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श्री जैनाचार्य देवेन्द्र महिला संस्थान का दस दिवसीय 14 वंा षिविर सम्पन्न
नैतिकता के बिना जीवन में संस्कार नहीं आते
उदयपुर 4 जून 2017। महापौर चन्द्रसिंह कोठारी ने कहा कि जीवन में नैतिकता नहीं है तो जीवन में संस्कार नहीं आ सकते है। जीवन में दिये जाने वाले संस्कार के अनुरूप ही बच्चें उसका आचरण करते है।
वे आज रविवार को श्री जैनाचार्य देवेन्द्र महिला संस्थान की ओर से जैनाचार्य देवेन्द्र मुनि गौरव पथ स्थित देवेन्द्र धाम में पिछले 10 दिनों से आयोजित किये जा रहे जैन धार्मिक नैतिक संस्कार षिविर का आज रंगारंग समापन समारोह के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि आयोजित समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा ने कहा कि श्री जैनाचार्य देवेन्द्र महिला संस्थान ने बच्चों में जो संस्कार डालने की बीड़ा उठाया है वह आग जा कर नये पौध के रूप में पल्लवित होगा। बच्चांे को दिये जाने वाले संस्कार उसके जीवन की दिषा तय करते है।
इस अवसर पर नन्हें-नन्हें बच्चों ने षिविर के दौरान सीखें नृत्य की मनोहारी प्रस्तुति दे कर सभी का मन जीत लिया। बच्चों ने ष् नन्हें-मुन्हें बच्चें, दांत हमारें कच्चें है, कभी न झूठ बोलेंगे, दिल किसी का ना दुखायेंगे..ष्, ष् अरे माता-बहिनों जरा ये बता दो,मंदिर में श्रृगार भला किस लिये है..ष्, ष्म्हने चुनरी मंगा दे..ष्,ष्जैनम जयती शासनम..ष् सहित बालिकओं ने चरी नृत्य के साथ-साथ सेव वाटर, वृद्धाश्रम एवं नेत्रदान पर नाटकों की प्रस्तुति दे कर सभी का मन जीत लिया।
समारोह में बालिकाओं ने षिविर के दौरान सीखे योग एवं मार्षल आर्ट का प्रदर्षन किया। षिविरार्थी बालिका कामाख्या ने दस दिनों के दौरान अर्जित किये गये ज्ञान एवं अपने अनुभव साझा किये।
समारोह में अतिथियों,सेवा सहयोगी एवं भामाषाहों चन्द्रसिंह कोठारी, फूलसिंह मीणा,इन्दरसिंह मेहता, रंजना मेहता, समाज सेवी किरणमल सावनसुखा,पूर्व जिलाशिक्षाधिकारी धर्मचंद नागौरी सुशीला नागौरी, भुवाणा सरपंच संगीता चित्तौड़ा, पूर्व सरपंच अनिल चित्तौड़ा,भीमराजा रंाका, सम्पत कोठारी,गणेशलाल सहलोत,वीरेन्द्र डांगी, गणेशलाल गोखरू,मानसिंह रांका,हीरालाल रांका का पगड़ी उरपना ओढ़ाकर एवं स्मृतिचिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
षिविर में बच्चों को धर्म की कक्षा राजकुमारी पोरवाल, नीतू नावेडिया, आर्ट एण्ड पेन्टिंग की कक्षाएं विजयलक्ष्मी सामर, रेखा चित्तौड़ा, चिन्मय,प्रेम नाहर, ललिता बापना, योगा एवं नृत्य की कक्षा अषोक, गोपाल एवं शीतल जोषी के अलावा षिविर सहयोगी के रूप में अनिता भण्डारी, रूपी बाई,संध्या नाहर, मधु खमेसरा, रंजना चौहान,लीला नाहर, तरूणा,स्नेहा सिसोदिया एवं मीना बोकड़िया ने सहयेाग दिया।
प्रारम्भ में संस्थान अध्यक्ष डॉ. सुधा भण्डारी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि संस्थान द्वारा अब तक करीब 2 हजार से अधिक बालक-बालिकाओं ने संस्कार षिविर का लाभ लिया है। समय परिवर्तन के दौर में बच्चों को अपने संस्कार से जोड़े रखने के लिये ये षिविर काफी महत्वपूणू भूमिका अदा करते है।
मंत्री ममता रंाका ने बताया कि इस अवसर पर संस्थान की महिलाओं ने स्वागत गीत पर नृत्य की प्रस्तुति दी। समारोह में बच्चों ने नवकार मंत्र पर नृत्य की प्रस्तुति दी। उन्होेंने बताया कि बच्चों ने षिविर में 2-2 घ्ंाटे की सामयिक की जो बड़े भी नहीं कर सकते है। बालिकाओं ने संस्कारों पर नाटिका की प्रस्तुति देकर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। दस दिसीय षिविर में बालक-बालिकाओं द्वारा बनाये गये आर्ट एवं पेन्टिंग उत्पादों की प्रदर्षनी भी लगायी गई जिसे आगन्तुको ंने मुक्तकंठ से सराहा। अंत में ममता रांका ने आभार ज्ञापित किया।
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आज जेठ सुद 10 ना दिवस
कौशांबी नगरी में चंदनबाला ने महावीर स्वामी को उड़द के बाकूले भहराकर 175 दिवस (5 महीना 25 दिवस) का उपवासन पारणा करवाया ।
पांच दिव्य प्रगट हुए
💐 सोनामहोरनी वर्षा
💐 वस्त्रोनी वर्षा
💐 पंचरंगी पुष्पवृष्टि
💐 गगनमां दुंदुभिनी घोषणा
💐 आकाशमां अहोदानं! अहोदानं! नो जयघोष
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News in Hindi
#दीक्षा के 27 दिन और #संथारा आया 25 दिवस का।
नवदिक्षीत पूज्य श्री नमनमुनिजी मसा (प्रखर व्याख्याता पूज्य श्री गुलाबमुनिजी मसा के सांसारिक पिता) का संथारा आज २५ वे दिवस समाधि भावों के साथ अहमदाबाद में सुबह ७ बजे सीझ गया है (दीक्षा पर्याय २७ दिवस)*_
_*गोंडल संप्रदाय के पूज्य श्री राजेशमुनिजी मसा की नेश्राय से भीषण गर्मी मे कठोर आत्म साधना से अपने मनोरथों को पूर्ण करने वाले वीर साधक के पावन चरणों मे कोटिश: नमन.. अनुमोदन..!
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