Updated on 13.05.2025 13:50
आचार्य श्री महाश्रमण जी के मंगल प्रवचन की छाया चित्र झलकियाँ : १३-०५-२०२५Photos of Jain Terapanth News post
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
Source: © Facebook
*13 मई*
*कब क्या हुआ!*
- जाने तेरापंथ के इतिहास को
*10 जून 2014, दिल्ली में जैनशासन की दो महान विभूतियों—परमश्रद्धेय आचार्यश्री महाश्रमण और श्रमणसंघ के आचार्य शिवमुनिजी का वीर अपार्टमेंट में आत्मीय और आह्लादपूर्ण मिलन हुआ।*
आचार्य शिवमुनिजी ने अपने वक्तव्य के अन्त में कहा—आचार्यश्री महाश्रमणजी को श्रमणसंघ की ओर से आज मैं 'ज्योतिपुंज' अलंकरण से अलंकृत कर रहा हूं। अगले दिन पुन: आचार्यद्वय का मिलन हुआ। कार्यक्रम के दौरान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने आचार्य शिवमुनिजी से कहा—आपने मुझे जो सम्मान दिया, अलंकरण दिया, उसके लिए मैं आपके प्रति और श्रमणसंघ के प्रति बार-बार आभार व्यक्त करता हूं, उसका सम्मान करता हूं, किन्तु उस सन्दर्भ में अपने विचार आपको बताना चाहूंगा। उसे अन्यथा न लें। पिछले कुछ अर्से से मेरे मन में यह धारणा बनी हुई है—'सव्वे आभरणा भारा' ये अलंकरण और सम्मान तो भार होते हैं।
जैन धर्म को जानने के लिए चैनल से जुड़े - https://whatsapp.com/channel/0029VayfLav6GcG8zAG6gz2G
*समण संस्कृति संकाय*
कार्यालय संपर्क सूत्र-
*9784762373, 9694442373, 9785442373*
📲 प्रस्तुति : *समण संस्कृति संकाय, जैन विश्व भारती*
📲 संप्रसारक : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
*कब क्या हुआ!*
- जाने तेरापंथ के इतिहास को
*10 जून 2014, दिल्ली में जैनशासन की दो महान विभूतियों—परमश्रद्धेय आचार्यश्री महाश्रमण और श्रमणसंघ के आचार्य शिवमुनिजी का वीर अपार्टमेंट में आत्मीय और आह्लादपूर्ण मिलन हुआ।*
आचार्य शिवमुनिजी ने अपने वक्तव्य के अन्त में कहा—आचार्यश्री महाश्रमणजी को श्रमणसंघ की ओर से आज मैं 'ज्योतिपुंज' अलंकरण से अलंकृत कर रहा हूं। अगले दिन पुन: आचार्यद्वय का मिलन हुआ। कार्यक्रम के दौरान आचार्यश्री महाश्रमणजी ने आचार्य शिवमुनिजी से कहा—आपने मुझे जो सम्मान दिया, अलंकरण दिया, उसके लिए मैं आपके प्रति और श्रमणसंघ के प्रति बार-बार आभार व्यक्त करता हूं, उसका सम्मान करता हूं, किन्तु उस सन्दर्भ में अपने विचार आपको बताना चाहूंगा। उसे अन्यथा न लें। पिछले कुछ अर्से से मेरे मन में यह धारणा बनी हुई है—'सव्वे आभरणा भारा' ये अलंकरण और सम्मान तो भार होते हैं।
जैन धर्म को जानने के लिए चैनल से जुड़े - https://whatsapp.com/channel/0029VayfLav6GcG8zAG6gz2G
*समण संस्कृति संकाय*
कार्यालय संपर्क सूत्र-
*9784762373, 9694442373, 9785442373*
📲 प्रस्तुति : *समण संस्कृति संकाय, जैन विश्व भारती*
📲 संप्रसारक : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
Source: © Facebook
*_13 मई_*
अगर हमारा मन
कठिनाइयों को झेलने के लिए तैयार हो जाता है तो कठिनाइयां हमें दु:खी नहीं बना सकती।
- आचार्य महाश्रमण
*रोज की एक सलाह प्राप्त करने के लिए ग्रुप में जुड़े -*
https://chat.whatsapp.com/Bxt0wvs8SJpGSyyXwr1ju1
*- आदर्श साहित्य विभाग, जैन विश्व भारती*
📱+91 87420 04849, +91 87420 04949, +91 77340 04949
📧
🌐https://books.jvbharati.org
*SAMBODHI E-LIBRARY Audible & Readable Mobile Application*
Download link for Google Play Store / Apple App Store
https://www.jvbharati.org/app
📲 प्रस्तुति : *आदर्श साहित्य विभाग, जैन विश्व भारती*
📲 संप्रसारक : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
अगर हमारा मन
कठिनाइयों को झेलने के लिए तैयार हो जाता है तो कठिनाइयां हमें दु:खी नहीं बना सकती।
- आचार्य महाश्रमण
*रोज की एक सलाह प्राप्त करने के लिए ग्रुप में जुड़े -*
https://chat.whatsapp.com/Bxt0wvs8SJpGSyyXwr1ju1
*- आदर्श साहित्य विभाग, जैन विश्व भारती*
📱+91 87420 04849, +91 87420 04949, +91 77340 04949
📧
🌐https://books.jvbharati.org
*SAMBODHI E-LIBRARY Audible & Readable Mobile Application*
Download link for Google Play Store / Apple App Store
https://www.jvbharati.org/app
📲 प्रस्तुति : *आदर्श साहित्य विभाग, जैन विश्व भारती*
📲 संप्रसारक : *अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
Source: © Facebook
Posted on 13.05.2025 08:43
🌞 *नवप्रभात के प्रथम दर्शन* 🌞13 मई, 2025
*प्रस्तुति : अभातेयुप जैन तेरापंथ न्यूज़*
Source: © Facebook