Updated on 01.05.2025 23:31
दीक्षार्थियों का निकाला वर्षीदान वरघोड़ात्याग से वैराग्य और वैराग्य से वीतरागता की यात्रा का नाम है संयम
- आचार्य सम्राट डॉ. श्री शिवमुनि जी म.सा.
1 मई 2025, उधना, सूरत
आज प्रात 8.21 बजे आचार्य सम्राट डॉ. श्री शिवमुनि जी म.सा. के पावन पवित्र मंत्रोच्चार के साथ दीक्षार्थियों का वर्षीदान वरघोड़ा शुभारंभ हुआ। आगे बैण्ड बाजों की धुन व पीछे चार रथों में चारों दीक्षार्थी बैठे शोभायमान लग रहे थे, साथ ही उनके धर्म के माता पिता भी रथ में विराजमान थे, दीक्षार्थियों की जय-जयकार के नारे लगाते हुए यह वर्षीदान वरघोड़ा तेरापंथ भवन से झांसी की रानी गार्डन, मढ़ी की खमणी, गुरुकृपा स्कूल, उधना तरूण कुण्ड विभिन्न मार्गों से होते हुए शिवाचार्य समवसरण पहुंचकर धर्म सभा के परिवर्तित हो गया। रथों से दीक्षार्थियों को उनके धर्म के माता-पिता ने कंधों पर बिठाकर शिवाचार्य समवसरण में प्रवेश करवाया।
दीक्षार्थियों के वर्षीदान वरघोड़ा के अवसर पर आचार्य सम्राट डॉ. श्री शिवमुनि जी म.सा. ने अपने उद्बोधन में फरमाया कि दीक्षा लेना जन्म-जन्मान्तर के पुण्योदय से संभव है। मुमुक्षु दीक्षा के समय सातवें गुणस्थान पर रहता है। कल (2 मई 2025) ये चारों दीक्षार्थी दीक्षा ग्रहण करेंगे और भगवान महावीर के बताये हुए संयम पथ पर आगे बढ़ेंगे। दीक्षा के बाद उसे गुरु के अनुशासन में रहना होता है, गुरु की आज्ञा का पालन करना होता है। भगवान महावीर की वाणी कहती है जिस भाव से दीक्षा अंगिकार कर रहे हैं वही भावना अंतिम श्वांस तक अखण्ड रहे।
उहोंने आचार्य श्री आत्माराम जी म.सा. के जीवन प्रसंगों का उल्लेख करते हुए फरमाया कि आचार्य आत्माराम जी म.सा. श्रमण संघ प्रथम पट्टधर हुए जिनकी साधारण तरीके से एक वृक्ष के नीचे दीक्षा हुई। वे एक विद्वान महापुरुष थे जिन्होंने संस्कृत, प्राकृत भाषा में शास्त्रों की अनेक टिकाएं लिखी।
युवाचार्य श्री महेन्द्रऋषि जी म.सा. ने फरमाया कि संयम बहुत बड़ी आत्म शुद्धि की, आत्म विकास की जिम्मेदारी है। संघ में सम्मलित होने के बाद उसमें सदस्य के रूप में आपके कंधों पर जिम्मेदारी को वहन करना है।
प्रमुख मंत्री श्री शिरीष मुनि जी म.सा. ने अपने उद्बोधन से सभा को संबोधित किया।
आज की सभा में अरिहंत नगर दिल्ली से श्रीसंघ युवाचार्य श्री महेन्द्रऋषि जी म.सा. के चतुर्मास की अर्ज लेकर उपस्थित हुआ।
जोधपुर से आई वैरागन अंशु चौधरी, वैरागन खुशी बोकड़िया ने अपनी भावना व्यक्त की दोनों मुमुक्षुओं का शिवाचार्य आत्म ध्यान फाउण्डेशन की ओर से स्वागत अभिनन्दन किया गया।
महासाध्वी श्री अर्चना जी म.सा. ने ‘‘करना है जीवन को रोशन’’ भजन की प्रस्तुति दी।
विशेष - 2 मई को विशाल जनमेनदनी के मध्य आचार्य सम्राट डॉ. श्री शिवमुनि जी म.सा. चार मुमुक्षुओं जैन भागवती दीक्षा प्रदान करेंगे। इस दीक्षा महोत्सव के साक्षी बनने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालुजनों का आगमन हो चुका है।
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Posted on 01.05.2025 10:22
अक्षय तृतीया वर्षीतप पारणा महोत्सव: दिनांक 30 अप्रैल 2025जैन भागवती दीक्षा महोत्सव: दिनांक 2 मई 2025
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