Posted on 11.05.2025 12:39
आचार्य श्री महाश्रमण जी के मंगल प्रवचन की छाया चित्र झलकियाँ : ११-०५-२०२५Photos of Jain Terapanth News post
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*तिविहार संथारा परिसंपन्न : बालोतरा*
*प्रस्तुति अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज, 11 मई 2025*
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💠 *युवा दिवस के पावन अवसर पर, परम पूज्य गुरुदेव युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के मंगल पाठ से अभातेयुप द्वारा प्रदर्शित “आचार्य महाश्रमण आर्ट गैलेरी” का शुभारंभ हुआ।*
*प्रस्तुति : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज*
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*पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री महाश्रमणजी का 52वाँ दीक्षा दिवस कार्यक्रम का सिद्धपुर (गुजरात)से लाईव देखनें सुनने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करे और सब्सक्राइब करें*
https://www.youtube.com/live/MSiKt3K4dhs?feature=shared
🙏प्रस्तुति🙏
*अमृतवाणी*
🙏🏻 संप्रसारक🙏🏻
*जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा*
*अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
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*जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा*
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11 May 2025 - Acharya Mahashraman - Siddhpur ( Gujrat )
🌞 *नवप्रभात के प्रथम दर्शन* 🌞
11 मई, 2025
*प्रस्तुति : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
11 मई, 2025
*प्रस्तुति : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
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*_11 मई_*
भावना, क्रिया और परिणाम की
एक श्रृंखला है। कार्य का परिणाम प्राय: भावना पर आधारित रहता है। शुद्ध भावना से की गई क्रिया शुभ परिणाम लाती है।
- आचार्य महाश्रमण
*रोज की एक सलाह प्राप्त करने के लिए ग्रुप में जुड़े -*
https://chat.whatsapp.com/Bxt0wvs8SJpGSyyXwr1ju1
*- आदर्श साहित्य विभाग, जैन विश्व भारती*
📱+91 87420 04849, +91 87420 04949, +91 77340 04949
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📲 प्रस्तुति : *आदर्श साहित्य विभाग, जैन विश्व भारती*
📲 संप्रसारक : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
भावना, क्रिया और परिणाम की
एक श्रृंखला है। कार्य का परिणाम प्राय: भावना पर आधारित रहता है। शुद्ध भावना से की गई क्रिया शुभ परिणाम लाती है।
- आचार्य महाश्रमण
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*11 मई*
*कब क्या हुआ!*
- जाने तेरापंथ के इतिहास को
*आचार्य महाश्रमण जी (मोहनलाल) और हीरालाल की दीक्षा वि.सं. 2031 वैशाख शुक्ला 14 (5 मई 1974) को सरदारशहर में ही मुनिश्री सुमेरमल जी (लाडनूं) के करकमलों से हुई।*
दीक्षा-तिथि की घोषणा करते हुए आचार्यवर ने फरमाया मोहनलाल और हीरालाल की दीक्षा वि.सं. 2031 वैशाख शुक्ला 14 को सरदारशहर में ही शिष्य मुनि सुमेर (लाडनूं) के सान्निध्य में हो सकेगी। वि.सं. 2031 वैशाख शुक्ला 14 (5 मई 1974) का सुप्रभात मोहन के लिए सौभाग्य की सौगात लेकर आया। वह प्रातः लगभग चार बजे ही मुनिश्री के पास पहुंच गया। मुनिश्री ने फरमाया - मोहन! आज इतनी जल्दी आ गया! मोहन ने कहा - मुनिप्रवर! आज तो मेरे लिए सोने का सूरज उगा है। मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं कि आज मुझे आपके करकमलों से दीक्षित होने का सुअवसर मिलेगा। गधैयाजी का नोहरा। हजारों लोगों की उपस्थिति। लम्बे व भव्य जुलूस के साथ दोनों वैरागी श्री समवसरण में पहुंचे।
जैन धर्म को जानने के लिए चैनल से जुड़े - https://whatsapp.com/channel/0029VayfLav6GcG8zAG6gz2G
*समण संस्कृति संकाय*
कार्यालय संपर्क सूत्र-
*9784762373, 9694442373, 9785442373*
📲 प्रस्तुति : *समण संस्कृति संकाय, जैन विश्व भारती*
📲 संप्रसारक : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
*कब क्या हुआ!*
- जाने तेरापंथ के इतिहास को
*आचार्य महाश्रमण जी (मोहनलाल) और हीरालाल की दीक्षा वि.सं. 2031 वैशाख शुक्ला 14 (5 मई 1974) को सरदारशहर में ही मुनिश्री सुमेरमल जी (लाडनूं) के करकमलों से हुई।*
दीक्षा-तिथि की घोषणा करते हुए आचार्यवर ने फरमाया मोहनलाल और हीरालाल की दीक्षा वि.सं. 2031 वैशाख शुक्ला 14 को सरदारशहर में ही शिष्य मुनि सुमेर (लाडनूं) के सान्निध्य में हो सकेगी। वि.सं. 2031 वैशाख शुक्ला 14 (5 मई 1974) का सुप्रभात मोहन के लिए सौभाग्य की सौगात लेकर आया। वह प्रातः लगभग चार बजे ही मुनिश्री के पास पहुंच गया। मुनिश्री ने फरमाया - मोहन! आज इतनी जल्दी आ गया! मोहन ने कहा - मुनिप्रवर! आज तो मेरे लिए सोने का सूरज उगा है। मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं कि आज मुझे आपके करकमलों से दीक्षित होने का सुअवसर मिलेगा। गधैयाजी का नोहरा। हजारों लोगों की उपस्थिति। लम्बे व भव्य जुलूस के साथ दोनों वैरागी श्री समवसरण में पहुंचे।
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*9784762373, 9694442373, 9785442373*
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