Updated on 22.05.2025 12:26
आचार्य श्री महाश्रमण जी के मंगल प्रवचन की छाया चित्र झलकियाँ : २२-०५-२०२५Photos of Jain Terapanth News post
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परिचर्चा का विषय - जुलाई 2025
अगली परिचर्चा का विषय
🧑🧑🧒🧑🧒🧒 *"बचपन और भविष्य संवारने की जिम्मेदारी किसकी?"*
🤹♀️गर्मी की लम्बी छुट्टियों के बाद स्कूलों में बच्चों की चहल-पहल फिर शुरू हो जाती है। स्कूल अपने विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम को श्रेष्ठता के सबूत के रूप में प्रचारित करते हैं। अभिभावक भी सामान्यतः बच्चे की रैंक को ही सबसे अधिक महत्व देते हैं।
🤹♂️बच्चे के बौद्धिक विकास के सामने उसके भावनात्मक विकास को हम अक्सर गौण क्यों कर देते हैं? क्या-क्या तरीके और साधन उपलब्ध हैं हमारे पास उनके भावनात्मक विकास के लिए? स्कूल या अभिभावक - कौन लेंगे इसकी जवाबदेही?
⚜️क्या आप सहमत हैं कि भावनात्मक विकास से वंचित कोरा बौद्धिक विकास व्यक्ति व समाज दोनों के लिए घातक बनता जा रहा है?
'अणुव्रत' पत्रिका के *जुलाई 2025 अंक* में प्रकाशित होने वाली परिचर्चा हेतु अपने विचार अधिकतम 200 शब्दों में हमें *10 जून 2025 तक 9116634512* पर व्हाट्सएप के माध्यम से भेजें।।
*प्रस्तुति : अणुव्रत मीडिया*
*प्रसारक : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज*
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🧑🧑🧒🧑🧒🧒 *"बचपन और भविष्य संवारने की जिम्मेदारी किसकी?"*
🤹♀️गर्मी की लम्बी छुट्टियों के बाद स्कूलों में बच्चों की चहल-पहल फिर शुरू हो जाती है। स्कूल अपने विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम को श्रेष्ठता के सबूत के रूप में प्रचारित करते हैं। अभिभावक भी सामान्यतः बच्चे की रैंक को ही सबसे अधिक महत्व देते हैं।
🤹♂️बच्चे के बौद्धिक विकास के सामने उसके भावनात्मक विकास को हम अक्सर गौण क्यों कर देते हैं? क्या-क्या तरीके और साधन उपलब्ध हैं हमारे पास उनके भावनात्मक विकास के लिए? स्कूल या अभिभावक - कौन लेंगे इसकी जवाबदेही?
⚜️क्या आप सहमत हैं कि भावनात्मक विकास से वंचित कोरा बौद्धिक विकास व्यक्ति व समाज दोनों के लिए घातक बनता जा रहा है?
'अणुव्रत' पत्रिका के *जुलाई 2025 अंक* में प्रकाशित होने वाली परिचर्चा हेतु अपने विचार अधिकतम 200 शब्दों में हमें *10 जून 2025 तक 9116634512* पर व्हाट्सएप के माध्यम से भेजें।।
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*प्रसारक : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज*
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विज्ञप्ति
वर्ष : - 31 अंक : - 09
16 - 22 मई 2025
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Posted on 22.05.2025 06:31
*_22 मई_*निष्ठा क्रिया की आत्मा है।
उसके बिना महान् कार्य नहीं किया जा सकता।
- आचार्य महाश्रमण
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*- आदर्श साहित्य विभाग, जैन विश्व भारती*
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📲 प्रस्तुति : *आदर्श साहित्य विभाग, जैन विश्व भारती*
📲 संप्रसारक : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
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*22 मई*
*कब क्या हुआ!*
- जाने तेरापंथ के इतिहास को
*सन् 1990 मे मच्छरदानी के प्रतिलेखन को लेकर एक नई विधि निर्धारित हुई।*
*मच्छरदानी का प्रतिलेखन*
सन् 1990 (वि. सं. 2046 ) में निर्णय हुआ कि ऊनी वस्त्र की तरह मच्छरदानी भी अप्रतिलेखनीय हो सकती है । ऊनी वस्त्र को जब काम में न लिया जाये तो उसे धूप में रखकर अप्रतिलेख्य बनाया जा सकता है | वैसे ही मच्छरदानी भी अप्रतिलेख्य हो सकती है । वर्तमान के नियम के अनुसार जब मच्छरदानी लगाई जाए, तब प्रतिलेखनीय है । प्रातः प्रतिलेखन के समय से पूर्व भी विद्युत के प्रकाश में उसकी प्रतिलेखना की जा सकती है ।
जैन धर्म को जानने के लिए चैनल से जुड़े - https://whatsapp.com/channel/0029VayfLav6GcG8zAG6gz2G
*समण संस्कृति संकाय*
कार्यालय संपर्क सूत्र-
*9784762373, 9694442373, 9785442373*
📲 प्रस्तुति : *समण संस्कृति संकाय, जैन विश्व भारती*
📲 संप्रसारक : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
*कब क्या हुआ!*
- जाने तेरापंथ के इतिहास को
*सन् 1990 मे मच्छरदानी के प्रतिलेखन को लेकर एक नई विधि निर्धारित हुई।*
*मच्छरदानी का प्रतिलेखन*
सन् 1990 (वि. सं. 2046 ) में निर्णय हुआ कि ऊनी वस्त्र की तरह मच्छरदानी भी अप्रतिलेखनीय हो सकती है । ऊनी वस्त्र को जब काम में न लिया जाये तो उसे धूप में रखकर अप्रतिलेख्य बनाया जा सकता है | वैसे ही मच्छरदानी भी अप्रतिलेख्य हो सकती है । वर्तमान के नियम के अनुसार जब मच्छरदानी लगाई जाए, तब प्रतिलेखनीय है । प्रातः प्रतिलेखन के समय से पूर्व भी विद्युत के प्रकाश में उसकी प्रतिलेखना की जा सकती है ।
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*समण संस्कृति संकाय*
कार्यालय संपर्क सूत्र-
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🌞 *नवप्रभात के प्रथम दर्शन* 🌞
22 मई, 2025
*प्रस्तुति : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
22 मई, 2025
*प्रस्तुति : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
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