Pravachan
Delhi
01.10.2014
आज की प्रेरणा......
प्रवचनकार - आचार्य श्री महाश्रमण......
हमारे जीवन में अनुशासन का बड़ा महत्व है| आज अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह
का छठा दिन - अनुशासन दिवस | आचार्य तुलसी ने कहा - दूसरों पर अनुशा
सन करने से पहले व्यक्ति को स्वयं पर अनुशासन करना चाहिए| शासक को
भी इन्द्रिय संयम का अभ्यास करना चाहिए ताकि भोग विलास से दूर रहकर
जनता की सेवा कर सके | परानुशासन करने वाले को आत्मानुशासन का अ-
भ्यास करना चाहिए | शरीर, वाणी, मन व इन्द्रियों पर अनुशासन करने से
आत्मा पर अनुशासन हो जाता है | अणुव्रत गीत गायन प्रतियोगिता चल रही
है | बच्चों में गुस्से, अहंकार, लोभ व नशे के संस्कार कमजोर पड़े व क्षमा,
विनय,संतोष व नशा मुक्ति के संस्कार उजागर हों| प्राचीन काल में कहानियों
के माध्यम से बच्चों को संस्कार प्रदान किए जाते थे | आज विद्या संस्थानों,
मिडिया, ज्ञानशालाओं व चारों ओर से सुसंस्कारों की वर्षा हो तो बच्चे उसमें
अभिनिष्नात हो सकते हैं | यह गीत गायन प्रतियोगिता बच्चों को संस्कारित
करे, यह काम्य है |
दिनांक - 1.10.2014
ASHOK PARAKH
9233423523