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जोधपुर के अशोक जैन अब राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी के नए बॉस
जोधपुर| नवनियुक्तमुख्य सचिव अशोक जैन का पैतृक निवास नेहरू पार्क में है। वहीं उनके पिता प्रो. डीके जैन, माता सुशीला जैन एवं अन्य परिजन रहते हैं। वे इस पद तक पहुंचने वाले जोधपुर के पहले शख्स हैं। जैन की स्कूली शिक्षा आदर्श विद्यामंदिर, बाल-निकेतन एवं सरदार स्कूल से हुई। इसके बाद उन्होंने एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स से बीई की। उन्होंने बाद में कुछ समय एमबीएम में ही कक्षाएं भी लीं। इसके बाद कुछ वक्त उन्होंने रेलवे में अस्थायी जॉब की। 1981 में उन्होंने पहली बार भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा दी और ऑल इंडिया में 8वी रैंक लाए। इस रैंक के अनुसार वे भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) को भी चुन सकते थे, लेकिन जैन ने देश के लिए अपनों के बीच रहकर काम करने को तरजीह दी। उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) को चुना। उन्हें राजस्थान कैडर मिला। तमामअटकलों को खारिज करते हुए राज्य सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा 1981 बैच के अफसर अशोक जैन को ब्यूरोक्रेसी का नया बॉस बनाया है। जैन ने शुक्रवार को देर शाम नए मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण कर लिया। पिछले साल भी अशोक जैन का नाम मुख्य सचिव की दौड़ में सबसे आगे था, लेकिन तब बाजी ओपी मीणा ने मार ली थी। सरकार के इस फैसले से ब्यूरोक्रेसी में वरिष्ठता प्रभावित नहीं हो रही है। जैन से ऊपर केवल अशोक शेखर हैं, जो इंदिरा गांधी नहर बोर्ड के चेयरमैन हैं। वे जैन से एक बैच सीनियर हैं। जैन 31 दिसंबर 2017 को रिटायर हो जाएंगे। ऐसे में माना जा रहा था कि जैन मुख्य सचिव की दौड़ से बाहर हो गए हैं। नए सीएस के लिए एसीएस वन एवं पर्यावरण एनसी गोयल, एसीएस लोक निर्माण डीबी गुप्ता और रिपा की महानिदेशक गुरजोत कौर का नाम चल रहा था, लेकिन शुक्रवार को अचानक बदले घटनाक्रम में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अशोक जैन के नाम पर मुहर लगा दी। खास बात यह है कि जैन के मुख्य सचिव बनने से किसी भी अतिरिक्त मुख्यसचिव को सचिवालय से बाहर भेजने की जरूरत नहीं पड़ी। क्योंकि, जिन तीन नामों पर चर्चा चल रही थी, वे सभी जैन से जूनियर हैं।
Source: © Facebook
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