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Ahmedabad 21.06.2014
20 ने अपनायी संन्यास जीवन की राह
अहमदाबाद शहर के 100 वर्ष के इतिहास में प्रथम बार 20 दीक्षा संपन्न हुई
उमडा जन सैलाब
अहमदाबाद। झूमी गयो रे आज झूमी गयो, संयम ना रंग मा झूमी गयो... यही स्वरथे जिन पर शहर में शताब्दी (100 वर्ष) में संभवतया पहली बार आयोजित 20 मुमुक्षुओं की दीक्षा के लिए आयोजित विजय प्रस्थान महोत्सव में शुक्रवार 20 जून 2014 को सवेरे उमड़ा जनसैलाब झूम उठा। महोत्सव में राजस्थान मूल के 5 व माता-पुत्री सहित 20 मुमुक्षुओं ने शुक्रवार सवेरे सांसारिक जीवन त्याग ममता के घर से समता के घर में प्रवेश के लिए दीक्षा ग्रहण कर संन्यास जीवन की राह पकड़ी।
श्री जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघों की ओर से यहां जीएमडीसी मैदान के निकट गांधी ग्राउंड पर विजय प्रस्थान के अपूर्व और आचार्य पुण्यानंदसूरीश्वर के आशीर्वाद से महोत्सव के छठे दिन आचार्य युगभूषणसूरीश्वर ने मुमुक्षुओं को दीक्षा देने के बाद नया नूतन दीक्षितों का नामकरण किया। मंच पर समवशरण की रचना के समक्ष अपनी आज्ञानुवर्तिनी साध्वी चारूनंदिता व जैन धर्म के विविध पंथों के आचार्य व मुनि उपस्थिति थे।
इससे पहले, मुमुक्षुओं ने भगवान के समक्ष प्रदक्षिणा व गुरू वंदना की, लाभार्थियों ने दीक्षार्थियों को विजय तिलक किया, आचार्य युगभूषणसूरीश्वर ने वास निक्षेप किया, मुमुक्षुओं ने देववंदन व बांधणा विधि की, आचार्य ने नंदी सूत्र सुनाया। आचार्य से मुमुक्षुओं ने केशलोचन, प्रवज्या, धवल स्वत्य अपर्ण करने का आग्रह किया और आचार्य ने वासनिक प्रदान किया। मुमुक्षुओं ने प्रदक्षिणा लेकर आचार्य से रजोहरण प्राप्त किया।
इसके बाद मुमुक्षुओं ने अंतिम स्नान के लिए प्रस्थान किया। सभी दीक्षार्थी केश लोच करवाकर, स्नान करके सांसारिक वस्त्रों को छोड़कर धवल वस्त्र धारण कर साधुवेश में मंच पर पहुंचे और मुपत्ति पढ़ने की विधि की व गुरूपूजन किया। इसके बाद आचार्य व साध्वी ने पंचमुष्ठि लोच की केश लोच विधि करके दीक्षार्थियों की माताओं को केश सौंपे। आचार्य ने प्रतिज्ञा सूत्र सुनाया और दीक्षार्थियों ने इस सूत्र की प्रतिज्ञा ली। इसके बाद आचार्य ने प्रदक्षिण की, दीक्षार्थियों ने गुरूपूजन करके नाम अर्पण करने की वंदना की और आचार्य ने नूतन नामकरण किया।
इन क्षेत्रों के दीक्षार्थी
पुष्करवाणी ग्रुप ने जानकारी लेते हुए बताया कि शुक्रवार को दीक्षा लेने वाले 20 दीक्षार्थियों में राजस्थान के मूल निवास 5 में से वर्तमान में बेंगलूरू में रह रहे 4, मुंबई में रह रहे राजस्थान व गुजरात के मूल निवासी एवं वर्तमान में मुंबई के घाटकोपर क्षेत्र निवासी 8, अहमदाबाद के 3 मुमुक्षुओं सहित माता-पुत्री, बुआ-भतीजी, मौसेरे भाई-बहन भी शामिल हैं। संपूर्ण आयोजन के मुख्य लाभार्थी दीक्षार्थियों के परिवारों के अलावा सुशीला प्राणलाल सोमचंद शाह परिवार है।
इस दौरान जस्टिस एम.बी.शाह, एलिसब्रिज क्षेत्र के विधायक राकेश शाह, बेंगलूरू, चेन्नई, मुंबई, राजस्थान के जालौर, सिरोही, पाली व अन्य जिलों, गुजरात सहित देशभर के विभिन्न राज्यों से दीक्षार्थियों के परिवार के सदस्य, रिश्तेदार सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।