02.12.2017 ►TSS ►Terapanth Sangh Samvad News

Published: 02.12.2017
Updated: 05.12.2017

Update

👉 हांसी - अणुव्रत महासमिति अध्यक्ष श्री संचेती मुनि श्री के दर्शनार्थ
👉 चलथान (गुजरात) - अणुव्रत समिति का गठन
👉 भुवनेश्वर - नए युग मे करे प्रवेश कार्यशाला का आयोजन
👉 वापी - मधुर हो हमारा व्यवहार-अपनाए शिष्टाचार कार्यशाला का आयोजन
👉 विजयनगर, बैंगलोर - जैन संस्कार विधि से सामुहिक जन्मोत्सव
👉 बल्लारी: तेरापंथ महिला मंडल द्वारा "E - Enter into the new era: नए युग में करे प्रवेश" कार्यशाला का आयोजन
👉 औरंगाबाद - निर्माण एक नन्हा कदम स्वच्छता की और कार्यक्रम

प्रस्तुति: 🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻

Source: © Facebook

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*03/12/17* दक्षिण भारत मे मुनि वृन्द, साध्वी वृन्द का सम्भावित विहार/ प्रवास
दर्शन सेवा का लाभ लें
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी* *के आज्ञानुवर्ति मुनिश्री सुव्रत कुमार जी ठाणा* 2 का प्रवास
*तेरापंथ सभा भवन*
*होसुर* (तमिलनाडु)
☎ 9443435633,9003789485
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के आज्ञानुवर्ती मुनि श्री रणजीत कुमार जी ठाणा २* का प्रवास
*महेन्द्र जी नाहर* के निवास स्थान
*इत्तगेगुड*
*मेसुर* (कर्नाटक)
☎9901135937,9448385582
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*मुनि श्री ज्ञानेन्द्र कुमार जी ठाणा 3* प्रवास
*Lords park school*
Gandhi gram
Karur Trichy road
TAMILNADU
☎ 8107033307,
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य*
*डॉ. मुनि श्री अमृतकुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*जैन भवन*
*तिरूकलीकुन्डरम* (पक्षीतीर्थ)
☎9786805285,9443247152
(तमिलनाडु)
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री प्रशान्त कुमार जी ठाणा 2* का प्रवास
*"Kondoty, Near HP Petrol Pump" से प्रातः 6:40 बजे विहार करके*
*Vyapari vyvasai* *building,Feroke* *college road,*
*Ramnatkara पधारेंगे*
(केरला)
☎ 7200690967, 9672039432
T++++++++S+++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री विद्यावती जी 'द्वितिय' ठाणा ५* का प्रवास
*इंद्रचन्द जी घर्मीचन्द जी घोका*
*होसकोटे* (कर्नाटक)
☎8890788494,9341248726
080-27931296
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री कंचनप्रभा जी ठाणा ५* का प्रवास
*श्री जुगराजजी घिरेन्द्र कुमार जी श्रीश्रीमाल*
पुराना निवास स्थान
# 137-Y 16th Main
3rd Block स्थानक के पास *Rajajinagar*
Bangalore 560010
☎.9663228221,23382947
(कर्नाटक)
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या 'शासन श्री' साध्वी श्री सत्यवती जी ठाणा 4* का प्रवास
*फक्शनहाल*
*अगरूल*
*हैदराबाद- नागपुर रोड*
(तेलंगाना)
☎9959037737
T+++++++++S++++++++++S

*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री काव्यलता जी ठाणा 4* का प्रवास
*Surya Prakash Mahal*
#774 T.H.ROAD Thiruyottiyur
☎9884200325,9841648307
(तमिलनाडु)
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री प्रज्ञाश्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*नौरतनमल डागा*
का निवास स्थान
४५, वैलायुदम रोड(VSV नगर)
मेहता स्कूल के पास,
*सिवाकासी* (तमिलनाडु)
☎91 9443327831
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री लब्धीश्री जी ठाणा 3* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*हिरियुर* (कर्नाटक)
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री सुदर्शना श्री जी ठाणा 4* का प्रवास
*तेरापंथ भवन*
*सिंघनुर*(कर्नाटक)
☎7230910977,8830043723
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*आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री मघुस्मिता जी ठाणा 7* का प्रवास
गुड सिटिजन स्कुल
*हडेनाहल्ली*
हासन - बैगलोर हाइवे (कर्नाटक)
☎7798028703
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प्रस्तुति:- 🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻

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*पुज्यवर का प्रेरणा पाथेय*

👉 *अहिंसा काॅन्क्लेव: अनुगुंजित हुए अहिंसा, सद्भावना व नशामुक्ति के संदेश*

👉 *-अहिंसा यात्रा प्रणेता आचार्यश्री महाश्रमणजी का झारखण्ड सरकार ने अपने राज्य में किया अभिनन्दन*

👉 *-‘झारखंड की विकास में अहिंसा, सद्भावना और नशामुक्ति के भूमिका’ थीम पर आयोजित हुआ कार्यक्रम*

👉 *-अहिंसा, सद्भावना व नशामुक्ति से झारखंड ही नहीं किसी भी खंड का हो सकता है विकास: आचार्यश्री महाश्रमण*

👉 *-महामहिम राज्यपाल ने अपने वक्तव्य में आचार्यश्री के सूत्रों पर लगाई मुहर*

दिनांक - 02-12-2017

प्रस्तुति - तेरापंथ *संघ संवाद*

Source: © Facebook

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Video

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https://youtu.be/ha-0zlWjAKM

दिनांक 02-12-2017 का..
👉 पूज्य प्रवर के आज के *"अहिंसा कान्कलेव"* में प्रदत्त प्रवचन.. और
👉 झारखंड की राज्यपाल महामहिम श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के वक्तव्य का संक्षिप्त विडियो..
https://youtu.be/Vp5isrIfvoU
👉 साध्वी प्रमुखा श्री जी..
https://youtu.be/zZPWKAoO9mY
👉 मुनि कुमारश्रमण जी..
https://youtu.be/VUgVPlBpp0I
प्रस्तुति - अमृतवाणी

सम्प्रेषण -👇
📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
🌻 तेरापंथ *संघ संवाद* 🌻

👉 सम्मेदशिखर: *"अहिंसा यात्रा" प्रणेता आचार्य श्री महाश्रमण जी के अभिनन्दन में.. 'झारखंड' - राज्य सरकार द्वारा..*
👉 *"झारखंड के निर्माण में अहिंसा, सद्भावना और नशामुक्ति की भूमिका"* - इस *थीम के साथ..*

👉 *"अहिंसा कान्कलेव"* का आयोजन..

👉 *झारखंड की पहली महिला राज्यपाल महामहिम श्रीमती द्रौपदी मुर्मू "मुख्य अतिथि"* के रूप में उपस्थित..
👉 *श्री अमर कुमार (राजस्व निबंधन तथा खेल कूद एवं युवा कार्य मंत्री 'झारखंड'),*
👉 *श्री केदार हाजरा (विधायक 'गिरिडीह') और श्री निर्भय कुमार शाहाबादी (विधायक) की भी रही उपस्थिति..*
👉 *पूज्य गुरुदेव मंगल उद्बोधन प्रदान करते हुए..*
👉 *आज के आयोजन के कुछ विशेष दृश्य..*

दिनांक: 02/12/2017

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🌻 तेरापंथ *संघ संवाद* 🌻

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News in Hindi

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त्याग, बलिदान, सेवा और समर्पण भाव के उत्तम उदाहरण तेरापंथ धर्मसंघ के श्रावकों का जीवनवृत्त शासन गौरव मुनि श्री बुद्धमलजी की कृति।

📙 *'नींव के पत्थर'* 📙

📝 *श्रंखला -- 35* 📝

*टीकमजी डोसी*

*लिखित प्रश्न: लिखित उत्तर*

डोसीजी अपने सभी प्रश्नों को लगभग उनतीस ओलियों (अठावन पृष्ठों) में लिखकर लाए थे। इतने प्रश्नों का वार्तालाप के रूप में उत्तर देने पर अधिक समय के लगने की संभावना थी, वे कुछ बोलते भी अधिक थे। अतः समय की बचत तथा उत्तरों के स्थायित्व की दृष्टि से स्वामीजी ने उनके प्रश्नों का उत्तर लिखकर देना ही प्रारंभ किया। प्रतिदिन कुछ प्रश्नों के उत्तर लिखकर वे डोसीजी को पढ़ने के लिए दे देते। इस प्रकार डोसीजी को मनन करने के लिए सामग्री मिल जाती और स्वामीजी का समय बच जाता। यों क्रमशः छब्बीस ओलियों (बावन पृष्ठों) के उत्तर दिए जा चुके थे तब एक दिन डोसीजी बड़े भाव-विभोर हो उठे। श्रद्धाभाव से उनकी आंखें गीली हो गईं। वे स्वामीजी के चरणों में नतमस्तक होकर कहने लगे कि यदि आप न होते तो मेरी क्या गति होती? आप तो मेरे प्रश्नों का उत्तर इस प्रकार दे रहे हैं मानो केवलज्ञानी दे रहे हों।

क्रमशः जब उन्हें शेष प्रश्नों के उत्तर भी प्राप्त हो गए तब वे एक बार फिर अपने आप को प्रश्न रहित अनुभव करने लगे। डोसीजी के वे प्रश्न तथा स्वामीजी के वे उत्तर *"टीकम डोसी की चर्चा"* नाम से संघ में सुरक्षित है। उस चर्चा में स्वामीजी द्वारा दिए गए उत्तरों से अन्य जिज्ञासुओं को जहां गंभीर ज्ञान का लाभ होता है वहां टीकमजी डोसी की सैद्धांतिक पहुंच का भी पता चलता है।

*ग्रंथ संग्रह*

डोसीजी की ज्ञान पिपासा अत्यंत तीव्र थी। स्वामीजी के ग्रंथ जब उन्होंने पढ़े तो मानो उन्हें कोई निधान ही मिल गया। समग्र शास्त्रों का जो नवनीत अति प्रयास लभ्य था, वह स्वामीजी के ग्रंथों द्वारा सुलभ बन गया। सभी ग्रंथ शास्त्रों के रहस्यों को स्पष्ट करने वाले तथा उपनिषदभूत थे। डोसीजी उनको शास्त्रों की निर्युक्तियां कहा करते थे। उन सबका अविकल रूप में संग्रह कर लेने के लिए वे अत्यंत लालायित हो उठे। वे उन सबकी प्रतिलिपि करके कच्छ ले जाना चाहते थे। स्वामीजी उन्हें कंठस्थ करने के लिए तो प्रति दे सकते थे, परंतु प्रतिलिपि के लिए नहीं। अंततः डोसीजी की प्रबल ज्ञानेच्छा ने इस दुःसाध्य कार्य के लिए भी उनको उद्यत कर दिया। उन्होंने स्वामीजी के ग्रंथों को एक-एक कर कंठस्थ किया और फिर अपने हाथों से उन्हें लिखा। इस प्रकार स्वामीजी के प्रायः सभी ग्रंथों का उन्होंने संग्रह कर लिया।

डोसीजी को तो अपने इस परिश्रम का स्वाध्याय और मनन की सामग्री के रूप में पूरा लाभ प्राप्त हुआ ही, दूसरों के लिए भी उनका वह परिश्रम बड़ा लाभदाई हुआ। उनसे पूर्व गुमानजी लुणावत ने स्वामीजी के ग्रंथों को धार कर लिखा था। डोसीजी का वह दूसरा प्रयास था। उन्होंने अपना कार्य कब प्रारंभ किया और कब समाप्त, कहा नहीं जा सकता। फिर भी अनुमान है कि दो बार स्वामीजी के पास आए और दोनों ही बार थोड़ा-थोड़ा कर उसे पूर्ण किया होगा। एक बार में इतने ग्रंथों को धारना और लिपिबद्ध करना कम ही संभव लगता है। ऐसा भी हो सकता है कि डोसीजी ने कई व्यक्तियों के साथ मिलकर यह कार्य संपन्न किया हो। भिन्न-भिन्न व्यक्तियों ने ग्रंथ कंठस्थ किए हों और फिर अच्छे लिपिक तथा तत्त्व मर्मज्ञ होने के कारण डोसीजी ने उन सब के सहयोग से उन्हें एक पुस्तक में लिख लिया हो। उन्होंने चाहे जिस प्रकार भी उस संग्रह को तैयार किया हो पर उससे उनके दृढ़ अध्यवसायी होने का तो पता लग ही जाता है।

*श्रावक टीकमजी डोसी के जीवन-वृत* के बारे में आगे और जानेंगे और प्रेरणा पाएंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
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जैनधर्म की श्वेतांबर और दिगंबर परंपरा के आचार्यों का जीवन वृत्त शासन श्री साध्वी श्री संघमित्रा जी की कृति।

📙 *जैन धर्म के प्रभावक आचार्य'* 📙

📝 *श्रंखला -- 211* 📝

*सरस्वती-कंठाभरण आचार्य सिद्धसेन*

गतांक से आगे...

सर्वज्ञ सिद्धि के बाद वृद्धवादी कर्णप्रिय घिन्दणी छंद में बोले—

*नवि मारियइ नवि चोरियइ परदारह गमणु निवारियइ।*
*थोवा थोवं दाइयइ सग्गि टुकुटुकु जाइयइ।।6।।*
*(प्रबंध कोश, पृष्ठ 16)*

हिंसा नहीं करने से, चोरी नहीं करने से, परदारा सेवन नहीं करने एवं शुद्धदान से व्यक्ति धीमे-धीमे स्वर्ग पहुंच जाता है।

अपने विचारों को सहज ग्रामीण भाषा में प्रस्तुत करते हुए वह पुनः बोले—

*काऽल कंबलु अनुनी चाटु*
*छासिहिं खालडु भरिउ नि पाटु।*
*अइव्डु पडियउ नीलइ झाड़ि*
*अवर किसर गह सिंग निलाडि।।8।।*
*(प्रबंध कोश, पृष्ठ 16)*

प्रस्तुत दोहे का राजस्थानी रूपांतर इस प्रकार उपलब्ध होता है—

*काली कम्बल अरणी सट्ठ,*
*छाछड़ भरियो दिवड़ भट्ठ।*
*एवड़ पड़ियो लीले झाड़,*
*अवर कवण छै स्वर्ग विचार।।*

शीत निवारणार्थ काली कंबल हो, हाथ में अरणी की लकड़ी हो, छाछ से भरा मटका हो और एवड़ को नीली घास प्राप्त हो, तो इससे बढ़कर स्वर्ग क्या हो सकता है?

सुमधुर ग्रामीण भाषा में आचार्य वृद्धवादी द्वारा स्वर्ग की परिभाषा सुनकर गोपालक जय-जय का घोष करते हुए नाच उठे। उन्होंने कहा

"वृद्धवादी सर्वज्ञ हैं। श्रुति सुखद उपदेश के वाचक हैं। सिद्धसेन अर्थहीन बोल रहा है।"

प्रभावक चरित्र के अनुसार यह शास्त्रार्थ अवंति के मार्ग में हुआ था। प्रबंध कोश आदि ग्रंथों के अनुसार यह शास्त्रार्थ भृगुकच्छ (भृगुपुर) के नजदीक हुआ था।

*गोपालकों की सभा में आचार्य वृद्धवादी विजयी हुए। क्या सिद्धसेन ने आचार्य वृद्धवादी का शिष्यत्व स्वीकार किया...?* जानेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻तेरापंथ *संघ संवाद*🌻
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*आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी* द्वारा प्रदत प्रवचन का विडियो:

👉 *विषय - देह और विदेह भाग - 1*

👉 *खुद सुने व अन्यों को सुनायें*

*- Preksha Foundation*
Helpline No. 8233344482

संप्रेषक: 🌻 तेरापंथ *संघ संवाद* 🌻

👉 प्रेक्षा ध्यान के रहस्य - आचार्य महाप्रज्ञ

प्रकाशक - प्रेक्षा फाउंडेसन

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🌻 तेरापंथ *संघ संवाद* 🌻

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