30.08.2013 ►Jain Terapanth News

Published: 30.08.2013
Updated: 08.09.2015

News in Hindi

चेन्नई जै त स न्यूज ब्योरो के लिए सुश्री नम्रता पिपाडा की रिपोर्ट

बेंगलौर जै त स न्यूज ब्योरो के लिए अभिषेक कावेड़िया

बेंगलौर जै त स न्यूज ब्योरो के लिए अभिषेक कावेड़िया

बेंगलौर जै त स न्यूज ब्योरो के लिए अभिषेक कावेड़िया मैसूर से लक्की श्री श्रीमाल की रिपोर्ट

बेंगलौर जै त स न्यूज ब्योरो के लिए अभिषेक कावेड़िया की रिपोर्ट

कोलकता जै त स न्यूज ब्योरो के लिए पंकज दुधुडिया की रिपोर्ट

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भगतचरण दास ने राजसमंद स्थित भिक्षु निलयम् में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में शिरकत की मुनि श्री भूपेद्रकुमारजी के सानिध्य में हुआ कार्यक्रम

राजसमन्द जै त स न्यूज ब्योरो के लिए रुचिर जैन की रिपोर्ट

आस्था के बिना ज्ञान अधूरा मंत्री मुनि सुमेरमलजी
लाडनूं 30 अगस्त 2013 जै त स न्यूज ब्योरो के लिए समृद्धि नाहर

ज्ञान का महत्व है, लेकिन उससे भी अधिक महत्व है आस्था का है। आस्थावान व्यक्ति अपने संयम के पर्याय को निरंतर उज्ज्वल बनाते हुए आगे बढ़ता है। ये विचार मंत्री मुनि सुमेरमल ने जैन विश्वभारती स्थित सुधर्मा सभा में गुरुवार को प्रवचन सभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।

उन्होंने कहा कि ज्ञान आदमी से व्यक्ति देख सकता है, किंतु ज्ञान से आगे बढऩे का क्रम कम होता है यदि आस्था व श्रद्धा नहीं है। आस्था के साथ किया गया पुरुषार्थ हर दृष्टि से कर्मों को तोडऩे वाला हो तो व्यक्ति आगे बढ़ सकता है। नैतिकता का बीज अध्यात्म है। यह बीज न हो तो नैतिकता का जन्म ही नहीं हो सकता है। कोई व्यक्ति धोखा न देने अथवा मिलावट न करने का संकल्प करें। यदि उसके मन में धर्म के प्रति आस्था का भाव नहीं है तो वह उस संकल्प को किसी भी स्थिति में नहीं निभा सकता है। गुरुवार को अपरिहार्य कारण से आचार्य महाश्रमण का प्रवचन नहीं हो पाया। जयपुर से महिला मंडल का एक दल लाडनूं पहुंचा।

बिना जीव के संयोग से अजीव कार्य नहीं करता: साध्वी कमलश्री
बालोतरा 30 सितम्बर 2013 जैतेन्यू समाचार के लिए स्वरूप चन्द दाँती

जैन तत्व दर्शन का सिद्धांत ‘अनादि पारिणामिक भाव’ के अनुसार जीव और अजीव तीनों कालों में जीव, जीव ही और अजीव, अजीव ही रहता है। काम-भोग अजीव करता है, लेकिन नाम जीव का आता है। क्योंकि बिना जीव के संयोग के अजीव कभी कोई कार्य नहीं कर सकता है। भव्य जीव पापभिरू, सम्यक्त्वी, दया-भाव, देव-गुरु-धर्म के प्रति पूर्ण रूप से श्रद्धावान होता है। ये विचार अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद की ओर से निर्देशित एवं तेरापंथ युवक परिषद की ओर से आयोजित जैन विद्या कार्यशाला के अंतर्गत शासनश्री साध्वी कमलश्री ने व्यक्त किए।
साध्वी श्री ने कहा कि मोक्षार्थी जीव अंतिम समय में चरित्र को धारण कर आत्म साधना के द्वारा क्रोध, मान, माया, लोभरुपी कषाय चतुष्क को तोड़ क्षपकश्रेणी को प्राप्त कर वितरागता को प्राप्त करता है।
साध्वी जिनरेखा ने कहा कि प्राणी के जीवन में सम्यक्त्व का एक बार स्पर्श होने पर वह अद्धपुदगल परावर्तन काल में अवश्य ही मोक्ष को प्राप्त करता है।
साध्वी मधुरयशा ने कहा कि जगत को समझने के लिए जीव और अजीव के अस्तित्व और उनके संबंधों को समझना जरूरी है। नियमित चलने वाली कार्यशाला की इन कलाशों में साध्वी ध्वलप्रभा, साध्वी श्वेतप्रभा, साध्वी मार्दवयशा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। साध्वी की ओर से पूछे गए प्रश्रों के सही जवाब देने वालों को तथा उपस्थिति में टोकन द्वारा आने वाले संभागियों को कार्यशाला के प्रायोजक फूलीदेवी के 22 वें वर्षीतप के उपलक्ष्य में चंदनमल लूणचंद सुरेश कुमार वागमार परिवार की ओर से पुरस्कृत किया गया।
तेयुप सहमंत्री स्वरुपचंद दांती ने बताया कि देशभर में एक साथ चलने वाली कार्यशाला में बालोतरा से 265 संभागी भाग ले रहे हैं। इनकी परीक्षा एक साथ पूरे भारत वर्ष और नेपाल में 1 सितंबर को दोपहर में आयोजित होगी। कार्यशाला का समापन समारोह रविवार को सुबह प्रवचन के समय मनाया जाएगा।

OM ARHAM JTN DELHI. DINANK 1-9-2013 SE MEHRAULI DELHI ME PREKSHA DHYAN SHIVIR ME MARG DARSHAN HETU SHASAN SHRI MUNI SUKH LAL JI (THANA-3) GREEN PARK SE VIHAR KAR EK DIVISHIYA PRAV ME PRAVAS-SHRICHAND BORAR,C-144,IIND FLOOR, SARVODYA ENCLAVE,NEW DELHI-17.MOB.9312500834.PHOTO SABHAR-HIRA LAL GELRA

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