Posted on 04.05.2025 17:54
कर्त्ता-भोक्ता के भावों को गौण कर कार्य करने वाला ही अपने कर्मों की निर्जरा करता है: आचार्य सम्राट डॉ. श्री शिवमुनि जी म.सा.4 मई 2025, वेसू, सूरत
आचार्य सम्राट डॉ. श्री शिवमुनि जी म.सा. आदि, युवाचार्य प्रवर श्री महेन्द्रऋषि जी म.सा., प्रवर्तक श्री प्रकाशमुनि जी म.सा., प्रमुख मंत्री श्री शिरीष मुनि जी म.सा आदि ठाणा वेसू के गुरु पुष्कर भवन में विराजमान हैं। आचार्य भगवन के तीन दिवसीय प्रवास के दूसरे दिन उपस्थित धर्म सभा को अपने संबोधन में फरमाया कि उधना में अक्षय तृतीया पारणा महोत्सव एवं जैन भागवती दीक्षा के ऐतिहास आयोजन हुए वे अनुमोदनीय थे। इन दो विशिष्ट आयोजनों में जिन्होंने कर्त्ता-भोक्ता के भावों को गौण कर कार्य किया, सहयोग किया उनके प्रति मैं अनुमोदना करता हूं। जिन्होंने कर्त्ता-भोक्ता से उपर उठकर कार्य किया उन्होंने अपने कर्मों की निर्जरा की है।
उन्होंने आगे फरमाया कि व्यक्ति को भेद ज्ञान की साधना मिल गई फिर यदि उनका मन यदि नाम, पद, प्रतिष्ठा पर अटका हुआ है तो उन्होंने अभी तक सही दृष्टि से भेद ज्ञान की साधना को समझा नहीं वे केवल शरीर पर अटके हुए हैं, यदि नाम आगे रहेगा तो कर्मों की निर्जरा नहीं हो सकती। जिस तरह से गुलाब का फुल कांटों में रहता हुआ खूशबू बिखेरता है, कमल का फुल कीचड़ में रहते हुए खूशबू देता है वैसे ही भेद ज्ञान की साधना करने वाला श्रावक अपना महिमा मण्डन नहीं करता, इसलिए एक अच्छे श्रावक को अपनी दृष्टि को बदलकर विशाल दृष्टी रखनी चाहिए।
इससे पूर्व युवाचार्य प्रवर श्री महेन्द्रऋषि जी म.सा. ने रात्रि भोजन के त्याग का महत्त्व बताते हुए फरमाया कि हमारे पूर्वज सूर्यास्त के बाद भोजन नहीं करते थे। वे भोजन का संयम रखते थे। आज की पीढी को इस ओर जागृत करने की आवश्यकता है।
प्रवर्तक श्री प्रकाश मुनि जी म.सा. ने अपने उद्बोधन फरमाया कि मनुष्य अपने वश में रहता है तो वह स्वाधीन है, अपने वश में नहीं है तो वह पराधीन है, आश्चर्य की बात है कि फिर भी मनुष्य पराधीनता का जीवन जीता है अर्थात् अपने मन को नियंत्रित नहीं कर पाया।
प्रमुख मंत्री श्री शिरीष मुनि जी म.सा. ने फरमाया कि वर्षों से वेसू वासियों की भावना पूर्ण हुई है कि आज आचार्य भगवन वेसू विराजे हैं। गुरु पुष्कर भवन में एक दिन पूर्व ही पधारकर तीन दिन का प्रवास प्रदान किया जो आप लोगों का सौभाग्य है।
सहमंत्री श्री शुभम मुनि जी म.सा. ने ‘‘प्यारो लागे है मेवाड़ इन माटी ने वंदन बारंबार’’ भजन की प्रस्तुति से सेराप्रांत एवं मेवाड़ धरा के श्रद्धालुओं को मेवाड़ की याद ताजा करा दी।
इससे पूर्व महासाध्वी श्री अर्चना जी म.सा. ने भी अपना उदगार रखे।
श्री गुरु पुष्कर भवन वेसू श्रीसंघ के महामंत्री श्री मदनलाल दोशी ने कार्यक्रम का संचालन किया।
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