15.05.2025: Jain Terapanth News

Published: 15.05.2025

Updated on 15.05.2025 09:04

*15 मई*
*कब क्या हुआ!*
- जाने तेरापंथ के इतिहास को

*सन् 1984 जोधपुर चातुर्मास से साधु साध्वियों में श्रमण प्रतिक्रमण का नया रूप प्रसारित हुआ।*

*श्रमण प्रतिक्रमण के अतिचार*

आचार्यश्री तुलसी साधु जीवन की हर प्रवृत्ति को भावक्रिया के साथ जोड़ना चाहते थे। प्रतिक्रमण साधुचर्या का एक प्रमुख अंग है । उसकी भाषा प्राकृत है। अतिचार राजस्थानी भाषा में थे । वे इस युग के साधु-साध्वियों की समझ में नहीं आते थे। आचार्यश्री ने उन अतिचारों को हिन्दी में किया, साथ ही महाव्रतों की भावनाओं को उनके साथ जोड़कर और आध्यात्मिक रूप दे दिया। सन् 1984 (वि. सं. 2041 आषाढ़ी पूर्णिमा) जोधपुर चातुर्मास से साधु-साध्वियों में प्रतिक्रमण का यह नया रूप प्रसारित हुआ।

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*समण संस्कृति संकाय*
कार्यालय संपर्क सूत्र-
*9784762373, 9694442373, 9785442373*

📲 प्रस्तुति : *समण संस्कृति संकाय, जैन विश्व भारती*
📲 संप्रसारक : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*


Posted on 15.05.2025 08:34

विज्ञप्ति
वर्ष : - 31 अंक : - 08
09 - 15 मई 2025

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🌞 *नवप्रभात के प्रथम दर्शन* 🌞

15 मई, 2025

*प्रस्तुति : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*


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