्य भगवन्त दयासागर जी वहां थे जो अपने प्रयासों से माँ त्रिशला के मन्दिर का जीर्णोद्धार करा रहे थे
मित्रो वर्तमान में मध्यप्रदेश और केंद्र दोनों में बीजेपी की सरकार हे एक कॉमन विचारधारा हे स्थानीय जैन नेताओ के प्रयासों से केंद्र से प्राचीन पुरातत्व के जीर्णोद्धार की स्वीकृति मिल सकती हे
विडम्बना हे 500 वर्षो में हमारी समाज जागरूक नही रही इतने सारे जैन वैभव को सिर्फ अपने हाल में ही रहने दिया
ऐसे में कई जो यहा भ्रमण हेतु आते उनमे कुछ अज्ञानी ऐसे महान पूज्य प्रतिमाओ पर चप्पल पहन के बेठ जाते हे अनेक बार ईन जिनधरोहरो का बड़ा अविनय होता रहता हे
नासिक के पास अंजनगिरी जहा के 150 जिनालयों को मुगल शेतानो ने ध्वस्त कर दिए लेकिन एक मूलनायक प्रतिमा आज तक मौजूद हे
वहा के पवन जी पाटनी नामक युवक ने दृढ़ संकल्प किया आचार्य श्री गुप्तिनंदी जी का उनको मार्गदर्शन मिला और अभी 2016 में वहा की तलहटी में एक धर्मशाला और भवन बना के भगवान शांतिनाथ की विशाल प्रतिमा स्थापित कराके उसकी प्राणप्रतिष्ठा की गयी आज पवन जी पाटनी के साथ सम्पूर्ण नासिक समाज और अखिल भारतीय तीर्थ सरक्षणि महासभा भी साथ में खड़ी हो गयी
इसलिये ऐसा ही दृढ़ संकल्प किसी का ग्वालियर के मामले में होना चाहिए क्योकि ये पूरा जैन पुरातत्व विश्व में सबसे अधिक सुंदर अलौकिक हे
शाह मधोक जैन चितरी
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Mrityu Bhoj tyagne yogya hai. Ghalat, insensitive parampara hai. #ShareMaximum
मृत्यु भोज
News in Hindi
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आजकल सबसे ज्यादा बीमारियो का कारण है कि मिलावटी भोजन ☕ जो भोजन हम ग्रहण करते है वह पूर्णतया शुद्ध न होने के कारण हमारे शरीर मे भंयकर बीमारियोको जन्म देता है 💊हम पहले तो संभलते नही है लेकिन जब भयंकर बीमारिया हमे घेर लेती है तब हम जागते है व शुद्ध व सात्विक भोजन की तरफ भागते है इसलिऐ समय 🌅रहते ही सचेत हो जाऔ व शुद्ध व सात्विकता की और अपने कदम 👣👣👣 बढाईऐ इसके लिऐ आवश्यकता है भोजन मे दूध दही व घी जो हम ग्रहण कर रहे उसे शुद्ध करने की
⛳आचार्य श्री विद्यासागर जी की प्रेरणा व आशीर्वाद 🙌 से बीना बारा (सागर) मे शुद्ध घी बनाने की मशीने लगाई गई है जिसमे मर्यादा का भी विशेष ध्यान रखा गया है। ४८ मिनट से पहले पहले उसका घी निकाल लिया जाता है ताकि अपने जीवन में शुद्धता व स्वास्थ्य दोनों का लाभ मिले
⛳🐄आचार्य श्री जी का केवल गौ रक्षा का ही उद्देश्य है🐄⛳
1⃣🐄 गायो को सरंक्षण मिले
क्योकि आजकल गायो की तस्करी करके उनको कत्लखाने मे भिजवाया जाता है इसलिए गायो को सरंक्षण मिलेगा
2⃣ 💊वर्तमान मे फैलती कैंसर व अन्य घातक बीमारिया जो सभी का जीवन तहस नहस कर रही उससे बचने का उपाय है कि शुद्ध गाय का घी व दूध उपयोग करें
🐄 गाय के घी के फायदे तो सभी को मालूम ही है बहुत सी बीमारियो से बचाव करता है इसलिऐ यदि आप गाय का शुद्ध घी लेना चाहते हो तो बीना बारह से आप ले सकते है
बिल्कुल शुद्ध के साथ साथ मर्यादित भी
✨साथ साथ आपको दान का भी लाभ मिलेगा क्योकि आपका पैसा वहा गायो के सरंक्षण मे भी लगेगा
तो 🐄🌳 ""एक पंथ ३ काज""
✅शुद्ता के साथ साथ मर्यादित भी व पुण्य भी जो आपके कर्म निर्जरा मे भी सहायक होगा
🐄🍯देसी गाय के घी के लिऐ आपको ₹900 प्रति किलो खर्च करना पडेगा 🍯इसके लिए आप अकाउंट मे पैसा जमा कराकर भी घी बुलवा सकते
शांतिधारा दुग्ध योजना
अकांउट नम्बर - 5974132000005
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आचार्य रत्न श्री ज्ञानसागर जी मुनिराज ससंघ अतिशय क्षेत्र खंदारगिरी जी (चंदेरी), जिला अशोकनगर (म.प्र.) में विराजमान है।
खंदारगिरी जी में भगवान आदिनाथ जी की अतिशयकारी प्राचीन प्रतिमा है। समय समय पर क्षेत्र में केसर वर्षा होती रहती है।
खंदारगिरी क्षेत्र आचार्य श्री की पूर्व में तप स्थली रहा है। क्षेत्र पर आचार्य श्री ने कई बार कठोर तप साधना की है।
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इंदौर नगरी के सरसेठ हुकुमचंद और उनका ब्रम्हचर्य प्रेम... #AcharyaShantisagar #आचार्यशांतिसागर:)
लेखक दिवाकरजी ने लिखा है कि सर सेठ हुकुमचंद जी के विषय में बताया कि आचार्य महराज ने उनके बारे ये शब्द कहे थे, "हमारी अस्सी वर्ष की उम्र हो गई, हिन्दुस्तान के जैन समाज में हुकुमचंद सरीखा वजनदार आदमी देखने में नहीं आया।
राज रजवाड़ों में हुकुमचंद सेठ के वचनों की मान्यता रही है। उनके निमित्त से जैनों का संकट बहुत बार टला है। उनको हमारा आशीर्वाद है, वैसे तो जिन भगवान की आज्ञा से चलने वाले सभी जीवों को हमारा आशीर्वाद है।'
हुकुमचंद के विषय में एक समय आचार्य महराज ने कहा था, "एक बार संघपति गेंदनमल और दाडिमचंद ने हमारे पास से जीवन भर के लिए ब्रम्हचर्य व्रत लिया, तब हुकुमचंद सेठ ने इसकी बहुत प्रसंशा की। उस समय आचार्यश्री ने हुकुमचंद सेठ से कहा 'तुमको भी ब्रम्हचर्य व्रत लेना चाहिए।'
हुकुमचंद ने तुरंत ब्रम्हचर्य व्रत लिया और कहा था, 'महराज! आगामी भव में भी ब्रम्हचर्य का पालन करूँ।' हुकुमचंद का ब्रम्हचर्य व्रत पर इतना प्रेम है।"
*🌿 स्वाध्याय चा.चक्रवर्ती ग्रंथ का 🌿
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Bahubali pratistapana divas pictures.
Ach Vidasagar Ji shishy Sri Dhyansagar Ji & Swasti Sri Charukirthi Bhattraka of Shravanabelagola together witness the celebrations on 22nd March 2018.
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