03.06.2017 ►TSS ►Terapanth Sangh Samvad News

Published: 03.06.2017
Updated: 04.06.2017

Update

Video

Source: © Facebook

प्रस्तुत है
*प्रेक्षा ध्यान प्रायोगिक ऑडीओ शृंखला*

आज का ऑडीओ
*कायोत्सर्ग (Relaxation)*
अवधि 30 मिनट

स्वयं प्रेक्षा ध्यान प्रयोग से लाभान्वित हो व अन्य को भी लाभान्वित करे ।

*प्रस्तुति - प्रेक्षा फ़ाउंडेशन*

प्रसारक - 🌻 *तेरापंथ संघ संवाद*🌻

Video

Source: © Facebook

दिनांक 03 - 06 - 2017 के विहार और पूज्य प्रवर के प्रवचन का विडियो
प्रस्तुति - अमृतवाणी
सम्प्रेषण -👇
📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻

👉 *तेरापंथ धर्म संघ की मातृसंस्था महासभा में परम् पूज्य महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण का मंगल प्रवेश सम्बन्धित सुचना*

*प्रस्तुति - महासभा परिवार*

प्रसारक - 🌻 *तेरापंथ संघ संवाद*🌻

Source: © Facebook

*पूज्यवर का प्रेरणा पाथेय*

👉 अहिंसा यात्रा संग श्रीरामपुर पहुंचे तेरापंथ के राम
👉 गर्मी और उमस भरे मौसम में आचार्यश्री ने किया लगभग बारह किलोमीटर का विहार
👉 श्रीरामपुर स्थित गणेश स्टील एण्ड एलोयज लिमिटेड में हुआ आचार्यश्री का पदार्पण
👉 आत्मानुशासन कर अपने जीवन का कल्याण करने का आचार्यश्री ने दिया ज्ञान
👉 आचार्यश्री के स्वागत में श्रद्धालुओं ने दी अपनी भावाभिव्यक्ति, प्राप्त किया आशीर्वाद

दिनांक 03-06-2017

📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुचाएं

🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻

Source: © Facebook

💢⭕💢⭕💢⭕💢⭕💢⭕💢
आचार्य श्री तुलसी की कृति आचार बोध, संस्कार बोध और व्यवहार बोध की बोधत्रयी

📕सम्बोध📕
📝श्रृंखला -- 72📝

*संस्कार-बोध*

*प्रेरक व्यक्तित्व*

*संस्कारी श्रावक*

*37. कन्या कुंकुम बता...*

बावलास (मेवाड़) के श्रावक जोधासाजी सिरोहिया को तेरापंथ के तीन आचार्यों— ऋषिराय, जयाचार्य और मघवागणी की उपासना का सौभाग्य उपलब्ध हुआ। वे जितने श्रद्धाशील थे, उतने ही विवेकसंपन्न थे। उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, पर उनका स्वाभिमान जबरदस्त था। उनके साथ लड़कियां थीं। उस युग में अधिक लड़कियों का होना सौभाग्य का सूचक माना जाता था। इसका कारण यह बताया जाता है कि लड़कियों की शादी में वरपक्ष से काफी पैसा मिलता था। जिस समाज में ऐसी परंपरा प्रचलित हो, उस समाज में सात लड़कियों का पिता बिना किसी व्यवसाय के लखपति बन सकता था। किंतु जोधासाजी इस परंपरा के विरुद्ध थे। वे स्पष्ट कहते थे कि लड़की कोई गाय-भैंस है क्या, जो उसे बेच कर पैसा कमाया जाए।

प्रत्येक लड़की के शादी के प्रसंग में जान-पहचान वाले कुछ लोग उन्हें कहते— 'जोधासाजी! शादी अच्छी करना।' इस परामर्श पर वे उत्तर देते— 'पहले लड़के वालों से रुपए लूं, फिर उन्हीं को अच्छा खिलाऊं और बदनामी अपने सिर ओढूं, इतना बोला मैं नहीं हूं।'

कुछ लोग उन्हें सुझाव देते— 'जोधासाजी! बारात नहीं बुला सकते तो' बैठा विवाह' कर दो। लड़के वालों के वहां जाकर लड़की की शादी कर दो।' इस पर वे कहते— 'ऐसी शादी मैं नहीं करूंगा। मैं बारात बुलाऊंगा। बारात में चार ही व्यक्तियों को बुलाऊंगा। एक जंवाई, एक जंवाई का भाई, एक नाई और एक परिवार का कोई भी व्यक्ति। गुड़ की लापसी बनाकर इनका मुंह मीठा कर दूंगा। मेरे पास कन्या और कुंकुम दो हैं। तिलक लगाकर बेटी-जंवाई को विदा कर दूंगा। दहेज में थाली और बाटका अवश्य देना है, पर बाद में जब सुविधा होगी तब दूंगा।'

इस स्थिति के बावजूद उनकी प्रतिष्ठा इतनी थी कि सातों लड़कियों का संबंध अच्छे परिवारों में हुआ।

जोधासाजी धर्मनिष्ठ व्यक्ति थे। उनके मन में गुरु-दर्शन की भावना बहुत रहती। वाहन से यात्रा करने की सुविधा नहीं थी। एक-एक पैसा बचाकर दस आने या चौदह आने इकट्ठे करते और पदयात्रा करते हुए दर्शन करने आते। उनकी पदयात्रा प्रायः साधु साध्वियों के साथ होती। यात्रा में वे एक थैला कंधे पर रख लेते। एक या दो पैसे से दाल-आटा आदि खरीदते और अपना काम चलाते। वे विनोदी प्रकृति के व्यक्ति थे। जब भी सेवा में आते, कुछ साधु उन्हें घेर कर बैठ जाते और पूछते— 'जोधासाजी! यात्रा कैसी रही?' वे उत्तर देते— 'महाराज! बहुत अच्छी रही। नाथद्वारा से राजनगर, राजनगर से वहां, वहां से वहां और आज यहां।' उनका दृष्टिकोण विधायक था। इसलिए उन्होंने कभी अभाव में भी कष्ट का अनुभव नहीं किया।

*शासन-भक्त और जागरूक श्रावक बादरमलजी भंडारी* के बारे में जानेंगे... हमारी अगली पोस्ट में... क्रमशः...

प्रस्तुति --🌻तेरापंथ संघ संवाद🌻
💢⭕💢⭕💢⭕💢⭕💢⭕💢

💠🅿💠🅿💠🅿💠🅿💠🅿💠

*प्रेक्षाध्यान के रहस्य - आचार्य महाप्रज्ञ*

अनुक्रम - *भीतर की ओर*

*मेदधातु प्रेक्षा*

मेद अनुपातत: कम हो या अधिक हो ---- ये दोनों स्थितियां स्वास्थ्य के लिए प्रतिकूल है । कृशकाय व्यक्ति में शक्ति की कमी होती है तो मोटापा व्यक्ति को रुग्ण बना देता है । स्वास्थ्य केंद्र पर ध्यान करने से मेद का संतुलन होता है । मेदधातु का संतुलन बनाने के लिए "ब" और "ल" इन दो वर्णो का जप किया जाता है ।

03 जून 2000

प्रसारक - *प्रेक्षा फ़ाउंडेशन*

प्रस्तुति - 🌻 *तेरापंथ संघ संवाद* 🌻

💠🅿💠🅿💠🅿💠🅿💠🅿💠

News in Hindi

👉 *पूज्य प्रवर का आज का लगभग 12.5 किमी का विहार..*
👉 *आज का प्रवास - श्रीरामपुर (पश्चिम बंगाल)*
👉 *आज के विहार के दृश्य..*

दिनांक - 03/06/2017

📝 धर्म संघ की तटस्थ एवं सटीक जानकारी आप तक पहुंचाए
*प्रस्तुति - 🌻 तेरापंथ संघ संवाद* 🌻

Source: © Facebook

Share this page on:
Page glossary
Some texts contain  footnotes  and  glossary  entries. To distinguish between them, the links have different colors.
  1. अमृतवाणी
  2. आचार्य
  3. ज्ञान
  4. दर्शन
  5. दस
  6. राम
Page statistics
This page has been viewed 865 times.
© 1997-2024 HereNow4U, Version 4.56
Home
About
Contact us
Disclaimer
Social Networking

HN4U Deutsche Version
Today's Counter: