05.01.2018 ►TSS ►Terapanth Sangh Samvad News

Published: 05.01.2018
Updated: 09.01.2018

Update

06 जनवरी का संकल्प

*तिथि:- माध कृष्णा पंचमी*

हैं उपलब्ध भोग के साधन विपुल।
लालसामय उपभोग पाप का मूल।।

📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
🌻 तेरापंथ *संघ संवाद* 🌻

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*06/01/18* दक्षिण भारत मे मुनि वृन्द, साध्वी वृन्द व समणी वृन्द का सम्भावित विहार/ प्रवास
दर्शन सेवा का लाभ लें
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी* *के आज्ञानुवर्ति मुनिश्री सुव्रत कुमार जी ठाणा* 2 का प्रवास
*Shree Jain Swetamber Terapanth sabha*
No 5 Thakayattam Bazzar
Near police station *Gudiyattam* Tamilnadu
☎9003789485,9150179971
9488921371
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री रणजीत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*Bansilal ji Pitaliya* के निवास स्थान पर
BPL SHOW ROOM
K.R Nager (कर्नाटक)
☎9901135937,9448385582
9886872447,9886872448
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*मुनि श्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी ठाणा 3* का प्रवास
*श्रीचंदजी छलानी*
#37चंचल निवास मयूर नादर,मेलहविदी, (मेयकंडनार I T I के सामने) *मायावरम*
☎9443559247,9443267664
04364-222191,8107033307
(तमिलनाडु)
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*डॉ. मुनि श्री अमृतकुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*जैन स्थानक*
*मदुरान्दगम* (तमिलनाडु)
☎9786805285,9566296874
7200000096,044-27552114
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री प्रशान्त कुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*Maharaja Tourist Home*
Near Mes Engineering College Thangalpadi
Kuttipuram (केरला)
☎9672039432,7034567773
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री विद्यावती जी 'द्वितिय' ठाणा ५* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*KGF* (कर्नाटक)
☎8890788495
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री कंचनप्रभा जी ठाणा ५* का प्रवास
*प्रकाशचन्द जी बाफना*
39/2 k p Puttanna Chetty Road
5 th Main (Near Uma Talkies) *chamrajpet* Bangalore
Opp parvttama choutry
☎9448385652,9663385882
9449017771
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री काव्यलता जी ठाणा 4* का प्रवास
*Shantilal Bothra*
No 31, 5th cross
MKB nagar Chennai 39
☎9840085122,9840885586
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री प्रज्ञाश्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*जैन भवन*
114/48, Big Street (Periya Teru),
Vadivishwaram,
*Nagercoil* - 629001.
(तमिलनाडु)
☎9629840537
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री सुदर्शना श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*बल्लारी* (कर्नाटक)
☎7230910977,8830043723
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री लब्धि श्री जी ठाणा 3 का प्रवास*
*शान्तीग्राम कोलेज से लगभग 10 km का विहार करके वृद्धाश्रम पधारेगे*
हासन से 5 km पहले
चन्नारायपटना-हासन रोड
कर्नाटक
☎9601420513,9845001099
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री मघुस्मिता जी ठाणा 7* का प्रवास
*तेरापंथ भवन टी. दासरहल्ली*
बैगलौर (कर्नाटक)
☎7798028703,9845092804
9886184172
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*आचार्य श्री महाश्रमणजी* *की सुशिष्या* *समणी निर्देशिका चारित्रप्रज्ञाजी* *एवं सहवर्तिनी समणीवृन्द का प्रवास
*Sri jain swetamber terapanth trust*
S H G terapanth bhawan
38/new no 50 singarachari street
Near krishna sweets *Triplicane*
Chennai -5 Tamilnadu
☎9840143333
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प्रस्तुति:- 🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻

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👉 मैसुर: आचार्य श्री महाश्रमण जी के विहार की रास्ते की सेवा में युवक परिषद का प्रतिनिधि दल रवाना
प्रस्तुति: 🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻

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जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।

📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य'* 📙

📝 *श्रंखला -- 230* 📝

*महाप्राज्ञ आचार्य मल्लवादी*

*समय-संकेत*

आचार्य हरिभद्र रचित अनेकांत जयपताका में आचार्य मल्लवादी की सन्मतितर्क टीका के कई अवतरण दिए गए हैं। इससे आचार्य मल्लवादी हरिभद्र से पूर्व सिद्ध होते हैं।

आचार्य मल्लवादी का बौद्धों के साथ शास्त्रार्थ वीर निर्वाण 884 (विक्रम संवत् 414) में हुआ था। इस आधार पर आचार्य मल्लवादी वीर निर्वाण की 9वीं (विक्रम की 5वीं) शताब्दी के प्रमाणित होते हैं।

आचार्य मल्लवादी के ज्येष्ठ भ्राता अजितयश मुनि ने अल्ल भूप की सभा के वादी श्रीनंद की प्रेरणा से प्रमाण ग्रंथ की रचना की थी। प्रभावक चरित्र ग्रंथ में प्राप्त उल्लेखानुसार नरेश अल्ल के पुत्र भुवनपाल जिनेश्वरसूरि एवं बुद्धिसागरसूरि के गुरु वर्धमानसूरि के समकालीन नरेश थे। वर्धमानसूरि वीर निर्वाण 994 में बड़गच्छ की स्थापना करने वाले उद्योतनसूरि के शिष्य थे, अतः वर्धमानसूरि के समकालीन नरेश भुवनपाल के पिता अल्ल नरेश एवं अल्ल नरेश की सभा के विद्वान् श्रीनंद का समय 10वीं शताब्दी के करीब प्रमाणित है।

मल्वादी ने बौद्ध विद्वान् आचार्य लघुधर्मोत्तर के टीका ग्रंथ पर टिप्पण लिखा। बौद्धाचार्य के लघुधर्मोत्तर के टीका ग्रंथ का समय विक्रम संवत 904 के आसपास मान्य हुआ है।

आचार्य मल्लवादी के उक्त घटना प्रसंगों के समय की अत्यधिक दूरी भिन्न-भिन्न मल्लवादी होने की सूचना है।

द्वादशार नयचक्र के रचनाकार एवं जिनानंदसूरि के शिष्य आचार्य मल्लवादी के जीवन की प्रमुख घटना शिलादित्य की सभा में बौद्धों के साथ शास्त्रार्थ का प्रसंग है। प्रभावक चरित्र के अनुसार शास्त्रार्थ का समय वीर निर्वाण 884 एवं वल्लभी का विनाश एवं शिलादित्य के देहावसान का समय वीर निर्वाण 845 है। वल्लभी भंग के बाद नरेश शिलादित्य की सभा में शास्त्रार्थ होने का प्रसंग विशेष समालोचनीय प्रतीत होता है।

प्रबंध कोश में वल्लभी भंग का पूरा प्रसंग पर्याप्त विस्तार के साथ प्रस्तुत है, वह इस प्रकार है— किसी विशेष घटना प्रसंग पर नरेश शिलादित्य की 'रंक' नामक वणिक् से ठन गई। म्लेच्छ जाति का पूर्ण सहयोग रंक वणिक् को प्राप्त होने के कारण सामर्थ्य संपन्न शिलादित्य को भी विकट संकट से गुजरना पड़ा। इससे सौराष्ट्र में अत्यधिक जन-धन की क्षति हुई।

*विक्रमादित्य भूपाला पञ्चर्षित्रिक (573) वत्सरे।*
*जातोऽयं वलभी भङ्गो ज्ञानिनः प्रथमं ययुः।।63।।*
*भग्ना वलभी तेन सरजातमसमञ्जसम्।*
*शिलादित्यः क्षयं नीतो वाणिजा स्फीत ऋद्धिना।।64।।*
*(प्रबंध कोश, पृष्ठ 23)*

प्रबंध कोश के प्रस्तुत उल्लेखानुसार सौराष्ट्र की श्रेष्ठ नगरी वल्लभी का विनाश विक्रम संवत् 573 में हुआ। वल्लभी विनाश के साथ ही नरेश शिलादित्य भी कालधर्म को प्राप्त हुए।

आचार्य मल्लवादी की कालनिर्णायकता में प्रबंध कोश का यह घटना प्रसंग विशेष सहायक है। प्रस्तुत घटनाचक्र में उल्लिखित विक्रम संवत् 573 के आधार पर महाराज शिलादित्य के समकालीन आचार्य मल्लवादी वीर निर्वाण 11वीं सदी (1043) के विद्वान् सिद्ध होते हैं।

*संस्कृत-सरोज-सरोवर आचार्य समन्तभद्र के प्रभावक चरित्र* के बारे में पढ़ेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
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त्याग, बलिदान, सेवा और समर्पण भाव के उत्तम उदाहरण तेरापंथ धर्मसंघ के श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।

📙 *'नींव के पत्थर'* 📙

📝 *श्रंखला -- 54ं* 📝

*केसरजी भण्डारी*

*पासा पलट गया*

गतांक से आगे...

प्रवचन की संपन्नता पर केसरजी ने नम्रतापूर्वक कहा— "आज्ञा दें तो इस विषय में कुछ जिज्ञासाएं आपके सम्मुख रखूं। आप जैसे विद्वानों से प्राप्त समाधान हम सबके लिए बड़ा महत्त्वपूर्ण होगा।"

पंडित जी ने सहर्ष आज्ञा दी तब भंडारीजी ने प्रश्नों के रूप में अपनी जिज्ञासाएं उनके सम्मुख रखते हुए कहा—

"मेरा प्रथम प्रश्न है— ईश्वर तो अशरीरी है। हाथ, पांव, आंख, नाक, कान आदि अवयवों के अभाव में वह सृष्टि का निर्माता कैसे हो सकता है?"

"मेरा द्वितीय प्रश्न है— घड़ा तो कुंभार बनाता है, परंतु मिट्टी को नहीं। वह तो उसे सहज उपलब्ध होती है। इसी तरह पर्वत से लेकर प्राणियों तक का निर्माण जब ईश्वर ने किया तब उसने उनके उपयुक्त मिट्टी कहां से ली? यदि वह उपादान सामग्री पहले से ही विद्यमान थी तो आपका यह सिद्धांत खंडित हो जाएगा कि सब कुछ ईश्वर ने बनाया। यदि आप कहेंगे कि उसे भी ईश्वर ने बनाया तो यह प्रश्न उठेगा कि उसको बनाने में भी तो उपादान सामग्री की आवश्यकता हुई होगी वह कहां से आई?"

"मेरा तृतीय प्रश्न है— ईश्वर जब सर्वशक्तिमान है तो उसने ऐसा दुःखी, दरिद्र एवं रोगी संसार क्यों बनाया? अपनी रचना को उसे सब तरह से सुंदर बनाना चाहिए था।"

"मेरा चतुर्थ प्रश्न है— जो ईश्वर को कत्र्ता नहीं मानते उन जैनों, बौद्धों एवं नास्तिकों आदि को उसने क्यों बनाया?"

"मेरा पंचम प्रश्न है— यदि ईश्वर अपने भक्तों पर कृपा और अभक्तों पर अकृपा करता है तब तो वह सामान्य मनुष्य जैसा ही राग-द्वेष से लिप्त प्राणी हुआ, ईश्वर काहे का?"

"मेरा षष्ठ प्रश्न है— यदि हम सब ईश्वर के भेजे हुए यहां अपना-अपना पार्ट अदा करके चले जाते हैं, तब तो ईश्वर के घर में पूरी अंधेरगर्दी है, क्योंकि पहले तो ईश्वर ने किसी को चोरी करने का पार्ट देकर यहां भेजा और जब उसने अच्छी तरह से पार्ट कर दिखाया तब उसे पुरस्कृत करना तो दूर उलटा दंडित करता है।"

भंडारी जी द्वारा किए गए प्रश्नों और फिर उनके उत्तरों में उद्भूत प्रति प्रश्नों के पंडितजी समुचित समाधान प्रस्तुत नहीं कर पाए। उलटे ही वे अपनी ही पारस्परिक विरोधी बातों में स्वयं उलझ गए। पंडितजी जिस उद्देश्य से आए थे तथा महाराणा ने जिस उद्देश्य से उन्हें वहां जाने की प्रेरणा दी थी, वह कार्य नहीं हो सका केसरजी की तत्त्वज्ञता ने पासा ही पलट दिया। छकाने के उद्देश्य से गए हुए पंडितजी स्वयं ही छका दिए गए।

*कविता प्रेमी केसरजी भण्डारी की कुछ रचनाओं* से रूबरू होंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
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News in Hindi

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दि. 05/01/2018

प्रस्तुति: 🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻

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