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📣 #कटक: #नागरिक_अभिनंदन_समारोह
#अहिंसा_यात्रा प्रणेता #आचार्य_श्री_महाश्रमण जी के पावन सान्निध्य में आज नागरिक #अभिनंदन समारोह का भव्य आयोजन हुआ। गुरुवर की मंगल सन्निधि से कार्यक्रम के अनुपम दृश्य एवं #ज्ञानशाला की सुंदर प्रस्तुति का वीडियो। 🎥
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21.01.2018
प्रस्तुति> तेरापंथ मीडिया सेंटर
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#शांतिदूत #आचार्य_श्री_महाश्रमण का कटक में नागरिक अभिनन्दन
- ओड़िशा के #वित्तमंत्री व #स्वास्थ्य_मंत्री सहित अनेक गणमान्य रहे उपस्थित
21.01.2018 कटक (#ओड़िशा):- दिनः रविवार। स्थानः कटक का बालियात्रा पडिया। अवसरः कटक में जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के मर्यादा के महाकुंभ मर्यादा महोत्सव के लिए अपनी धवल सेना के साथ पहुंचे जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम देदीप्यमान महासूर्य, मानवता के मसीहा, शांतिदूत आचार्यश्री महाश्रमणजी के नागरिक अभिनन्दन समारोह का। उपस्थितिः ओड़िशा राज्य के वित्तमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री सहित विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्यों के अलावा आह्लादित, प्रफुल्लित सैंकड़ों-सैंकड़ों की संख्या में उपस्थित कटकवासी।
रविवार को बालियात्रा पडिया में बने मर्यादा महोत्सव के भव्य पंडाल में महातपस्वी आचार्यश्री महाश्रमणजी के #नागरिक_अभिनन्दन_समारोह का आयोजन का हुआ। समारोह के शुभारम्भ से पूर्व आचार्यश्री की मंगल सन्निधि में साध्वीवर्याजी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को पावन प्रेरणा प्रदान की।
तत्पश्चात उपस्थित श्रद्धालुओं को आचार्यश्री महाश्रमणजी ने अपनी अमृतवाणी का रसपान कराते हुए कहा कि आदमी के जीवन में सम्यक् दर्शन एक महत्त्वपूर्ण तत्त्व है। किसी भी क्षेत्र में सम्यक् दृष्टिकोण आवश्यक होता है। सम्यक् दृष्टिकोण का अर्थ होता है जो जैसा है उसे उसी रूप में देखना अर्थात् यथार्थ के निकट जाने का प्रयास करना अथवा यथार्थ के निकट रहना। आदमी को अपने जीवन में यथार्थ के नजदीक रहने का प्रयास करना चाहिए। कर्मों के बंध के कारण शरीर और आत्मा का संबंध बना हुआ है। पुण्य और पाप के कर्म बंध के कारण आत्मा और शरीर का संबंध हो जाता है। आश्रम कर्मों के आने का द्वार है। पुण्य-पाप के कर्मों के आने को कोई रोक सकता है तो वह है संवर। इसके माध्यम से कर्मों के आने के द्वार को बंद किया जा सकता है। जैसे सूर्य की उपस्थिति में अंधकार नहीं रह सकता, वैसे ही संवर की उपस्थिति मंे आश्रव नहीं रह सकता। संवर की साधना कर व निर्जरा के द्वारा आदमी को अपनी आत्मा को मोक्ष की ओर आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। आचार्यश्री के मंगल प्रवचन के उपरान्त उपस्थित लोगों को अहिंसा यात्रा की अवगति प्रदान की तथा उपस्थित जनमेदिनी को अहिंसा यात्रा के संकल्पों को स्वीकार करने का आह्वान किया तो उपस्थित गणमान्यों सहित संपूर्ण जनमेदिनी ने अहिंसा यात्रा की संकल्पत्रयी स्वीकार की। आचार्यश्री के मंगल प्रवचन के उपरान्त साध्वी त्रिशलाकुमारीजी, साध्वी पुनीतप्रभाजी, साध्वी रश्मिप्रभाजी तथा मुनि आकाशकुमारजी ने पृथक-पृथक अभिव्यक्ति के द्वारा अपने आराध्य की अभिवन्दना की। इसके उपरान्त आरम्भ हुए नागरिक अभिनन्दन समारोह का शुभारम्भ हुआ। सर्वप्रथम मर्यादा महोत्सव व्यवस्था समिति के स्वागताध्यक्ष श्री मंगलचंद चोपड़ा, आचार्य महाश्रमण प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष श्री मोहनलाल सिंघी ने अपने श्रद्धासिक्त भाव प्रकट किए तो कटक कन्या मंडल ने गीत के द्वारा अपने आराध्य की अभ्यर्थना की।
ओड़िशा राज्य के वित्तमंत्री श्री शशिभूषण बेहरा ने आचार्यश्री को वंदन करते हुए कहा कि आपसे अभी हमनें जो तीनों संकल्प स्वीकार किए, इससे हमारा जीवन संस्कृति संपन्न बनेगा, मैं ऐसा मानता हूं। आपकी इस अहिंसा यात्रा की आवश्यकता पूरे विश्व को है। आपकी यात्रा की सफलता के लिए मंगलकामना करता हूं और आपसे मंगल आशीर्वाद की आंकाक्षा करता हूं। ओड़िशा सरकार के स्वास्थ्य मंत्री श्री प्रताप जेना ने कहा कि मैं संपूर्ण ओड़िशावासियों की ओर से जगन्नाथ देश में आचार्यश्री महाश्रमणजी का हार्दिक स्वागत-अभिनन्दन करता हूं। आपके यहां आने से पूरे ओड़िशा में एक खुशी का माहौल उत्पन्न हो गया है। आपके आगमन के उपरान्त आज हमारे राज्य के मुख्यमंत्री को आदर्श मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया है। यह आपके आगमन का ही चमत्कार है। आपका आशीर्वाद सदैव हमारे साथ बना रहे। ओड़िशा विधानसभा के सचेतक श्री अमर सत्पथी, समाज सेवी श्री किशनलाल भरतिया, उत्कल प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के श्री सूर्यकांत सांगनेरिया, कटक मारवाड़ी समाज के अध्यक्ष श्री विजय खण्डेलवाल, गोपालकृष्ण गोशाला के अध्यक्ष श्री गणेश प्रसाद कन्दोई, माहेश्वरी समाज के श्री मदनमोहन राठी, महिला समाज की श्रीमती संपति मोढ़ा, दिगम्बर जैन समाज के श्री कमल धनावत, जैन मित्र मण्डल अध्यक्ष श्री मनि सेठिया, नंदगांव गोशाला के श्री कमलकुमार सिकरिया, श्री अशोक नाहटा, श्री ज्ञानचंद नाहटा, श्री राजू ढोलकिया, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष श्री मालचंद सिंघी, तेयुप अध्यक्ष श्री अरविन्द बैद, तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्ष श्रीमती इंदिरा लूणिया, तेरापंथी सभाध्यक्ष श्री मोहनलाल चोरड़िया ने भी अपने श्रद्धासिक्त भाव अभिव्यक्त किए।
जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा
21.01.2018
प्रस्तुति > #तेरापंथ मीडिया सेंटर
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News in Hindi
🙏 #जय_जिनेन्द्र सा 🙏
दिनांक- 21-01-2018
तिथि: - #माघ शुक्ल #चतुर्थी (04)
#रविवार का त्याग/#पचखाण
★आज #मैथी के #लड्डू खाने का त्याग करे।
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जय जिनेन्द्र
#प्रतिदिन जो त्याग करवाया जाता हैं। सभी से #निवेदन है की आप स्वेच्छा से त्याग अवश्य करे। छोटे छोटे #त्याग करके भी हम मोक्ष मार्ग की #आराधना कर सकते हैं। त्याग अपने आप में आध्यात्म का मार्ग हैं।
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🙏तेरापंथ मीडिया सेंटर🙏
🔯 गुरुवर की अमृत वाणी 🔯
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