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प्रेस नोट संसद में दी आचार्य तुलसी को श्रृद्धाजंलि नई दिल्ली/दिनांक 25.07.2014 बीकानेर सांसद अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा के शून्य काल के दौरान तेरापंथ समाज के प्रणेता एवं अणुव्रत आंदोलन के प्रवर्तक आचार्य तुलसी को श्रृद्धांजलि देते हुए कहा कि इनका जन्म शताब्दी वर्ष इस वर्ष मनाया जा रहा है। भारत के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को बढ़ाने तथा सार्वजनिक जीवन में नैतिकता के मापदंड विकसित करने में आचार्य श्री तुलसी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।बीकानेर सांसद ने बताया कि आचार्य तुलसी ने 29 अप्रैल 1950 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात कर अणुव्रत के बारे में जानकारी दी थी तथा 19 दिसंबर 1974 को संसद भवन परिसर में आचार्य श्री तुलसी का सांसदों के समक्ष उद्बोधन भी हुआ था। जीवन में चरित्र निर्माण और नैतिकता के विकास के लिए आचार्य श्री तुलसी ने अणुव्रत की स्थापना की थी अणुव्रत छोटे-छोटे वृत्तों की वो श्रृंखला है जिसके माध्यम से व्यक्ति अपना नैतिक विकास कर सकता है। वर्ष 2013 में भारत सरकार ने इनके नाम से डाक टिकट भी जारी की थी।सांसद मेघवाल ने संसद में भारत सरकार से यह मांग की है कि किसी महत्वपूर्ण संस्था या योजना का नाम आचार्य श्री तुलसी के नाम से किया जाये। जिससे नैतिकता के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था एवं महापुरूषों को एक प्रेरणा मिल सके।