01.02.2014 ►STGJG Udaipur ►News

Published: 02.02.2014
Updated: 21.07.2015

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टैंकर की टक्कर से निरंजन मुनि का देवलोक गमन, एक संत गंभीर घायल

शुक्रवार सुबह सवा सात बजे जोधपुर-नागौर हाइवे 65 पर लालावास गांव की सरहद में हुआ हादसा, जैन संत जोधपुर के लिए कर रहे थे विहार, एक संत का जोधपुर में चल रहा है उपचारटैंकर की टक्कर से निरंजन मुनि का देवलोक गमन, एक संत गंभीर घायल

शुक्रवार सुबह सवा सात बजे जोधपुर-नागौर हाइवे 65 पर लालावास गांव की सरहद में हुआ हादसा, जैन संत जोधपुर के लिए कर रहे थे विहार, एक संत का जोधपुर में चल रहा है उपचार

नागौर-जोधपुर हाइवे संख्या 65 पर लालावास गांव की सरहद में शुक्रवार सुबह करीब सवा सात बजे जोधपुर की ओर विहार कर रहे दो जैन संतों को एक टैंकर चालक ने टक्कर मार दी। एक जैन संत निरंजन मुनि की मौके पर ही मौत हो गई। दूसरे संत विनय मुनि भीम गंभीर घायल हो गए। मौके पर पहुंचे लोगों ने उन्हें खींवसर के राजकीय अस्पताल पहुंचाया। यहां से उन्हें जोधपुर रेफर कर दिया। निरंजन मुनि की बाद में नागौर में जैन समाज की ओर से अंत्येष्टि की गई।

कार्यवाहक थानाधिकारी संग्राम सिंह ने बताया कि तीन जैन संत खींवसर क्षेत्र के लालावास गांव के हनुमान मंदिर से रवाना होकर जोधपुर की तरफ जा रहे थे। करीब सवा सात बजे एक टैंकर चालक ने चार पहिया साइकिल चला रहे श्रमण संघीय युवाचार्य मधुकर मुनि के शिष्य निरंजन मुनि (50) को टक्कर मार दी। इस साइकिल पर श्रमण संघ के सलाहकार विनय मुनि भीम (65) पर बैठे थे। हादसे में निरंजन मुनि मौके पर ही देवलोक गमन हो गए। विनय मुनि भीम गंभीर घायल हो गए। सन्मति साहिल मुनि कुछ दूरी पर आगे चल रहे थे। हादसे के बाद मौके पर पहुंचे लोगों ने पुलिस को सूचना दी। गंभीर घायल विनय मुनि भीम को खींवसर के राजकीय अस्पताल ले गए। खींवसर अस्पताल में चिकित्सक नहीं होने के कारण एक बार गुस्साए लोगों ने ताला लगा दिया। बाद में समझाइश से लोग माने और डॉक्टर ने पहुंचकर उपचार शुरू किया। बाद में उन्हें जोधपुर रेफर कर दिया। जोधपुर में उनका उपचार चल रहा है और उनकी स्थिति में सुधार बताया जा रहा है। घटना के बाद टैंकर चालक मौके से भाग गया। खींवसर निवासी बादलचंद जैन ने इस संबंध में रिपोर्ट दी। (शेष पेज १५ पर)

रात्रि विश्राम लालावास के हनुमान मंदिर में था

जैन संतों के दल ने गुरुवार रात्रि लालावास के हनुमान मंदिर में विश्राम किया था। शुक्रवार सुबह तीनों संत जोधपुर के लिए रवाना हुए। मंदिर से करीब दो किलोमीटर आगे टैंकर की टक्कर से यह हादसा हो गया। टैंकर ने निरंजन मुनि को बुरी तरह कुचल दिया।

जैन समाज के लोग पहुंचे खींवसर

निरंजन मुनि के देवलोक गमन व विनय मुनि भीम के गंभीर घायल होने की सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग खींवसर पहुंचे। इसमें जोधपुर, नागौर, सोयला, लाडनूं, धनारी, बावड़ी, खींवसर सहित गांवों से समाज के लोग खींवसर अस्पताल आए। नागौर से रिखबचंद नाहटा, ज्ञानचंद सिंघवी, दशरथ लोढ़ा, विमलचंद नाहटा, पिंटूसा ललवानी, छिमू ललवानी, अर्जुन चौरडिय़ा, प्रमिल नाहटा, नरेंद्र गोयल, चंचल मल ललवानी, महावीर बांठिया, संजय पींचा, गौतम कोठारी, संपत लूणावत, घेवरचंद नाहटा, पारस लूणावत, मनीष भूरट, देवेंद्र सुराणा, कमलचंद ललवानी, मनीष सुराणा, प्रकाशचंद बोहरा, महेंद्र कांकरिया, फतेहचंद ललवानी, महावीर भूरट सहित समाज के लोग पहुंचे।

भास्कर न्यूज क्च खींवसर

नागौर-जोधपुर हाइवे संख्या 65 पर लालावास गांव की सरहद में शुक्रवार सुबह करीब सवा सात बजे जोधपुर की ओर विहार कर रहे दो जैन संतों को एक टैंकर चालक ने टक्कर मार दी। एक जैन संत निरंजन मुनि की मौके पर ही मौत हो गई। दूसरे संत विनय मुनि भीम गंभीर घायल हो गए। मौके पर पहुंचे लोगों ने उन्हें खींवसर के राजकीय अस्पताल पहुंचाया। यहां से उन्हें जोधपुर रेफर कर दिया। निरंजन मुनि की बाद में नागौर में जैन समाज की ओर से अंत्येष्टि की गई।

कार्यवाहक थानाधिकारी संग्राम सिंह ने बताया कि तीन जैन संत खींवसर क्षेत्र के लालावास गांव के हनुमान मंदिर से रवाना होकर जोधपुर की तरफ जा रहे थे। करीब सवा सात बजे एक टैंकर चालक ने चार पहिया साइकिल चला रहे श्रमण संघीय युवाचार्य मधुकर मुनि के शिष्य निरंजन मुनि (50) को टक्कर मार दी। इस साइकिल पर श्रमण संघ के सलाहकार विनय मुनि भीम (65) पर बैठे थे। हादसे में निरंजन मुनि मौके पर ही देवलोक गमन हो गए। विनय मुनि भीम गंभीर घायल हो गए। सन्मति साहिल मुनि ुछ दूरी पर आगे चल रहे थे। हादसे के बाद मौके पर पहुंचे लोगों ने पुलिस को सूचना दी। गंभीर घायल विनय मुनि भीम को खींवसर के राजकीय अस्पताल ले गए। खींवसर अस्पताल में चिकित्सक नहीं होने के कारण एक बार गुस्साए लोगों ने ताला लगा दिया। बाद में समझाइश से लोग माने और डॉक्टर ने पहुंचकर उपचार शुरू किया। बाद में उन्हें जोधपुर रेफर कर दिया। जोधपुर में उनका उपचार चल रहा है और उनकी स्थिति में सुधार बताया जा रहा है। घटना के बाद टैंकर चालक मौके से भाग गया। खींवसर निवासी बादलचंद जैन ने इस संबंध में रिपोर्ट दी। (शेष पेज १५ पर)

रात्रि विश्राम लालावास के हनुमान मंदिर में था

जैन संतों के दल ने गुरुवार रात्रि लालावास के हनुमान मंदिर में विश्राम किया था। शुक्रवार सुबह तीनों संत जोधपुर के लिए रवाना हुए। मंदिर से करीब दो किलोमीटर आगे टैंकर की टक्कर से यह हादसा हो गया। टैंकर ने निरंजन मुनि को बुरी तरह कुचल दिया।

जैन समाज के लोग पहुंचे खींवसर

निरंजन मुनि के देवलोक गमन व विनय मुनि भीम के गंभीर घायल होने की सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग खींवसर पहुंचे। इसमें जोधपुर, नागौर, सोयला, लाडनूं, धनारी, बावड़ी, खींवसर सहित गांवों से समाज के लोग खींवसर अस्पताल आए। नागौर से रिखबचंद नाहटा, ज्ञानचंद सिंघवी, दशरथ लोढ़ा, विमलचंद नाहटा, पिंटूसा ललवानी, छिमू ललवानी, अर्जुन चौरडिय़ा, प्रमिल नाहटा, नरेंद्र गोयल, चंचल मल ललवानी, महावीर बांठिया, संजय पींचा, गौतम कोठारी, संपत लूणावत, घेवरचंद नाहटा, पारस लूणावत, मनीष भूरट, देवेंद्र सुराणा, कमलचंद ललवानी, मनीष सुराणा, प्रकाशचंद बोहरा, महेंद्र कांकरिया, फतेहचंद ललवानी, महावीर भूरट सहित समाज के लोग पहुंचे।

भास्कर न्यूज क्च खींवसर

नागौर-जोधपुर हाइवे संख्या 65 पर लालावास गांव की सरहद में शुक्रवार सुबह करीब सवा सात बजे जोधपुर की ओर विहार कर रहे दो जैन संतों को एक टैंकर चालक ने टक्कर मार दी। एक जैन संत निरंजन मुनि की मौके पर ही मौत हो गई। दूसरे संत विनय मुनि भीम गंभीर घायल हो गए। मौके पर पहुंचे लोगों ने उन्हें खींवसर के राजकीय अस्पताल पहुंचाया। यहां से उन्हें जोधपुर रेफर कर दिया। निरंजन मुनि की बाद में नागौर में जैन समाज की ओर से अंत्येष्टि की गई।

कार्यवाहक थानाधिकारी संग्राम सिंह ने बताया कि तीन जैन संत खींवसर क्षेत्र के लालावास गांव के हनुमान मंदिर से रवाना होकर जोधपुर की तरफ जा रहे थे। करीब सवा सात बजे एक टैंकर चालक ने चार पहिया साइकिल चला रहे श्रमण संघीय युवाचार्य मधुकर मुनि के शिष्य निरंजन मुनि (50) को टक्कर मार दी। इस साइकिल पर श्रमण संघ के सलाहकार विनय मुनि भीम (65) पर बैठे थे। हादसे में निरंजन मुनि मौके पर ही देवलोक गमन हो गए। विनय मुनि भीम गंभीर घायल हो गए। सन्मति साहिल मुनि कुछ दूरी पर आगे चल रहे थे। हादसे के बाद मौके पर पहुंचे लोगों ने पुलिस को सूचना दी। गंभीर घायल विनय मुनि भीम को खींवसर के राजकीय अस्पताल ले गए। खींवसर अस्पताल में चिकित्सक नहीं होने के कारण एक बार गुस्साए लोगों ने ताला लगा दिया। बाद में समझाइश से लोग माने और डॉक्टर ने पहुंचकर उपचार शुरू किया। बाद में उन्हें जोधपुर रेफर कर दिया। जोधपुर में उनका उपचार चल रहा है और उनकी स्थिति में सुधार बताया जा रहा है। घटना के बाद टैंकर चालक मौके से भाग गया। खींवसर निवासी बादलचंद जैन ने इस संबंध में रिपोर्ट दी। (शेष पेज १५ पर)

रात्रि विश्राम लालावास के हनुमान मंदिर में था

जैन संतों के दल ने गुरुवार रात्रि लालावास के हनुमान मंदिर में विश्राम किया था। शुक्रवार सुबह तीनों संत जोधपुर के लिए रवाना हुए। मंदिर से करीब दो किलोमीटर आगे टैंकर की टक्कर से यह हादसा हो गया। टैंकर ने निरंजन मुनि को बुरी तरह कुचल दिया।

जैन समाज के लोग पहुंचे खींवसर

निरंजन मुनि के देवलोक गमन व विनय मुनि भीम के गंभीर घायल होने की सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग खींवसर पहुंचे। इसमें जोधपुर, नागौर, सोयला, लाडनूं, धनारी, बावड़ी, खींवसर सहित गांवों से समाज के लोग खींवसर अस्पताल आए। नागौर से रिखबचंद नाहटा, ज्ञानचंद सिंघवी, दशरथ लोढ़ा, विमलचंद नाहटा, पिंटूसा ललवानी, छिमू ललवानी, अर्जुन चौरडिय़ा, प्रमिल नाहटा, नरेंद्र गोयल, चंचल मल ललवानी, महावीर बांठिया, संजय पींचा, गौतम कोठारी, संपत लूणावत, घेवरचंद नाहटा, पारस लूणावत, मनीष भूरट, देवेंद्र सुराणा, कमलचंद ललवानी, मनीष सुराणा, प्रकाशचंद बोहरा, महेंद्र कांकरिया, फतेहचंद ललवानी, महावीर भूरट सहित समाज के लोग पहुंचे।

> खींवसर. हादसे के बाद सड़क किनारे गिरी साइकिल व मौका मुआयना करती पुलिस।

निरंजन मुनि।

> नागौर. निरंजन मुनि की शवयात्रा में शामिल जैन समाज के लोग

टैंकर की टक्कर.....

नागौर में हुआ अंतिम संस्कार: नागौर से पहुंचे जैन समाज के लोगों ने साहिल मुनि से निरंजन मुनि का अंतिम संस्कार नागौर में कराने का आग्रह किया। साहिल मुनि ने इसकी अनुमति दी। करीब दस बजे समाज के लोग मुनि की पार्थिव देह लेकर नागौर रवाना हुए। नागौर में निरंजन मुनि की पार्थिव देह दर्शन के लिए जयमल जैन पौषधशाला में रखी गई। यहां अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त नागौर, कुचेरा, जोधपुर, ब्यावर, अलाय, डेह, खींवसर, पाली, सोयला, मेड़ता सिटी सहित अन्य जगह से पहुंचे। करीब चार बजे पार्थिव देह को उठाया गया। शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए अंतिम यात्रा टीकू नाडा पहुंची जहां उनकी अंत्येष्टि की गई।

जोधपुर से डेह आए थे जैन संत: जैन संतों का दल जोधपुर से 12 जनवरी को डेह पहुंचा था। यहां अंधता गौ रक्षा समिति के शताब्दी वर्ष कार्यक्रम में भाग लिया था। इसके बाद डेह से रवाना होकर 26 जनवरी को नागौर पहुंचे थे। नागौर में प्रवास के बाद दल जोधपुर के लिए रवाना हो गया था।

विनय मुनि भीम का 43वां दीक्षा दिवस मनाया था नागौर में: श्री स्थानकवासी जयमल जैन श्रावक संघ के सचिव रिखबचंद नाहटा व सदस्य छिमू ललवानी ने बताया कि 26 जनवरी को नागौर में विनय मुनि भीम का 43वां दीक्षा दिवस मनाया गया था। दीक्षा दिवस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे।

जैन समाज में शोक की लहर: हादसे की खबर नागौर जिले सहित प्रदेश के अन्य जिलों में भी फैल गई। निरंजन मुनि के देवलोक गमन के समाचार सुनते ही लोगों की आंखों में आंसू आ गए। नागौर में उनकी पार्थिव देह के दर्शन के दौरान जैन साध्वियां खुद को नहीं रोक पाई। उनकी आंखों से आंसू निकल पड़े। अजमेर प्रवास कर रहे आचार्य डॉ. शिव मणि व रूपचन्द रजत ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।

जैन समाज ने बंद रखे प्रतिष्ठान: जैन मुनि के देवलोक गमन के शोक में नागौर के जैन समाज के लोगों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। शनिवार सुबह सवा नौ बजे जयमल जैन पौषधशाला में शोक सभा रखी है।

पाली में होली चातुर्मास करने जा रहे थे निरंजन मुनि: निरंजन मुनि ने अपने गुरु व गुरु भ्राता के साथ के साथ राजस्थान, कर्नाटक, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश सहित राज्यों की यात्रा की। नागौर में विनय मुनि भीम के दीक्षा वर्ष के मौके पर पाली में उन्होंने पाली में 17 मार्च से होली चातुर्मास की स्वीकृति दी थी। नागौर से मुनियों का दल जोधपुर होते हुए पाली जा रहा था। निरंजन मुनि का जन्म पीपाड़ सिटी में सात अप्रैल 1969 में केवलचंद देशलहरा के घर हुआ। उनकी माता का नाम भीखी बाई था। वैराग्य अवस्था एक वर्ष तक रही। उनके दीक्षा प्रेरणा दाता तपाचार्य मनोहर कुंवर व तपाचार्य जयमाला महाराज थे। दीक्षा लांबा जाटान में 22 नंवबर 1989 को हुई। उनकी दीक्षा के गुरु उप प्रवर्तक श्रमण संघीय सलाहकार विनय मुनि भीम हैं। निरंजन मुनि के गुरु भ्राता साहिल मुनि हंैं। निरंजन मुनि ने अनेक तपस्याएं की जिनमें बेला, तेला, अठाई, नौ, इकतीस, एक सौ पांच की बड़ी तपस्या की। एक सौ एक भी तपस्या भी की। निरंजन मुनि सेवाभावी थे और स्वाध्याय में लीन रहते थे।

जैन संतों की सुरक्षा की मांग: श्री पाश्र्वनाथ जैन युवा मंच ने युवा जैन संत निरंजन मुनि के सड़क हादसे में निधन पर शोक व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। मंच के संरक्षक सुरेश ललवानी ने बताया कि खींवसर के निकट सड़क हादसे में जैन मुनि का देवलोक गमन हो गया। उन्होंने ज्ञापन में जैन संतों की सुरक्षा व दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।

हादसे के बाद पुलिस ने जब्त किया टेंकर।

निरंजन मुनि का पार्थिव देह नागौर पहुंची तो साध्वियों की आंखों से आंसू निकल पड़े।

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